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Bihar Caste Survey Report: 'बिहार सरकार ने कर दिखाया, केंद्र को भी जातीय जनगणना करानी चाहिए'- जगदानंद

आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बिहार में जाति आधारित गणना (Bihar Caste Survey Report) का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बहुत कम समय में आंकड़ा सार्वजनिक कर दिया है. गुलाम भारत में पिछली बार जातीय जनगणना हुई थी, वहीं अब जाति आधारित गणना हुई है. इससे केवल आबादी की जानकारी ही नहीं मिलेगी, बल्कि उनके लिए विकास से जुड़ी योजना बनाने में भी मदद मिलेगी.

आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह
आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 2, 2023, 6:07 PM IST

Updated : Oct 2, 2023, 7:41 PM IST

आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह

पटना: बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए गए है. इसके मुताबिक बिहार में 63 फीसदी ओबीसी की है. जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि देश के लिए जातीय गणना बहुत जरूरी थी. जो काम केंद्र सरकार नहीं कर पाई, वह बिहार सरकार ने कर दिखाया है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इसका प्रस्ताव सदन में रखा था. उसके बाद सर्वदलीय बैठक हुई.

ये भी पढ़ें: Bihar Caste Census Data जारी होने पर लालू यादव खुश, बोले- '2024 में सरकार बनी तो पूरे देश में कराएंगे'

केंद्र को जातीय जनगणना करानी चाहिए: जगदानंद सिंह ने कहा कि जाति आधारित गणना कराने के लिए बिहार के अलग-अलग दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने भी गए थे लेकिन केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया. बिहार की महागठबंधन ने अपनी खर्च पर इसे कराया और आज रिपोर्ट भी आ गई है. उन्होंने कहा कि इस आधार पर जो विकास के काम हैं, बिहार में वह होंगे.

लोगों की आर्थिक स्थिति का पता लगेगा: आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ही पूरे देश में इस तरह की गणना करवाती तो निश्चित तौर पर अभी जो गरीब लोग हैं और समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े हैं, उन्हें यह दिन नहीं देखना पड़ता. उन्होंने कहा कि पूरे देश में जातीय गणना होनी चाहिए, जिससे कि लोगों की स्थिति के बारे में पता चलेगा कि किसकी आर्थिक स्थिति कैसी है.

"जातीय आधारिक जनगणना बिहार सरकार ने करवाया और आज रिपोर्ट जारी भी हो गई. ये वर्षों से मांग हो रही थी. सबको पता है कि 2014 के पार्लियामेंट में बहस के दौरान उस वक्त की सरकान ने माना था और आंकड़े भी इकट्ठा कर लिए लेकिन सरकार बदल गई. अगर उस वक्त ये सामने आ जाती तो आज देश की तस्वीर कुछ और होती"- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी

बिहार में 63 फीसदी ओबीसी आबादी: बिहार सरकार ने गांधी जयंती पर जाति आधारित गणना का डेटा जारी कर दिया है. इसके मुताबिक बिहार में कुल 13 करोड़ से अधिक की आबादी है. जिनमें सवर्ण (भूमिहार-2.89, राजपूत-3.45, ब्राह्मण-3.66 और कायस्थ-0.60%) की आबादी 15.52 प्रतिशत, 63 फीसदी ओबीसी (24 फीसदी पिछड़ा वर्ग और 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग ), अनुसूचित जाति की आबादी 19 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है. बिहार में सबसे अधिक यादव जाति हैं, जिनकी आबादी 14 फीसदी है. वहीं, कुर्मी 2.8 और कुशवाहा 4.2 प्रतिशत हैं. वहीं मुसलमानों की आबादी 17.7 फीसदी है.

आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह

पटना: बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए गए है. इसके मुताबिक बिहार में 63 फीसदी ओबीसी की है. जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि देश के लिए जातीय गणना बहुत जरूरी थी. जो काम केंद्र सरकार नहीं कर पाई, वह बिहार सरकार ने कर दिखाया है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इसका प्रस्ताव सदन में रखा था. उसके बाद सर्वदलीय बैठक हुई.

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केंद्र को जातीय जनगणना करानी चाहिए: जगदानंद सिंह ने कहा कि जाति आधारित गणना कराने के लिए बिहार के अलग-अलग दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने भी गए थे लेकिन केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया. बिहार की महागठबंधन ने अपनी खर्च पर इसे कराया और आज रिपोर्ट भी आ गई है. उन्होंने कहा कि इस आधार पर जो विकास के काम हैं, बिहार में वह होंगे.

लोगों की आर्थिक स्थिति का पता लगेगा: आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ही पूरे देश में इस तरह की गणना करवाती तो निश्चित तौर पर अभी जो गरीब लोग हैं और समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े हैं, उन्हें यह दिन नहीं देखना पड़ता. उन्होंने कहा कि पूरे देश में जातीय गणना होनी चाहिए, जिससे कि लोगों की स्थिति के बारे में पता चलेगा कि किसकी आर्थिक स्थिति कैसी है.

"जातीय आधारिक जनगणना बिहार सरकार ने करवाया और आज रिपोर्ट जारी भी हो गई. ये वर्षों से मांग हो रही थी. सबको पता है कि 2014 के पार्लियामेंट में बहस के दौरान उस वक्त की सरकान ने माना था और आंकड़े भी इकट्ठा कर लिए लेकिन सरकार बदल गई. अगर उस वक्त ये सामने आ जाती तो आज देश की तस्वीर कुछ और होती"- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी

बिहार में 63 फीसदी ओबीसी आबादी: बिहार सरकार ने गांधी जयंती पर जाति आधारित गणना का डेटा जारी कर दिया है. इसके मुताबिक बिहार में कुल 13 करोड़ से अधिक की आबादी है. जिनमें सवर्ण (भूमिहार-2.89, राजपूत-3.45, ब्राह्मण-3.66 और कायस्थ-0.60%) की आबादी 15.52 प्रतिशत, 63 फीसदी ओबीसी (24 फीसदी पिछड़ा वर्ग और 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग ), अनुसूचित जाति की आबादी 19 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है. बिहार में सबसे अधिक यादव जाति हैं, जिनकी आबादी 14 फीसदी है. वहीं, कुर्मी 2.8 और कुशवाहा 4.2 प्रतिशत हैं. वहीं मुसलमानों की आबादी 17.7 फीसदी है.

Last Updated : Oct 2, 2023, 7:41 PM IST
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