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'निकाय चुनाव में EBC की हकमारी में जुटी है महागठबंधन की सरकार', RLJP प्रवक्ता का आरोप

RLJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर कटाक्ष किया (RLJP Spokesperson Attacks On CM Nitish kumar) है. उन्होंने कहा कि वे अतिपिछड़ों के हित की बात कभी नहीं करते. अगर वे इतना ही अतिपिछड़ों की बात करना चाहते तब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को अनदेखा नहीं करते. पढे़ं पूरी खबर..

रालोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल
रालोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल
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Published : Dec 3, 2022, 8:21 AM IST

पटना: राजधानी पटना में रालोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल (RLJP Spokesperson Shravan Agrawal) ने महागठबंधन सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब राजद के रंग में पूरी तरह रंग चुके हैं. सीएम नीतीश कुमार आरजेडी के प्रभाव में आकर विकास और कल्याणकारी कार्य पहले ही भूल गये और अब वे अतिपिछड़ों की हकमारी में भी जुट गए हैं. इसका प्रमाण है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनदेखा करते हुए नगर निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. जो कभी भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से रोका जा सकता है.

यह भी पढ़ेंः निकाय चुनाव 2022: तारीख का ऐलान होते ही उम्मीदवारों के बीच बढ़ गई सरगर्मी, चुनाव प्रचार हुआ शुरू


नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण मामला: आरएलजेपी नेता श्रवण कुमार अग्रवाल ने सीएम नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि वो सिर्फ अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने के लिए अति पिछड़ों का उपयोग करते हैं. उन्हें अतिपिछड़ों का वोट चाहिए लेकिन राजनीतिक अधिकार देने में परेशानी होती है. प्रवक्ता श्रवण ने आगे कहा कि यदि नीतीश कुमार सही मायने में अति पिछड़ों को लेकर गंभीर होते तब नगर निकाय चुनाव पर संकट के बादल नहीं मंडराते रहते. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पिछले चुनावों में लालू प्रसाद वर्षों पंचायत चुनाव के आरक्षण के मामले को लटकाते रहे और आज ठीक उसी प्रकार नीतीश कुमार ने भी चलना शुरु कर दिया है.


राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में राजनीतिक पिछड़ेपन की पहचान के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ट्रिपल टेस्ट के लिए स्वतंत्र आयोग बनाने की बात की गई थी. इसपर राज्य सरकार ने अति पिछड़ा आयोग को ही स्वतंत्र आयोग अधिसूचित कर दिया. इसमें अध्यक्ष सहित सभी सदस्य राजद और जदयू के नेता हैं. इस परिस्थिति में आयोग पर सवाल उठना स्वाभाविक है. क्योंकि यह आयोग कभी भी स्वतंत्र नहीं हो सकता है. इस बात से काफी दुख होता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी नीतीश कुमार अपनी जिद पर अड़े हुए हैं.

"नगर निकाय चुनाव में राजनीतिक पिछड़ेपन की पहचान के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ट्रिपल टेस्ट के लिए स्वतंत्र आयोग बनाने की बात की गई थी. इसपर राज्य सरकार ने अति पिछड़ा आयोग को ही स्वतंत्र आयोग अधिसूचित कर दिया. इसमें अध्यक्ष सहित सभी सदस्य राजद और जदयू के नेता हैं. इस परिस्थिति में आयोग पर सवाल उठना स्वाभाविक है".- श्रवण कुमार अग्रवाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आरएलजेपी

बिहार नगर निकाय चुनाव पर सियासत तेज: बोली RJD- 'अति पिछड़ों की घोर विरोधी है BJP'


पटना: राजधानी पटना में रालोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल (RLJP Spokesperson Shravan Agrawal) ने महागठबंधन सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब राजद के रंग में पूरी तरह रंग चुके हैं. सीएम नीतीश कुमार आरजेडी के प्रभाव में आकर विकास और कल्याणकारी कार्य पहले ही भूल गये और अब वे अतिपिछड़ों की हकमारी में भी जुट गए हैं. इसका प्रमाण है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनदेखा करते हुए नगर निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. जो कभी भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से रोका जा सकता है.

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नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण मामला: आरएलजेपी नेता श्रवण कुमार अग्रवाल ने सीएम नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि वो सिर्फ अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने के लिए अति पिछड़ों का उपयोग करते हैं. उन्हें अतिपिछड़ों का वोट चाहिए लेकिन राजनीतिक अधिकार देने में परेशानी होती है. प्रवक्ता श्रवण ने आगे कहा कि यदि नीतीश कुमार सही मायने में अति पिछड़ों को लेकर गंभीर होते तब नगर निकाय चुनाव पर संकट के बादल नहीं मंडराते रहते. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पिछले चुनावों में लालू प्रसाद वर्षों पंचायत चुनाव के आरक्षण के मामले को लटकाते रहे और आज ठीक उसी प्रकार नीतीश कुमार ने भी चलना शुरु कर दिया है.


राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में राजनीतिक पिछड़ेपन की पहचान के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ट्रिपल टेस्ट के लिए स्वतंत्र आयोग बनाने की बात की गई थी. इसपर राज्य सरकार ने अति पिछड़ा आयोग को ही स्वतंत्र आयोग अधिसूचित कर दिया. इसमें अध्यक्ष सहित सभी सदस्य राजद और जदयू के नेता हैं. इस परिस्थिति में आयोग पर सवाल उठना स्वाभाविक है. क्योंकि यह आयोग कभी भी स्वतंत्र नहीं हो सकता है. इस बात से काफी दुख होता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी नीतीश कुमार अपनी जिद पर अड़े हुए हैं.

"नगर निकाय चुनाव में राजनीतिक पिछड़ेपन की पहचान के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ट्रिपल टेस्ट के लिए स्वतंत्र आयोग बनाने की बात की गई थी. इसपर राज्य सरकार ने अति पिछड़ा आयोग को ही स्वतंत्र आयोग अधिसूचित कर दिया. इसमें अध्यक्ष सहित सभी सदस्य राजद और जदयू के नेता हैं. इस परिस्थिति में आयोग पर सवाल उठना स्वाभाविक है".- श्रवण कुमार अग्रवाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आरएलजेपी

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