नई दिल्ली/पटना: बिहार में विपक्ष आजकल राहुल गांधी के रास्ते पर चल रहा है. राहुल गांधी ने विधेयक फाड़ने का सिलसिला शुरू किया था ठीक उसी रास्ते पर चलते हुए बिहार के विपक्षी दलों ने पुलिस विधेयक को फाड़ दिया, जबकि विपक्ष को पुलिस विधेयक का सर्मथन करना चाहिए. ये बातें बीजेपी के वरिष्ठ नेता आरके सिन्हा ने की.
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विधेयक फाड़ना संविधान का घोर अपमान- आरके सिन्हा
आरके सिन्हा ने कहा कि विधेयक को फाड़ना संविधान का घोर अपमान है. जो संविधान का अपमान करेंगे, वही लोकतंत्र के रक्षा की बात भी करेंगे, यह उचित नहीं है. बिहार के सभी राजनीतिज्ञ प्रबुद्ध हैं. उन्हें तो कम से कम राहुल गांधी के जैसे अपरिपक्वता का प्रदर्शन नहीं ही करना चाहिए. इस तरह का हरकत करने से दल के साथ बिहार की भी बदनामी होगी. आज जब बिहार में विपक्ष अपराध नियंत्रण की बात करता है तो उसे पुलिस के सशक्तिकरण के लिये इस विधेयक का समर्थन करना चाहिये, नहीं तो यही साबित होगा कि विपक्ष अपराधियों के संरक्षण में ही दिलचस्पी रखती है.
पुलिस विधेयक पर विपक्ष ने किया था सदन में हंगामा
बता दें बिहार विधानसभा में ‘बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021’ को लेकर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया था. विपक्ष ने इस बिल की कॉपी भी फाड़ी थी. बिहार सरकार यह जो नया बिल लेकर आई है. इस बिल के कानून बनने के बाद बिहार पुलिस को कई तरह की खास शक्तियां मिल जायेंगी. किसी को भी गिरफ्तार करने के लिए विशेष सशस्त्र पुलिस को वारंट या मजिस्ट्रेट की अनुमति की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. अगर विशेष सशस्त्र पुलिस के किसी भी अधिकारी पर आरोप लगता है तो कोर्ट खुद से संज्ञान नहीं ले पाएगी. बता दें इस विधेयक को 23 मार्च को बिहार विधानसभा में पेश किया जाएगा लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि इस काले कानून को पास नहीं होने देंगे.