पटना: बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) को लेकर आरजेडी ने तमाम पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की है कि वे एनडीए के उम्मीदवारों के पक्ष में वोट न दें. पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन (RJD Spokesperson Chittaranjan Gagan) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि नीतीश सरकार ने वर्ष 2006 में पंचायत प्रतिनिधि के अधिकार को काफी कम कर दिया. यही कारण है कि पंचायत में होने वाले विकास कार्य पंचायत प्रतिनिधि नहीं कर पाते हैं.
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'सीएम ने मुखिया को जेल भिजवाया': चितरंजन गगन ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार में कई मुखिया को भी जेल भिजवाया गया है, जबकि अधिकारियों ने गड़बड़ी की और सजा जन प्रतिनिधियों को दी गई. उन्होंने कहा कि सारे अधिकार नीतीश सरकार ने अधिकारियों के हाथ में दे दिए हैं. यही कारण है कि धीरे-धीरे पंचायती राज व्यवस्था कमजोर होती चली गई. इसलिए हम यह मानते हैं कि जिस तरह से नीतीश सरकार ने पंचायती राज के अधिकार को कम किया है, एनडीए को इस चुनाव में मैदान में भी नहीं उतरना चाहिए.
छीना गया पंचायत का अधिकार: आरजेडी प्रवक्ता ने पंचायती राज के अधिकार को लेकर भी नीतीश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी के शासनकाल में पंचायत को जो अधिकार मिला हुआ था, उसे इस वर्तमान सरकार ने खत्म कर दिया है.
आरक्षण पर नीतीश के दावों में दम नहीं: चितरंजन गगन ने कहा कि आज नीतीश कुमार अपनी सभाओं में कहते रहते हैं कि पंचायत में महिलाओं को आरक्षण हमने दिया. दलितों को पिछड़ी पिछड़ी जाति को हमने आरक्षण दिया, यह बात गलत है. उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी जब मुख्यमंत्री थीं तो शुरू में ही पंचायत चुनाव में सभी वर्गों को आरक्षण मिल गया था लेकिन नीतीश कुमार ने उनके अधिकार को ही खत्म कर दिया.
एमएलसी चुनाव में आरजेडी की जीत तय: इस दौरान चितरंजन गगन ने दावा किया कि विधान परिषद चुनाव में आरजेडी की बड़ी जीत होगी. उन्होंने कहा कि हम आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों से यह अपील करना चाहेंगे कि जिस सरकार ने आप के अधिकार को खत्म किया है, इस चुनाव में उसे सबक सिखाएं और महागठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में वोट करें ताकि आपको फिर से आपका अधिकार मिल सके.
4 अप्रैल को मतदान: बिहार में 24 सीटों पर एमएलसी का चुनाव (MLC Elections On 24 Seats in Bihar) होना है. इसके लिए 9 मार्च से 16 मार्च तक नामांकन की समय सीमा तय की गई है. 21 मार्च तक नामांकन वापसी की तारीख है. 4 अप्रैल को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग की प्रक्रिया चलेगी और 7 अप्रैल को काउंटिंग होगी और नतीजे सामने आएंगे. इस बार कई ग्राम पंचायतों का नगर निगम क्षेत्र में सम्मिलित होने के कारण लगभग 6000 से अधिक मतदाता कम होंगे और इस बार मतदाताओं की संख्या 1,32,000 के करीब रहने का अनुमान है. इस बार चुनाव के दौरान लोकसभा सांसद और विधायकों को उनके क्षेत्र के किसी एक प्रखंड में मतदान देने का अधिकार होगा.
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