पटना: बिहार में भले ही लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से कोरोना संक्रमण (Corona) के नए मामले काफी हद तक थम गए हैं. मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. लेकिन बिहार के विभिन्न जिलों से कोरोना जांच के नाम पर धांधली (Corona investigation forgery case )की खबरें सामने आ रही हैं. दरअसल, जिन लोगों ने कोरोना का जांच भी नहीं करवाया, उन लोगों के पास कोरोना नेगेटिव या पॉजिटिव का मैसेज फोन पर आ रहा है. जिसको लेकर विपक्ष ने जांच पर सवाल खड़ा करते हुए सरकार की सोची समझी साजिश बताया.
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'बिहार में फिर एक बार कोरोना जांच का फर्जीवाड़ा सामने आया है. जो रिपोर्ट आई है वो दिल दहला देने वाला है. 90 हजार मुजफ्फरपुर में और 30 हज़ार भागलपुर में कोरोना जांच का कोई अता पता नहीं है. ये आपराधिक मामला है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार CM नीतीश कुमार को आगाह करते रहे हैं. आपका मार्गदर्शन करते रहे हैं. लेकिन आपने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया. मरीजों के आंकड़े में कमी को लेकर सरकार भले ही अपनी पीठ खुद थपथपा रही हो. लेकिन सच्चाई यह है कि संक्रमण कम नहीं हुआ है बल्कि सरकार आंकड़े छुपा रही है'. -शक्ति सिंह यादव, राजद नेता
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बिहार में कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद सरकार ने अब कार्रवाई प्रारंभ कर दी है. सरकार सभी जिलों के प्रशासन से टेस्ट में गड़बड़ी की जांच कराने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा जांच के लिए स्वास्थ विभाग की 12 टीमों का भी गठन किया गया है