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अब पटना में 'रग्बी चाय वाला' : नेशनल खेल ग्राउंड से टी स्टॉल तक का सफर - graduate chai wali

Patna News आपने रग्बी खेल देखा होगा. लेकिन अब इसे पी भी सकते हैं. जी हां हम रग्बी चाय की बात कर रहे हैं. दरअसल पटना के बाढ़ में इनदिनों एक रग्बी चाय वाला काफी चर्चा में है. बिहार के रग्बी खिलाड़ी सौरभ कई नेशनल खेल में भाग ले चुके हैं. लेकिन रग्बी खेल ग्राउंड से टी स्टॉल तक का सफर आसान नहीं रहा. पढ़ें पूरी खबर...

खेल ग्राउंड में गोल करते सौरभ (लाल टी-शर्ट में) और इधर चाय का लगाया स्टॉल
खेल ग्राउंड में गोल करते सौरभ (लाल टी-शर्ट में) और इधर चाय का लगाया स्टॉल
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Published : Dec 25, 2022, 4:04 PM IST

पटना के बाढ़ में रग्बी चाय वाला सौरभ कुमार.

पटनाः बिहार में ग्रेजुएट चाय वाली, कैदी चाय वाला, MBA Chai Wala और बेवफा चाय वाला का नाम सुना होगा. लेकिन इनदिनों पटना में रग्बी चाय वाला (Rugby Chai Wala) काफी चर्चा में है. जो रग्बी के खेल मैदान से टी-स्टॉल तक का सफर किया जो आसान नहीं रहा. दरअसल पटना के बाढ़ निवासी सौरभ रग्बी खिलाड़ी है, जो तीन नेशनल खेल में भाग ले चुका है. लेकिन मजबूरी में उसने चाय की दुकान खोली और अच्छा चल पड़ा. इसके बाद वह लगातार मेहनत कर लोगों को चाय पिलाने का काम कर रहा है.

यह भी पढ़ेंः आ गया My Second Wife फैमली रेस्टोरेंट, बिहार में नए नाम और स्वाद के लोग हो रहे दीवाने

तीन बार नेशनल खेलाः रग्बी चाय वाला सौरभ ने कहा कि वह तीन बार नेशनल रग्बी खेल चुका है. लेकिन उम्र ज्यादा हो जाने की वजह से कोई काम नहीं मिल पाया तो सोचा कि चाय का स्टॉल लगा लूं. उससे होने वाली कमाई से खर्च को मेंटेन हो सकेगा. साथ ही आने वाले युवाओं और जिनका उम्र गुजर चुका है उनके लिए कुछ किया जाए. इसलिए चाय की दुकान की शुरुआत की है.

रग्बी के रेफ्री का कोर्स कर रहाः सौरभ ने बताया कि 2018 में अंडर-14 हैदराबाद में, अंडर-17 ओडिशा में और मार्च 2022 में ऑल इंडिया रग्बी मुंबई में यूनिवर्सिटी की तरफ से खेला हूं. अभी रग्बी के रेफ्री का कोर्स कर रहा हूं. आने वाले रग्बी खेल में बिहार के लिए रेफ्री कोच के रूप में दिखूंगा. सरकार से आग्रह है कि रग्बी एक प्राइवेट गेम है. मेडल जीतने वाले को ही प्रोत्साहित किया जाता है. लेकिन सरकार अगर इस खेल की ओर ध्यान केंद्रित करे तो युवाओं की प्रतिभाओं को निखारा जा सकता है.

"7 दिसंबर से चाय का स्टॉल लगाया है. अपने खेल को बढ़ावा देने के लिए रग्बी टी स्टॉल खोला हूं. जिसमें अभी एक प्रकार की साधारण चाय बेच रहा हूं. सुबह से शाम तक में 250 से 300 कप की बिक्री हो जाती है. इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए परिवार और दोस्तों का पूरा सहयोग मिला है. नए साल से चाय का नया फ्लेवर भी आ जाएगा." -सौरभ कुमार, रग्बी चाय वाला

बीएसएफ में हैं पिता : बता दें कि सौरभ पटना जिले के बाढ़ वार्ड 10 निवासी बीएसएफ जवान सीताराम सिंह का पुत्र है. सौरभ के पिता छत्तीसगढ़ में पदस्थापित हैं. चूंकि खेल के प्रति सरकार के दोहरे रवैए के कारण कई होनहार आज अपने भविष्य को संवारने के लिए पार्ट टाइम जॉब के साथ पढ़ाई कर रहे हैं. अपने सपनों को आत्मनिर्भर भारत की तर्ज सफल बनाना चाहते हैं.

पटना के बाढ़ में रग्बी चाय वाला सौरभ कुमार.

पटनाः बिहार में ग्रेजुएट चाय वाली, कैदी चाय वाला, MBA Chai Wala और बेवफा चाय वाला का नाम सुना होगा. लेकिन इनदिनों पटना में रग्बी चाय वाला (Rugby Chai Wala) काफी चर्चा में है. जो रग्बी के खेल मैदान से टी-स्टॉल तक का सफर किया जो आसान नहीं रहा. दरअसल पटना के बाढ़ निवासी सौरभ रग्बी खिलाड़ी है, जो तीन नेशनल खेल में भाग ले चुका है. लेकिन मजबूरी में उसने चाय की दुकान खोली और अच्छा चल पड़ा. इसके बाद वह लगातार मेहनत कर लोगों को चाय पिलाने का काम कर रहा है.

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तीन बार नेशनल खेलाः रग्बी चाय वाला सौरभ ने कहा कि वह तीन बार नेशनल रग्बी खेल चुका है. लेकिन उम्र ज्यादा हो जाने की वजह से कोई काम नहीं मिल पाया तो सोचा कि चाय का स्टॉल लगा लूं. उससे होने वाली कमाई से खर्च को मेंटेन हो सकेगा. साथ ही आने वाले युवाओं और जिनका उम्र गुजर चुका है उनके लिए कुछ किया जाए. इसलिए चाय की दुकान की शुरुआत की है.

रग्बी के रेफ्री का कोर्स कर रहाः सौरभ ने बताया कि 2018 में अंडर-14 हैदराबाद में, अंडर-17 ओडिशा में और मार्च 2022 में ऑल इंडिया रग्बी मुंबई में यूनिवर्सिटी की तरफ से खेला हूं. अभी रग्बी के रेफ्री का कोर्स कर रहा हूं. आने वाले रग्बी खेल में बिहार के लिए रेफ्री कोच के रूप में दिखूंगा. सरकार से आग्रह है कि रग्बी एक प्राइवेट गेम है. मेडल जीतने वाले को ही प्रोत्साहित किया जाता है. लेकिन सरकार अगर इस खेल की ओर ध्यान केंद्रित करे तो युवाओं की प्रतिभाओं को निखारा जा सकता है.

"7 दिसंबर से चाय का स्टॉल लगाया है. अपने खेल को बढ़ावा देने के लिए रग्बी टी स्टॉल खोला हूं. जिसमें अभी एक प्रकार की साधारण चाय बेच रहा हूं. सुबह से शाम तक में 250 से 300 कप की बिक्री हो जाती है. इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए परिवार और दोस्तों का पूरा सहयोग मिला है. नए साल से चाय का नया फ्लेवर भी आ जाएगा." -सौरभ कुमार, रग्बी चाय वाला

बीएसएफ में हैं पिता : बता दें कि सौरभ पटना जिले के बाढ़ वार्ड 10 निवासी बीएसएफ जवान सीताराम सिंह का पुत्र है. सौरभ के पिता छत्तीसगढ़ में पदस्थापित हैं. चूंकि खेल के प्रति सरकार के दोहरे रवैए के कारण कई होनहार आज अपने भविष्य को संवारने के लिए पार्ट टाइम जॉब के साथ पढ़ाई कर रहे हैं. अपने सपनों को आत्मनिर्भर भारत की तर्ज सफल बनाना चाहते हैं.

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