पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रचार प्रसार जोरों पर है. वर्चुअल रैलियों के जरिए चुनाव प्रचार किया जा रहा है और नये-नये नारे दिये जा रहे हैं. ऐसे में राजधानी पटना के कई जगहों पर लगे आरजेडी के पोस्टर इन दिनों सुर्खियों में हैं. सुर्खियों में इसलिए भी क्योंकि इन पोस्टर्स में सिर्फ और सिर्फ तेजस्वी यादव ही दिखाई दे रहे हैं.
आरजेडी का ये नया पोस्टर 6 सितंबर को लांच किया गया था. जिसमें 'सामाजिक न्याय के बाद आर्थिक न्याय' और 'नई सोच-नया बिहार, युवा सरकार-अबकी बार' की बात कही गई. सियासी गलियारे में ये पोस्टर उस समय तूल पकड़ने लगा, जब इसमें लालू, राबड़ी या तेज प्रताप समेत राजद के किसी भी नेता की तस्वीर नहीं दिखाई दी.
क्या संदेश देना चाहते हैं तेजस्वी
चुनावी पंडितों की मानें, तो तेजस्वी इस पोस्टर के जरिए ज्यादा से ज्यादा युवाओं को आकर्षित कर उन्हें अपने साथ जोड़ना चाहते हैं. यही वजह है कि इस तरह के पोस्टर लगवाए हैं. तेजस्वी ने बेरोजगारी के खिलाफ 9 सितंबर को 9 बजे 9 मिनट तक लालटेन जला युवाओं का हक दिलाने की बात कही थी.
पक्के हैं आरजेडी के वोटर
जानकारों की मानें, तो विपक्षी पार्टियां आरजेडी पर लालू यादव को लेकर निशाना साधते नजर आती हैं. खुद सीएम नीतीश कुमार आरजेडी के 15 साल के शासनकाल को जंगल राज बताते हैं. चारा मामले में सजायाफ्ता लालू पर जमकर बयानबाजी होती है. ऐसे में आरजेडी ये बात अच्छे से जानती है कि उनके पुराने वोटर्स तो उनके हैं ही, तो नए वोटर्स को जोड़ने के लिए तेजस्वी का इकलौता पोस्टर लांच किया गया है.
- पार्टी प्रवक्ता और खुद तेजस्वी यादव कई बार ये कह चुके हैं कि सीएम नीतीश या विपक्ष के नेता बिना लालू यादव का नाम लिए चुनाव नहीं लड़ सकते.
तेजस्वी मांग चुके हैं माफी
बीते महीने आरजेडी महिला विंग की एक बैठक में तेजस्वी यादव ने एक मौका मांगते हुए पिछली गलतियों के लिए माफी मांगी थी. तेजस्वी का कहना था कि उनकी सरकार ने जो गलतियां की उसके लिए उन्हें 15 साल तक विपक्ष में बैठने की सजा जनता ने दे दी है. अब एक मौका चाहिए.
एक क्लिक में पढ़ें तेजस्वी यादव का ब्लू प्रिंट : तेजस्वी यादव का आर्थिक न्याय
तेजस्वी का ब्लू प्रिंट
ईटीवी भारत से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने चुनाव को लेकर सभी मुद्दे और बिहार के विकास का ब्लू प्रिंट साझा किया था. तेजस्वी ने ईटीवी भारत पर ही पहली बार आर्थिक न्याय दिलाने वाली बात कही थी. नेता प्रतिपक्ष का मानना है कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था, बेरोजगारी प्रमुख मुद्दे हैं. इसके साथ-साथ खेल और खिलाड़ियों के लिए भी ध्यान देने की जरूरत है. इन्हीं मुद्दों के साथ वो विधानसभा चुनाव में उतरेंगे.