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बिहार भाजपा के पोस्टर से बदल गये चेहरेः सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को मिली जगह - भाजपा नेता विजय सिन्हा

नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर जाने के बाद भाजपा आत्मनिर्भर बनने की कोशिश में जुटी है. पार्टी अब युवा नेताओं को आगे कर रही है. खासकर वैसे नेता जो नीतीश विरोधी छवि के माने जाते हैं. उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है. कोर कमेटी में भी (BJP core committee format Changes ) वैसे नेताओं की दखल बढ़ने जा रही है.

पोस्टरों में चेहरे बदले
पोस्टरों में चेहरे बदले
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Published : Nov 28, 2022, 7:54 PM IST

पटना: बिहार में भाजपा बदलाव के दौर से गुजर रही है. नीतीश कुमार से अलग होने के बाद भाजपा एकला चलो की राह पर है. युवा नेताओं को पार्टी आगे कर रही है. पार्टी में वैसे नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है जिनकी छवि नीतीश विरोधी है. भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पोस्टरों से चेहरे भी बदले (Faces changed in BJP office posters)जा रहे हैं. पहले पोस्टर में नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा के अलावा संजय जायसवाल, तार किशोर प्रसाद और रेणू देवी की तस्वीर हुआ करती थी. लेकिन नए पोस्टर में संजय जायसवाल के अलावा विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी की तस्वीर लग गई.

इसे भी पढ़ेंः नीतीश कुमार बिहार के लिए अप्रासंगिक, लव कुश समीकरण भी उनके साथ नहीं है- सम्राट चौधरी

बिहार भाजपा के पोस्टर से बदल गये चेहरे.


सम्राट चौधरी का कद बढ़ाः कुशवाहा जाति से आने वाले सम्राट चौधरी का पार्टी में कद लगातार बढ़ रहा है. सम्राट चौधरी को विधान परिषद में विरोधी दल का नेता बनाया गया है. आपको बता दें की सम्राट चौधरी जदयू में रह चुके हैं और नीतीश कैबिनेट में मंत्री भी बनाए गए थे. मांझी प्रकरण में सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया था. बाद में सम्राट चौधरी भाजपा में शामिल हो गए थे. फिर नीतीश कुमार भी एनडीए में आ गये. नीतीश कुमार के विरोध के चलते लोकसभा और विधानसभा में सम्राट चौधरी को टिकट नहीं मिली थी. बाद में भाजपा कोटे से विधान परिषद गए और पंचायती राज मंत्री बनाए गए.

इसे भी पढ़ेंः 'सरकार कर रही नियुक्ति घोटाला, पहले से नियोजित लोगों को फिर से दे रही Appointment Letter'- सम्राट चौधरी

नीतीश कुमार से अदावतः विजय सिन्हा और नीतीश कुमार के बीच अदावत जगजाहिर है. सदन के अंदर जिस तरीके से दोनों नेता भिड़ गए थे उसका गवाह पूरा सदन बना था. बाद में किसी तरह दोनों नेताओं के बीच समझौता हुआ था. विजय सिन्हा ने ई टीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा था कि नीतीश कुमार नहीं चाहते थे कि मैं अध्यक्ष पद पर बना रहूं. विजय सिन्हा को भी नीतीश विरोधी होने का फायदा मिला और वह विधानमंडल दल के नेता बनाए गए. विजय सिन्हा अगड़ी जाति से आते हैं.

इसे भी पढ़ेंः CM नीतीश को लेकर विजय सिन्हा की फिसली जुबान -'कोई ताकत नहीं है जो रोक लेगा आपको अगली बार सरकार में आने से'

पार्टी ने जताया भरोसाः सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सदन के अंदर और दल के अंदर ताकतवर नेता के रूप में उभरे हैं. बदली हुई परिस्थितियों में दोनों नेताओं पर पार्टी ने भरोसा भी जताया है. इंटरनल कोर कमेटी में भी दोनों नेताओं को जगह दी जा चुकी है. इस बात के संकेत मिल रहे हैं पार्टी दफ्तर में पोस्टरों में संजय जायसवाल के अलावा सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की तस्वीर लगाई जा रही है. बता दें कि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की जगह पर पहले तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी की तस्वीर हुआ करती थी. दोनों नेता इंटरनल कोर कमेटी के सदस्य थे. बता दें कि बिहार भाजपा की कोर कमेटी में कुल 17 सदस्य हैं. तीन आमंत्रित सदस्य भी हैं. कुल मिलाकर 20 कोर कमेटी में सदस्य हैं. इसके अलावा आंतरिक कोर कमेटी में नागेंद्र नाथ, भिखूभाई दलसानिया, नित्यानंद राय, संजय जायसवाल, रेणु देवी और तार किशोर प्रसाद सदस्य थे. रेणु देवी और तार किशोर प्रसाद की जगह सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा लेंगे.

इसे भी पढ़ेंः 'भारत को बदनाम कर रहे आजम-ओवैसी' : गिरिराज बोले- देश विरोधी नारे लगते हैं तब जुबान क्यों नहीं खुलती?


प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रहा मंथनः भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि जो आएंगे उनका चेहरा लगेगा. जो वर्तमान में है उनका चेहरा लग रहा है. परिवर्तन संसार का नियम है. पार्टी प्रवक्ता विनोद शर्मा का मानना है कि विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी के महत्व को पार्टी ने समझा है. लिहाजा दोनों नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. दोनों नेता नीतीश कुमार को लेकर मुखर भी रहे हैं. भाजपा के प्रदेश मंत्री संजीव क्षत्रिय का कहना है कि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा दोनों कोर कमेटी के सदस्य तो है ही साथ ही शीर्ष कोर कमेटी में भी दोनों नेताओं की भूमिका है. इंटरनल कोर कमेटी में प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, संगठन महामंत्री, नित्यानंद राय के अलावा सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा शामिल हैं. 15 दिसंबर तक प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी अंतिम फैसला होना है. संभव है कि संजय जायसवाल को ही अगले कार्यकाल के लिए विस्तार दे दिया जाए.

'परिवर्तन संसार का नियम है. जो आएंगे उनका चेहरा लगेगा. जो वर्तमान में है उनका चेहरा लग रहा है. विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी के महत्व को पार्टी ने समझा है. लिहाजा दोनों नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है'-अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता

पटना: बिहार में भाजपा बदलाव के दौर से गुजर रही है. नीतीश कुमार से अलग होने के बाद भाजपा एकला चलो की राह पर है. युवा नेताओं को पार्टी आगे कर रही है. पार्टी में वैसे नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है जिनकी छवि नीतीश विरोधी है. भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पोस्टरों से चेहरे भी बदले (Faces changed in BJP office posters)जा रहे हैं. पहले पोस्टर में नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा के अलावा संजय जायसवाल, तार किशोर प्रसाद और रेणू देवी की तस्वीर हुआ करती थी. लेकिन नए पोस्टर में संजय जायसवाल के अलावा विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी की तस्वीर लग गई.

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बिहार भाजपा के पोस्टर से बदल गये चेहरे.


सम्राट चौधरी का कद बढ़ाः कुशवाहा जाति से आने वाले सम्राट चौधरी का पार्टी में कद लगातार बढ़ रहा है. सम्राट चौधरी को विधान परिषद में विरोधी दल का नेता बनाया गया है. आपको बता दें की सम्राट चौधरी जदयू में रह चुके हैं और नीतीश कैबिनेट में मंत्री भी बनाए गए थे. मांझी प्रकरण में सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया था. बाद में सम्राट चौधरी भाजपा में शामिल हो गए थे. फिर नीतीश कुमार भी एनडीए में आ गये. नीतीश कुमार के विरोध के चलते लोकसभा और विधानसभा में सम्राट चौधरी को टिकट नहीं मिली थी. बाद में भाजपा कोटे से विधान परिषद गए और पंचायती राज मंत्री बनाए गए.

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नीतीश कुमार से अदावतः विजय सिन्हा और नीतीश कुमार के बीच अदावत जगजाहिर है. सदन के अंदर जिस तरीके से दोनों नेता भिड़ गए थे उसका गवाह पूरा सदन बना था. बाद में किसी तरह दोनों नेताओं के बीच समझौता हुआ था. विजय सिन्हा ने ई टीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा था कि नीतीश कुमार नहीं चाहते थे कि मैं अध्यक्ष पद पर बना रहूं. विजय सिन्हा को भी नीतीश विरोधी होने का फायदा मिला और वह विधानमंडल दल के नेता बनाए गए. विजय सिन्हा अगड़ी जाति से आते हैं.

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पार्टी ने जताया भरोसाः सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सदन के अंदर और दल के अंदर ताकतवर नेता के रूप में उभरे हैं. बदली हुई परिस्थितियों में दोनों नेताओं पर पार्टी ने भरोसा भी जताया है. इंटरनल कोर कमेटी में भी दोनों नेताओं को जगह दी जा चुकी है. इस बात के संकेत मिल रहे हैं पार्टी दफ्तर में पोस्टरों में संजय जायसवाल के अलावा सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की तस्वीर लगाई जा रही है. बता दें कि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की जगह पर पहले तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी की तस्वीर हुआ करती थी. दोनों नेता इंटरनल कोर कमेटी के सदस्य थे. बता दें कि बिहार भाजपा की कोर कमेटी में कुल 17 सदस्य हैं. तीन आमंत्रित सदस्य भी हैं. कुल मिलाकर 20 कोर कमेटी में सदस्य हैं. इसके अलावा आंतरिक कोर कमेटी में नागेंद्र नाथ, भिखूभाई दलसानिया, नित्यानंद राय, संजय जायसवाल, रेणु देवी और तार किशोर प्रसाद सदस्य थे. रेणु देवी और तार किशोर प्रसाद की जगह सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा लेंगे.

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प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रहा मंथनः भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि जो आएंगे उनका चेहरा लगेगा. जो वर्तमान में है उनका चेहरा लग रहा है. परिवर्तन संसार का नियम है. पार्टी प्रवक्ता विनोद शर्मा का मानना है कि विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी के महत्व को पार्टी ने समझा है. लिहाजा दोनों नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. दोनों नेता नीतीश कुमार को लेकर मुखर भी रहे हैं. भाजपा के प्रदेश मंत्री संजीव क्षत्रिय का कहना है कि सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा दोनों कोर कमेटी के सदस्य तो है ही साथ ही शीर्ष कोर कमेटी में भी दोनों नेताओं की भूमिका है. इंटरनल कोर कमेटी में प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, संगठन महामंत्री, नित्यानंद राय के अलावा सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा शामिल हैं. 15 दिसंबर तक प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी अंतिम फैसला होना है. संभव है कि संजय जायसवाल को ही अगले कार्यकाल के लिए विस्तार दे दिया जाए.

'परिवर्तन संसार का नियम है. जो आएंगे उनका चेहरा लगेगा. जो वर्तमान में है उनका चेहरा लग रहा है. विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी के महत्व को पार्टी ने समझा है. लिहाजा दोनों नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है'-अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता

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