पटनाः बिहार में 24 जनवरी से लगातार आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट में धांधली के आरोप में बिहार के कई जिलों में छात्र आंदोलन कर रहे हैं. इसी कड़ी में 28 जनवरी शुक्रवार को कई छात्र संगठनों ने बिहार बंद का आह्वान किया था. इस मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने आरआरबी एनटीपीसी के परीक्षार्थियों से बात की. उन्होंने कहा कि उनके इस आंदोलन को कुछ नेता राजनीतिक रंग देने में तुले हुए हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. अभ्यर्थियों ने कहा कि इस पूरे मामले में खान सर बेकसूर (RRB NTPC Students Statement on Khan Sir) हैं. उनको बेवजह फंसाया जा रहा है.
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पटना के सुल्तानगंज इलाके के प्रोफेसर कॉलोनी के लॉज में रहने वाले आरआरबी एनटीपीसी के परीक्षार्थियों ने पूरे आंदोलन का कारण बताया. उन्होंने बताया कि पिछले 3 साल से वे आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा को लेकर सोशल साइट के माध्यम से आंदोलन कर रहे हैं. काफी दिनों बाद विभाग ने रिजल्ट प्रकाशित किया और विभाग द्वारा प्रकाशित रिजल्ट में भी जमकर धांधली की गई, जिसका विरोध उन्होंने 24 जनवरी को पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर किया था. राजेंद्र नगर टर्मिनल पर आंदोलन के दौरान छात्रों पर बेवजह पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और उन पर लाठीचार्ज भी की.
जानकारी दें कि राजेंद्र नगर टर्मिनल पर प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए छात्रों के बयान पर पटना के पत्रकार नगर थाने में खान सर सहित अन्य कई शिक्षकों पर मामले दर्ज किए गए हैं. इस मामले पर बोलते हुए आरआरबी एनटीपीसी के परीक्षार्थियों ने कहा है कि इस पूरे मामले में खान सर बेकसूर हैं. वे लगातार खान सर को फॉलो करते हैं और आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट में हुई धांधली के बाद सोशल साइट के माध्यम से खान सर ने आंदोलन की बातें कही थी. खान सर ने कभी भी किसी अभ्यर्थी को तोड़फोड़ आगजनी करने की बातें नहीं कही. हालांकि परीक्षार्थियों के इस आंदोलन के दौरान कुछ असामाजिक तत्व परीक्षार्थियों के बीच घुस गए और उन्होंने आक्रोश से भरा प्रदर्शन किया, जिसका खामियाजा परीक्षार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है.
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अभ्यर्थियों ने बताया कि चुनाव की प्रक्रिया महज महीने भर में समाप्त हो जाती है. महीने भर में जनप्रतिनिधि को चुन लिया जाता है, तो आखिरकार छात्रों के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ क्यों करती है. हाल के दिनों में हो रहे आंदोलन का कारण भी यही है. अभ्यर्थियों ने बताया कि किसी भी ट्रेन में आग लगाने और आक्रोशित प्रदर्शन करने का इरादा छात्रों का नहीं था. हम लोग ऐसे प्रदर्शन का समर्थन कभी नहीं करते हैं.
पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर हुए हंगामे के बाद खान सर का नाम सामने आने लगा. इनके साथ अन्य कई शिक्षकों पर छात्रों को उकसाने का आरोप लगाया गया. इस मामले पर आरआरबी एनटीपीसी के परीक्षार्थियों ने कहा कि हम खान सर से पढ़ते हैं, उन्हें फॉलो करते हैं. इस तरह के आक्रोशित प्रदर्शन के बारे में उन्होंने भी नहीं कहा था. शुक्रवार 28 जनवरी को बुलाए गए बिहार बंद से उनका कहीं दूर-दूर तक लेना देना नहीं है. यह सब राजनीतिक दलों की एक सोची समझी रणनीति है, जिससे अभ्यर्थियों को कोई लेना-देना नहीं है. मौके पर मौजूद आरआरबी एनटीपीसी के अभ्यर्थी राजनीतिक दलों से सवाल पूछते नजर आए कि जब उन पर लाठी डंडे चल रहे थे, आंसू गैस के गोले दागे जा रहे थे, तब राजनीतिक पार्टियां कहां थीं.
गौरतलब हो कि इस पूरे आंदोलन को देखते हुए आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा में कई बदलाव किए गए हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने भी छात्र हितों को देखते हुए ट्वीट कर उन्हें आश्वासन दिया है. इस मामले पर अभ्यर्थी बताते हैं कि तमाम सरकार में बैठे नेता सिर्फ मौखिक आश्वासन दे रहे हैं, जब तक अभ्यर्थियों को लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक हम शांत बैठने वाले नहीं हैं.
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