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'मुखिया फेम' रितु जायसवाल ने पंचायत चुनाव से किया तौबा, जानिए वजह

आरजेडी की प्रदेश प्रवक्ता रितु जायसवाल (Ritu Jaiswal) इस बार पंचायत चुनाव नहीं लड़ेंगी. उन्होंने कहा कि अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है, लिहाजा सिंहवाहिनी समेत परिहार विधानसभा क्षेत्र की सभी पंचायतों के लिए काम करूंगी. साथ ही उन्होंने दावा किया कि आरजेडी में अन्य दलों की अपेक्षा महिलाओं को अधिक सम्मान और अधिकार मिलता है.

रितु जायसवाल से बातचीत
रितु जायसवाल से बातचीत
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Published : Jul 1, 2021, 4:05 PM IST

पटना: गांव की मुखिया से मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी (RJD) की प्रदेश प्रवक्ता के पद पर पहुंचने वाली रितु जायसवाल (Ritu Jaiswal) इस बार पंचायत चुनाव ( Panchayat Elections) में हिस्सा नहीं लेंगी. उनका कहना है कि अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है. विधानसभा का चुनाव लड़ने के कारण न केवल सिंहवाहिनी पंचायत की, बल्कि वहां की सभी 38 पंचायतों के प्रति मेरी जवाबदेही बनती है.

ये भी पढ़ें- Bihar Politics: राजनीति में एंट्री को तैयार लालू की लाडली... क्या पाटलिपुत्र फतह की है तैयारी!

पंचायत चुनाव नहीं लड़ेंगी रितु
ईटीवी भारत से खास बातचीत में आरजेडी की प्रदेश प्रवक्ता रितु जायसवाल ने कहा कि अब उन्हें बड़ी भूमिका निभानी है. सिर्फ एक पंचायत की नहीं बल्कि परिहार विधानसभा क्षेत्र की सभी 38 पंचायतों की जिम्मेदारी भी मुझ पर है. लिहाजा मैंने तय किया है कि उन सब का ख्याल रखने के लिए इस बार पंचायत चुनाव नहीं लड़ूंगी. वैसे पंचायत तो मेरी आत्मा में बसती है, जिसे मैं कभी भी नहीं छोड़ सकती हूं.

रितु जायसवाल से बातचीत

जमीनी हकीकत से वास्ता जरूरी
रितु जायसवाल ने कहा कि मुझे लगता है कि हर राजनेता को जमीनी हकीकत की समझ होनी चाहिए. मैं पंचायत की मुखिया हूं और विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हूं. मैं अच्छे तरीके से समझती हूं कि गांव और पंचायत में किस तरह की समस्या है और कैसे लोगों के विकास के लिए काम किया जा सकता है.

"जब तक आप गांव में जमीन और अमीन के महत्व को नहीं समझेंगे, तबतक आप ऊपर की राजनीति नहीं कर सकते हैं. पंचायत में तो मेरी आत्मा बसती है, वो मैं कभी नहीं छोड़ सकती हूं"- रितु जायसवाल, प्रदेश प्रवक्ता, आरजेडी

आरजेडी में महिलाओं का सम्मान
सत्ताधारी जेडीयू के संगठन में महिलाओं की बड़ी भागीदारी मिलने पर रितु ने कहा कि जेडीयू ने भले ही महिलाओं को ज्यादा संख्या में भागीदारी दी हो, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल में आज नहीं हमेशा से महिलाओं का सम्मान होता रहा है. इसी का उदाहरण है कि मुझे प्रदेश प्रवक्ता की अहम जिम्मेदारी मिली है.

लालू सरकार में बड़ा फैसला
आरजेडी प्रवक्ता रितु जायसवाल ने कहा कि सबसे पहले लालू प्रसाद यादव की सरकार ने महिलाओं की उन मुश्किल दिनों में होने वाली परेशानी को समझा और हर महीने पीरियड के समय महिलाओं के लिए 2 दिन की छुट्टी लागू की. जो आज पूरे विश्व के लिए नजीर बनी हुई है. अब अन्य राज्य और देश इसे अपना रहे हैं.

कम अंतर से हारीं थीं चुनाव
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सीतामढ़ी की परिहार सीट आरजेडी की उम्मीदवार रहीं रितु जायसवाल को बेहद कम अंतर से शिकस्त मिली थी. उन्हें बीजेपी कैंडिडेट गायत्री देवी ने महज 1569 मतों से चुनाव हराया था. रितु को 71, 851 वोट मिले, जबकि गायत्री को 73,420 मत मिले थे.

ये भी पढ़ें- 'गाड़ी में आई हूं बैठ कर चली जाऊंगी तो नीतीश कुमार की सड़कों का हाल कैसे पता चलेगा'

हमेशा सक्रिय रहती हैं रितु
सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रितु जायसवाल लगातार सक्रिय रही हैं. उनकी विकास योजनाओं के कारण जहां पचायत का तेजी से विकास हुआ है, वहीं राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिल चुका है. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के हाथों उन्हें 'चैंपियंस ऑफ चेंज' पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.

पटना: गांव की मुखिया से मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी (RJD) की प्रदेश प्रवक्ता के पद पर पहुंचने वाली रितु जायसवाल (Ritu Jaiswal) इस बार पंचायत चुनाव ( Panchayat Elections) में हिस्सा नहीं लेंगी. उनका कहना है कि अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है. विधानसभा का चुनाव लड़ने के कारण न केवल सिंहवाहिनी पंचायत की, बल्कि वहां की सभी 38 पंचायतों के प्रति मेरी जवाबदेही बनती है.

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पंचायत चुनाव नहीं लड़ेंगी रितु
ईटीवी भारत से खास बातचीत में आरजेडी की प्रदेश प्रवक्ता रितु जायसवाल ने कहा कि अब उन्हें बड़ी भूमिका निभानी है. सिर्फ एक पंचायत की नहीं बल्कि परिहार विधानसभा क्षेत्र की सभी 38 पंचायतों की जिम्मेदारी भी मुझ पर है. लिहाजा मैंने तय किया है कि उन सब का ख्याल रखने के लिए इस बार पंचायत चुनाव नहीं लड़ूंगी. वैसे पंचायत तो मेरी आत्मा में बसती है, जिसे मैं कभी भी नहीं छोड़ सकती हूं.

रितु जायसवाल से बातचीत

जमीनी हकीकत से वास्ता जरूरी
रितु जायसवाल ने कहा कि मुझे लगता है कि हर राजनेता को जमीनी हकीकत की समझ होनी चाहिए. मैं पंचायत की मुखिया हूं और विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हूं. मैं अच्छे तरीके से समझती हूं कि गांव और पंचायत में किस तरह की समस्या है और कैसे लोगों के विकास के लिए काम किया जा सकता है.

"जब तक आप गांव में जमीन और अमीन के महत्व को नहीं समझेंगे, तबतक आप ऊपर की राजनीति नहीं कर सकते हैं. पंचायत में तो मेरी आत्मा बसती है, वो मैं कभी नहीं छोड़ सकती हूं"- रितु जायसवाल, प्रदेश प्रवक्ता, आरजेडी

आरजेडी में महिलाओं का सम्मान
सत्ताधारी जेडीयू के संगठन में महिलाओं की बड़ी भागीदारी मिलने पर रितु ने कहा कि जेडीयू ने भले ही महिलाओं को ज्यादा संख्या में भागीदारी दी हो, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल में आज नहीं हमेशा से महिलाओं का सम्मान होता रहा है. इसी का उदाहरण है कि मुझे प्रदेश प्रवक्ता की अहम जिम्मेदारी मिली है.

लालू सरकार में बड़ा फैसला
आरजेडी प्रवक्ता रितु जायसवाल ने कहा कि सबसे पहले लालू प्रसाद यादव की सरकार ने महिलाओं की उन मुश्किल दिनों में होने वाली परेशानी को समझा और हर महीने पीरियड के समय महिलाओं के लिए 2 दिन की छुट्टी लागू की. जो आज पूरे विश्व के लिए नजीर बनी हुई है. अब अन्य राज्य और देश इसे अपना रहे हैं.

कम अंतर से हारीं थीं चुनाव
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सीतामढ़ी की परिहार सीट आरजेडी की उम्मीदवार रहीं रितु जायसवाल को बेहद कम अंतर से शिकस्त मिली थी. उन्हें बीजेपी कैंडिडेट गायत्री देवी ने महज 1569 मतों से चुनाव हराया था. रितु को 71, 851 वोट मिले, जबकि गायत्री को 73,420 मत मिले थे.

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हमेशा सक्रिय रहती हैं रितु
सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रितु जायसवाल लगातार सक्रिय रही हैं. उनकी विकास योजनाओं के कारण जहां पचायत का तेजी से विकास हुआ है, वहीं राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिल चुका है. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के हाथों उन्हें 'चैंपियंस ऑफ चेंज' पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.

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