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'जल-जीवन-हरियाली' समर्थक मानव शृंखला में शामिल नहीं होगी RJD - CM Nitish are doing Jal Jeevan Hariyali Yatra

आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मंगलवार को दो टूक कहा कि मानव शृंखला केवल दिखावे की बात है. वहीं, शिवानंद तिवारी ने कहा कि यह केवल 'इमेज' बनाने की रणनीति है.

तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
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Published : Jan 8, 2020, 8:10 AM IST

पटना: बिहार में जल-जीवन-हरियाली के समर्थन और नशा-दहेज विरोध जैसे सामाजिक मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने के मकसद से 19 जनवरी को राज्यभर में बनाई जा रही मानव शृंखला में मुख्य विपक्षी दल आरजेडी शामिल नहीं होगा.

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मंगलवार को दो टूक कहा कि मानव शृंखला केवल दिखावे की बात है. असली मकसद राजनीतिक स्वार्थ है. इसमें आरजेडी के जनप्रतिनिधि भाग नहीं लेंगे. उन्होंने कहा, 'जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम को प्रदेश की राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षणिक और कानून-व्यवस्था के निराशाजनक परिद्दश्य से ध्यान भटकाने की कवायद मात्र है.'

patna
जगदानंद सिंह, आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष

इमेज बनाने की है रणनीति- शिवानंद तिवारी
पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि यह केवल 'इमेज' बनाने की रणनीति है. उन्होंने कहा कि आखिर यह जल-जीवन-हरियाली अभियान क्या पहले नहीं चलता था. उन्होंने कहा कि यह केवल राज्य के लोगों से असली मुद्दों से भटकाना है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब तक पार्टी विधायकों और विधान पार्षदों को आमंत्रण नहीं मिला है. पार्टी का रुख इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखने का है.

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शिवानंद तिवारी, नेता आरजेडी

बिहार शिक्षा विभाग को मिली है जिम्मेदारी
बता दें कि बिहार में अगले 19 जनवरी को बनने वाली मानव शृंखला 16 हजार 298 किलोमीटर लंबी होगी. इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए शिक्षा विभाग को जिम्मेदारी दी गई है. बिहार में बहुचर्चित जल-जीवन-हरियाली मिशन का काम इन दिनों जोरों से चल रहा है.

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सीएम नीतीश कर रहे जल जीवन हरियाली यात्रा

सीएम नीतीश कर रहे जल जीवन हरियाली यात्रा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने इस खास मिशन को लेकर इन दिनों जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान लगातार राज्य के सभी जिलों और प्रखंडों का भ्रमण कर रहे हैं. इस अभियान के तहत पहले चरण में प्रदेश के सभी जिलों, प्रखंडों और पंचायत स्तर पर कम से एक योजना की शुरुआत की गई है. योजना के मुताबिक जल-जीवन-हरियाली मिशन में नौ क्षेत्रों में काम होंगे. सरकार के 12 विभागों को तीन साल में योजना को पूरा करना होगा. तीन साल के दौरान नौ क्षेत्रों में निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने को 24 हजार 524 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगें.

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मानव श्रृंखला की तैयारी जारी

ये भी पढ़ें: सरकार की नीतियों के खिलाफ आज 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियनों का भारत बंद

पहले भी बनाई जा चुकी है मानव श्रृंखला
दरअसल, वर्ष 2017 में 21 जनवरी को शराबबंदी के पक्ष में चार करोड़ लोगों के साथ, जबकि 21 जनवरी, 2018 को बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ 14 हजार किलोमीटर लंबी मानव शृंखला बनाई गई थी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. अब 19 जनवरी, 2020 को दहेज प्रथा एवं बाल विवाह, शराबबंदी और जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर मानव शृंखला बनाने का कार्यक्रम है. इस बार 16 हजार किलोमीटर लंबी मानव शृंखला बनाने का लक्ष्य है. उल्लेखनीय है कि मानव शृंखला का मुख्य आयोजन पटना के गांधी मैदान में होगा। सूत्रों के मुताबिक इसमें मुख्यमंत्री व मंत्री समेत प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नौकरशाह और प्रतिष्ठित नागरिक व आम लोग शामिल होंगे.

पटना: बिहार में जल-जीवन-हरियाली के समर्थन और नशा-दहेज विरोध जैसे सामाजिक मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने के मकसद से 19 जनवरी को राज्यभर में बनाई जा रही मानव शृंखला में मुख्य विपक्षी दल आरजेडी शामिल नहीं होगा.

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मंगलवार को दो टूक कहा कि मानव शृंखला केवल दिखावे की बात है. असली मकसद राजनीतिक स्वार्थ है. इसमें आरजेडी के जनप्रतिनिधि भाग नहीं लेंगे. उन्होंने कहा, 'जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम को प्रदेश की राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षणिक और कानून-व्यवस्था के निराशाजनक परिद्दश्य से ध्यान भटकाने की कवायद मात्र है.'

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जगदानंद सिंह, आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष

इमेज बनाने की है रणनीति- शिवानंद तिवारी
पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि यह केवल 'इमेज' बनाने की रणनीति है. उन्होंने कहा कि आखिर यह जल-जीवन-हरियाली अभियान क्या पहले नहीं चलता था. उन्होंने कहा कि यह केवल राज्य के लोगों से असली मुद्दों से भटकाना है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब तक पार्टी विधायकों और विधान पार्षदों को आमंत्रण नहीं मिला है. पार्टी का रुख इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखने का है.

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शिवानंद तिवारी, नेता आरजेडी

बिहार शिक्षा विभाग को मिली है जिम्मेदारी
बता दें कि बिहार में अगले 19 जनवरी को बनने वाली मानव शृंखला 16 हजार 298 किलोमीटर लंबी होगी. इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए शिक्षा विभाग को जिम्मेदारी दी गई है. बिहार में बहुचर्चित जल-जीवन-हरियाली मिशन का काम इन दिनों जोरों से चल रहा है.

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सीएम नीतीश कर रहे जल जीवन हरियाली यात्रा

सीएम नीतीश कर रहे जल जीवन हरियाली यात्रा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने इस खास मिशन को लेकर इन दिनों जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान लगातार राज्य के सभी जिलों और प्रखंडों का भ्रमण कर रहे हैं. इस अभियान के तहत पहले चरण में प्रदेश के सभी जिलों, प्रखंडों और पंचायत स्तर पर कम से एक योजना की शुरुआत की गई है. योजना के मुताबिक जल-जीवन-हरियाली मिशन में नौ क्षेत्रों में काम होंगे. सरकार के 12 विभागों को तीन साल में योजना को पूरा करना होगा. तीन साल के दौरान नौ क्षेत्रों में निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने को 24 हजार 524 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगें.

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मानव श्रृंखला की तैयारी जारी

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पहले भी बनाई जा चुकी है मानव श्रृंखला
दरअसल, वर्ष 2017 में 21 जनवरी को शराबबंदी के पक्ष में चार करोड़ लोगों के साथ, जबकि 21 जनवरी, 2018 को बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ 14 हजार किलोमीटर लंबी मानव शृंखला बनाई गई थी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. अब 19 जनवरी, 2020 को दहेज प्रथा एवं बाल विवाह, शराबबंदी और जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर मानव शृंखला बनाने का कार्यक्रम है. इस बार 16 हजार किलोमीटर लंबी मानव शृंखला बनाने का लक्ष्य है. उल्लेखनीय है कि मानव शृंखला का मुख्य आयोजन पटना के गांधी मैदान में होगा। सूत्रों के मुताबिक इसमें मुख्यमंत्री व मंत्री समेत प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नौकरशाह और प्रतिष्ठित नागरिक व आम लोग शामिल होंगे.

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मानव शृंखला में शामिल नहीं होगा आरजेडी, rjd to not take part in jal jeevan haryali initiative, राज्यभर में बनाई जा रही मानव शृंखला, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, सीएम नीतीश कर रहे जल जीवन हरियाली यात्रा, बिहार सरकार का जल जीवन हरियाली अभियान, RJD will not be included in human chain, Human chains are being formed across the state, state president Jagdanand Singh, CM Nitish are doing Jal Jeevan Hariyali Yatra, Bihar Government Jeevan Jeevan Hariyali Abhiyan 


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