पटनाः एनडीए गठबंधन में टूट की खबर (Suspense On BJP JDU Alliance In Bihar) आने के बाद से ही बिहार की राजनीति (Politics Of Bihar) में सरगर्मी तेज है. इस राजनीतिक हलचल के बीच आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ-साफ कहा कि जो खबर राष्ट्रीय जनता दल को लेकर चल रही है, वह सिर्फ अफवाह मात्र है. आरजेडी जनता दल यूनाइटेड से हाथ नहीं मिलाने वाली है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमारे प्रवक्ता पता नहीं क्या-क्या बोल देते हैं, इसलिए पार्टी ने फिलहाल प्रवक्ता की सूची रद्द कर दी है.
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संगठन कार्य को लेकर विधायकों की बैठकः जगदानन्द सिंह से जब पूछा गया कि पार्टी की बैठक होने वाली है, विधायक को भी आपने बुलाया है. आपके सहयोगी कांग्रेस ने भी विधायकों की बैठक बुलाई है. माले ने भी अपने विधायकों की बैठक बुलाई है तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. आरजेडी सदस्यता अभियान चला रही है और सदस्यता अभियान को लेकर ही दो बार विधायकों की बैठक हम लोगों ने बुलाई है और इस बार भी संगठन के कार्य को लेकर ही विधायकों की बैठक राष्ट्रीय जनता दल ने बुलाया है.
'भतीजे का रिश्ता तो प्रकृति ने बना कर भेजा है': वहीं, जब उनसे पूछा गया कि चाचा भतीजा एक हो रहे हैं, इस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि चाचा और भतीजे का रिश्ता तो प्रकृति ने बना कर भेजा है, वह रिश्ता रहेगा ही. उन्होंने कहा कि जिन बातों को आप लोग तूल दे रहे हैं. वैसी कोई बात नहीं है. हम लोग लगातार अपने संगठन को मजबूत कर रहे हैं और 2024 और 2025 की तैयारी राष्ट्रीय जनता दल कर रही है. कोई भी कुछ कहे हम इन बातों को अफवाह मानते हैं. फिलहाल ऐसी किसी भी तरह की राजनीति बिहार में राष्ट्रीय जनता दल नहीं कर रही है.
"फिलहाल जो भी राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता की सूची है उसे हमने रद्द कर दी है. आज से कोई भी राष्ट्रीय जनता दल का प्रवक्ता तब तक नहीं होगा जब तक अगली घोषणा नहीं की जाएगी, क्योंकि पार्टी के संगठन का चुनाव चल रहा है इसीलिए प्रवक्ताओं की सूची को हमने तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. राष्ट्रीय जनता दल और जेडीयू को लेकर जो कुछ भी कहा जा रहा है, वह सिर्फ अफवाह है"- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी
बिहार में बढ़ी राजनीतिक हलचलः दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के जेडीयू छोड़ते ही बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश एनडीए गठबंधन को लेकर कोई बड़ा फैसला लेने वाले हैं. उन्होंने सभी विधायक और एमएलए की बैठक बुलाई है. नीतीश कुमार जब भी कोई बड़ा फैसला लेते हैं तो अपने सभी विधायक, सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाते हैं. राय मशविरा लेने के बाद फैसला लेते हैं. 2017 में भी जब महागठबंधन से नीतीश कुमार को निकलना थे तो इसी तरह से बैठक बुलाई थी. इसी से कयास लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार एनडीए छोड़ने का फैसला ले सकते हैं. हालांकि जेडीयू का शीर्ष नेतृत्व कह रहा है कि एनडीए में सब ठीक है.
कयासों का बजार इसलिए गर्मः आपको बता दें कि हाल के दिनों में जिस तरह बीजेपी और जेडीयू में बयानबाजी और तल्खी बढ़ी है, उससे साफ है कि बिहार में कुछ न कुछ सियासी खिचड़ी पक रही है. इन कयासों को इसलिए भी बल मिल रहा है, क्योंकि नीतीश भी लगातार बीजेपी के शीर्ष नेताओं से 'उचित दूरी' बनाए हुए हैं. चाहे बात 24 घंटे पहले हुई नीति आयोग की बैठक की करें या पिछले महीने की 30-31 जुलाई को हुई बीजेपी की सातों मोर्चे की बैठक हो. जेपी नड्डा और अमित शाह जैसे आला नेता बिहार आए लेकिन नीतीश उन नेताओं से नहीं मिले. हालांकि इसको लेकर सीएम के कोरोना संक्रमित होने का हवाला दिया गया. शाह ने घोषणा भी कर दी कि 2024-25 का चुनाव जेडीयू के गठबंधन में लड़ेंगे, लेकिन जेडीयू है कि झुकने को तैयार ही नहीं है. जेडीयू ने बीजेपी के सातों मोर्चे की बैठक को गंभीरता से लिया और अब वो बिहार में कुछ बड़ा करना चाहती है.