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भारत बंद को राजद ने बताया सफल, भाजपा ने कहा- जनता ने नहीं दिया समर्थन

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद का असर बिहार में दिखा. बंद सफल रहा या असफल इसपर राजनीतिक दलों द्वारा बयानबाजी की जा रही है. राजद ने इसे सफल बताया है. वहीं, बीजेपी का कहना है कि बंद को जनता का समर्थन नहीं मिला.

Bharat bandh
भारत बंद पर राजनीति
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Published : Dec 8, 2020, 6:22 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 7:57 PM IST

पटना: कृषि कानूनों के विरोध के लिए मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद का असर पूरे बिहार में दिखा. महागठबंधन में शामिल दलों ने किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन किया था. राजद के नेता और कार्यकर्ता पटना समेत पूरे बिहार में बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर निकले. राजद ने भारत बंद को सफल करार दिया है. वहीं, बीजेपी का कहना है कि यह पूरी तरह फ्लॉप रहा. जनता ने बंद का समर्थन नहीं किया.

देखें रिपोर्ट

गांव-गांव तक सफल रहा बंद
राजद के महासचिव आलोक मेहता ने कहा "कृषि कानूनों के विरोध के लिए भारत बंद का आह्वान किया गया था. बिहार में भी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर बंद का समर्थन किया था. बंद को सफल बनाने के लिए राजद, कांग्रेस और वामदलों के नेता सड़क पर उतरे."

"बंद समर्थकों के साथ पुलिस ने कई जगह ज्यादती की. पुलिस ने बल पूर्वक आंदोलन को कुचलने की कोशिश की. महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया. बंद पूरी तरह सफल रहा है. गांव-गांव तक इसका असर दिखा"- आलोक मेहता, महासचिव, राजद

बंद को नहीं मिला किसानों का समर्थन
भाजपा ने बंद को विफल करार दिया है. पार्टी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने बताया कि बंद पूरी तरह असफल रहा. दुकानें खुली रहीं. आम जनता का समर्थन बंद को नहीं मिला.

"केंद्र सरकार किसानों के हित में काम कर रही है. 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. इस दिशा में केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है, लेकिन विपक्ष किसानों के हित के साथ खिलवाड़ कर रही है."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता

हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान

हम ने भारत बंद को बताया फ्लॉप
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा "भारत बंद पूरी तरह फ्लॉप हुआ. इसे न किसानों का साथ मिला है न नौजवानों का. देश के किसान जानते हैं कि उनके हित की बात अगर कोई सोच सकता है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. किसानों ने विपक्षी दलों के भारत बंद में शामिल नहीं होकर यह संदेश दिया है."

"किसानों के नाम पर राजनीतिक दल अपनी रोटी सेंकना चाहते हैं. बिहार में जिस तरह किसानों और नौजवानों ने भारत बंद से अपने आप को अलग किया इससे सब कुछ साफ- साफ दिख गया है. किसानों के नाम पर बंद करनेवाले लोग जिस तरह पूरे बिहार में गुंडागर्दी पर उतरे यह दुर्भाग्यपूर्ण है. जनता ने सब कुछ देखा है."- दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता

पटना: कृषि कानूनों के विरोध के लिए मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद का असर पूरे बिहार में दिखा. महागठबंधन में शामिल दलों ने किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन किया था. राजद के नेता और कार्यकर्ता पटना समेत पूरे बिहार में बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर निकले. राजद ने भारत बंद को सफल करार दिया है. वहीं, बीजेपी का कहना है कि यह पूरी तरह फ्लॉप रहा. जनता ने बंद का समर्थन नहीं किया.

देखें रिपोर्ट

गांव-गांव तक सफल रहा बंद
राजद के महासचिव आलोक मेहता ने कहा "कृषि कानूनों के विरोध के लिए भारत बंद का आह्वान किया गया था. बिहार में भी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर बंद का समर्थन किया था. बंद को सफल बनाने के लिए राजद, कांग्रेस और वामदलों के नेता सड़क पर उतरे."

"बंद समर्थकों के साथ पुलिस ने कई जगह ज्यादती की. पुलिस ने बल पूर्वक आंदोलन को कुचलने की कोशिश की. महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया. बंद पूरी तरह सफल रहा है. गांव-गांव तक इसका असर दिखा"- आलोक मेहता, महासचिव, राजद

बंद को नहीं मिला किसानों का समर्थन
भाजपा ने बंद को विफल करार दिया है. पार्टी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने बताया कि बंद पूरी तरह असफल रहा. दुकानें खुली रहीं. आम जनता का समर्थन बंद को नहीं मिला.

"केंद्र सरकार किसानों के हित में काम कर रही है. 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. इस दिशा में केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है, लेकिन विपक्ष किसानों के हित के साथ खिलवाड़ कर रही है."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता

हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान

हम ने भारत बंद को बताया फ्लॉप
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा "भारत बंद पूरी तरह फ्लॉप हुआ. इसे न किसानों का साथ मिला है न नौजवानों का. देश के किसान जानते हैं कि उनके हित की बात अगर कोई सोच सकता है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. किसानों ने विपक्षी दलों के भारत बंद में शामिल नहीं होकर यह संदेश दिया है."

"किसानों के नाम पर राजनीतिक दल अपनी रोटी सेंकना चाहते हैं. बिहार में जिस तरह किसानों और नौजवानों ने भारत बंद से अपने आप को अलग किया इससे सब कुछ साफ- साफ दिख गया है. किसानों के नाम पर बंद करनेवाले लोग जिस तरह पूरे बिहार में गुंडागर्दी पर उतरे यह दुर्भाग्यपूर्ण है. जनता ने सब कुछ देखा है."- दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता

Last Updated : Dec 15, 2020, 7:57 PM IST
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