पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर लैंड फॉर जॉब मामले में चार्जशीट दाखिल किया गया है. इस मामले को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है. आरजेडी और जदयू के तरफ से कहा जा रहा है कि बीजेपी ने एजेंसियों का दुरुपयोग कर तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम डलवाया गया है. वहीं इसको लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि डाक्यूमेंट्स कहां से आया किसने दिया?
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बोले सम्राट- 'नीतीश ने तेजस्वी के खिलाफ रची साजिश': सम्राट चौधरी ने कहा कि जब डॉक्यूमेंट जदयू ने दिया तो फंसाने का काम जनता दल यूनाइटेड के लोग ही किए हैं. उन्होंने कहा जदयू के लोग फंसाने का काम किए हैं लेकिन बीजेपी का नाम डाला जा रहा है. 1996 में प्रधानमंत्री देवगौड़ा जी थे और आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू जी थे. उस समय की सरकार किसकी थी, जिसने लालू को फंसाया. कागज किसने दिया उससे सवाल किया जाना चाहिए.
"नीतीश कुमार इस पूरे षडयंत्र को रचे हैं. 1999 से नीतीश कुमार को झेल रहा हूं. प्रतिदिन राज्यपाल से मिलने जाते थे. नीतीश कुमार जैसा षड्यत्रकारी बहुरूपिया नेता नहीं मिल सकता है. नीतीश कुमार को बहरूपिया इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वह प्रतिदिन अपना चोला बदलते हैं. खुद लालू यादव ने कहा था कि जिस तरह से सांप अपना खाल बदलता है, नीतीश चोला बदलते हैं."- सम्राट चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, बिहार
'सबको फंसाते और डराते हैं नीतीश': उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार का साल दो साल में किसी भी दल से मन भर जाता है और फिर सहयोगी बदल लेते हैं. समता पार्टी का दौर हुआ करता था, उस समय का एक आदमी भी नहीं बचा है जिसे नीतीश कुमार ने निकाला नहीं है. नीतीश राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर एमपी एमएलए तक को निकालने का काम किए हैं. सबको फंसाने का काम बिहार में एक व्यक्ति करते हैं और वो नीतीश कुमार हैं.
ललन सिंह को सम्राट चौधरी का जवाब: ललन सिंह ने अपने बयान में कहा था कि तेजस्वी को पहले से पता था कि ऐसा होगा, इसपर सम्राट चौधरी ने कहा कि जदयू के लोग ठीक कह रहे हैं. बिहार में नीतीश कुमार फंसाने का काम करते हैं और फंसाकर नीतीश कुमार डराने का काम करते हैं. तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर के सम्राट चौधरी ने साफ तौर पर कहा कि राजद में नैतिकता के आधार पर इस्तीफा की बात की मैं उम्मीद ही नहीं करता हूं.
तेजस्वी को किया गया चार्जशीटेड: बता दें कि जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी सहित लालू परिवार के कई सदस्यों पर पहले से आरोप है. अब तेजस्वी यादव का नाम भी उसमें शामिल किया गया है. इस मामले में 12 जुलाई को सुनवाई होनी है. फिलहाल तेजस्वी यादव बिहार से बाहर विदेश दौरे पर हैं.