पटनाः बिहार में शराब पीने से मौत को लेकर राजनीति गरमा गई है. शुक्रवार को विधानसभा शीतकालीन सत्र शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने वेल में पहुंच हंगामा करना शुरू कर दिया. हंगामा के क्रम में विपक्षी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने कुर्सी उठा पटक की. बीजेपी विधायकों के हरकत पर राजद विधायक आलोक मेहता ने नाराजगी जताई कहा कि यह आचरण अशोभनीय है.
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लोकतंत्र के सारे आचरण को तार-तार कियाः आलोक मेहता ने नेता प्रतिपक्ष विजयी सिन्हा की ओर इशारा करते हुए कहा कि इससे पूर्व सदन के अध्यक्ष हुआ करते थे, अपने कार्यकाल के दौरान वह किसी को मेज थपथपाने भी नहीं देते थे. स्ट्रांग रिएक्शन देते हुए लोकतंत्र की दुहाई देने लगते थे. आज उनकी पार्टी की ओर से सदन में लोकतंत्र के सारे आचरण को तार-तार किया गया है. उन लोगों की तरफ से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कुछ हुआ ही नहीं है. यह खेद जनक आचरण है.
शराब कांड की हो रही जांचः छपरा शराब कांड (Chapra Hooch Tragedy) को लेकर बीजेपी विधायकों ने राजभवन मार्च किया. जिसपर आलोक मेहता ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का अधिकार है. वह अपना काम कर रही है. लोकतंत्र में सभी को अपने तरीके से अपना पक्ष रखने का अधिकार है. छपरा शराब कांड मामले पर उन्होंने कहा कि एक अलग टास्क फोर्स का गठन किया गया है. छापेमारी चल रही है. शराब बनाने वाले माफियाओं को जल्द पकड़ा जाएगा.
"जो आज नेता प्रतिपक्ष हैं वो कल तक आसन पर थे. अगर कोई सदन में मेज भी थपथपा देता था तो उनका स्ट्रांग रिएक्शन होता था. वे लोकतंत्र की दुहाई देने लगते थे. आज वही लोकतंत्र की मर्यादा को तार तार कर के सत्र में हंगामा कर रहे हैं. यह खेद जनक है और विपक्ष का यह आचरण बिलकुल स्वीकार नहीं है. शराब कांड को लेकर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. जल्द कार्रवाई होगी." -आलोक मेहता, राजद नेता