पटना: नीति आयोग की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद बिहार में एक बार फिर विशेष राज्य का दर्जा सियासी हथकंडा बन गया है. जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर विशेष राज्य के दर्जा की मांग कर केंद्र की परेशानी बढ़ा दी है. जदयू की मांग पर भाजपा ने भी पलटवार किया है.
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स्पेशल स्टेटस की मांग
नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार निचले पायदान पर रहा. रिपोर्ट आने के बाद से बिहार में राजनीति परवान चढ़ने लगी. विपक्ष जहां हमलावर हो गई. वहीं जदयू नेता फेस सेविंग में जुट गए. उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर पुराना राग अलापा है और बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग की है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल गया होता तो, बिहार आज निचले पायदान पर नहीं होता.
"मैं सवाल यह पूछना चाहता हूं कि किससे डिमांड किया जा रहा है. नीतीश कुमार को सिर्फ कुर्सी की चिंता है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, इसको लेकर सिर्फ जदयू के लोग राजनीति करते हैं"- भाई बिरेंद्र, मुख्य प्रवक्ता
राजद के मुख्य प्रवक्ता भाई बिरेंद्र ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है. राजद नेता ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार है और जदयू नेता विशेष राज्य के दर्जा की मांग कर रहे हैं.
"केंद्र की सरकार ने बिहार की चिंता की है. बिहार में सड़कें चकाचक है और फ्लाईओवर का जाल बिछाया है. निर्बाध गति से बिजली मिल रही है. यह सब कुछ केंद्र के पैकेज की बदौलत हो रहा है. जहां तक स्पेशल स्टेटस का सवाल है तो बिहार स्पेशल स्टेटस के क्राइटेरिया को पूरा नहीं करता. जिसके चलते विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए"- नवल किशोर यादव, वरिष्ठ नेता, भाजपा