पटना: बिहार में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 22 दिसंबर को होने वाला है. उससे पहले बिहार बीजेपी ने बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के पदाधिकारियों के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली है. पदाधिकारियों की सूची में अल्पसंख्यकों को तवज्जो न मिलने पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं.
अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं को जगह नहीं
चुनाव से पहले कुल 70,000 बूथ और 1080 मंडल अध्यक्षों का चयन किया जाएगा. अब तक 908 मंडल अध्यक्षों का चयन किया जा चुका है. जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय से सिर्फ बिहार शरीफ के सैयद अशरफ करीम को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा मंडल अध्यक्ष या जिला अध्यक्षों के नाम की सूची में अल्पसंख्यक समुदाय से एक भी नेता शामिल नहीं है.
संघ की विचारधारा अलग
अल्पसंख्यकों की उपेक्षा को लेकर आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि बीजेपी अल्पसंख्यकों को देश का नागरिक ही नहीं मानती है. संघ की विचारधारा ही ऐसी है कि वह मुसलमान, ईसाई और वामपंथियों को अलग नजरिए से देखती है. ऐसे में उन्हें पार्टी में पद देने का सवाल ही नहीं उठता है.
'काम करने वाले होते हैं सम्मानित'
इसपर जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि पार्टी किसी धर्म, जाति, संप्रदाय के आधार पर नहीं चलती है. हम सबका साथ सबका विकास के सिद्धांत पर काम करते हैं. पार्टी में जो कार्यकर्ता काम करता है उसे ही सम्मान दिया जाता है.