पटना: जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) की मांग को लेकर राजद (RJD) के नेताओं ने शनिवार को पटना के इनकम टैक्स चौराहा पर धरना दिया. प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने धरना प्रदर्शन का नेतृत्व किया. इसके साथ ही राज्य के सभी जिलों के मुख्यालयों में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के आह्वान पर राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने धरना दिया.
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जातीय जनगणना की मांग को लेकर राजद अब आर-पार के मूड में आ गया है. राजद प्रदेश कार्यालय से जिला मुख्यालय जाने के दौरान इनकम टैक्स चौराहा पर राजद नेताओं को पुलिस ने रोक दिया था. इसके बाद राजद के सभी नेता इनकम टैक्स चौराहा पर ही धरना पर बैठ गए. राजद के वरिष्ठ नेता वृषिण पटेल ने कहा कि हमारी शुरू से ही मांग रही है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए.
वृषिण पटेल ने कहा, 'मंडल कमीशन की सिफारिशों को पूरी तरह लागू करने और जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर आज हमलोगों ने धरना प्रदर्शन किया है. जातीय जनगणना और मंडल कमीशन की सिफारिशें एक दूसरे का पूरक हैं. जब तक मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू नहीं होती और जातीय जनगणना नहीं कराई जाती तब तक लोगों को न्याय नहीं मिलेगा.'
वृषिण पटेल ने कहा, 'जिस तरह से मंडल कमीशन को लेकर हमारी पार्टी ने संघर्ष किया था और अब जातीय जनगणना को लेकर भी हम लोग संघर्ष कर रहे हैं. केंद्र सरकार को झुकना पड़ेगा.' वहीं, धरना प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के शामिल नहीं होने पर वृषण पटेल ने कहा, 'वह भी साथ थे. किसी कारण से या भीड़ के चलते पीछे रह गए होंगे.'
"1931 के बाद देश में जातीय जनगणना नहीं हुआ. 1931 के जनगणना के आधार पर ही मंडल कमीशन ने अनुशंसा दी थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जातीय जनगणना कराना चाहते हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि जिनके सहयोग से वह मुख्यमंत्री बने हैं वे नहीं चाहते. ऐसे में नीतीश कुमार को अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए."- वृषिण पटेल, राजद नेता
बता दें कि मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने अपने राजनीतिक जीवन में काफी संघर्ष किया था. पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह (VP Singh) ने 7 अगस्त 1990 को मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू की थी. इसके चलते 7 अगस्त को आरजेडी मंडल दिवस मना रहा है.
एक जनवरी, 1979 को मोरारजी देसाई सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल को द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग का प्रमुख चुना था. 31.12.1980 को बीपी मंडल की अध्यक्षता वाले मंडल आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. उन्होंने सरकारी नौकरियों और शिक्षित संस्थानों में निचली जातियों के सदस्यों के लिए आरक्षण की सिफारिश की थी.
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