पटनाः पूर्व कृषि मंत्री और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने चौथे कृषि रोड मैप जारी होने के बाद कहा कि अब तक तीन कृषि रोड मैप से बिहार के कृषि को कोई लाभ नहीं मिला है. बिहार में कृषि क्षेत्र में सरकार के आंकड़ों से ही नेगेटिव ग्रोथ रहा है, बिहार में 2012 तक तो सरकार ने केवल नीति बनाई उसके लिए कोई बजट का प्रावधान नहीं किया है, यदि केवल नीति बनाने से ही कृषि का विकास हो जाता है तो फिर जो बजट का प्रावधान किया गया है उसको कहीं और खर्च करना चाहिए.
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"चौथे कृषि रोड मैप की कॉपी अभी मुझे नहीं मिली है. अध्ययन करने के लिए मैंने विभाग से मांगा है. तीन कृषि रोड मैप के सरकार के ही आंकड़ों को देखने से साफ लगता है कि बिहार में कृषि की नेगेटिव ग्रोथ हुई है. अब तक तीन कृषि रोड मैप से बिहार के कृषि को कोई लाभ नहीं मिला है"- सुधाकर सिंह, पूर्व कृषि मंत्री
सीधे तौर पर बोलने से बच रहे विधायकः उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर से कृषि रोड मैप की तारीफ करने को लेकर पूछे गए सवाल पर सुधाकर सिंह ने कहा कि चौथे कृषि रोड मैप की वो तारीफ किए होंगे तो सही हो सकता है. उससे कृषि में सुधार हो सकता है, लेकिन अब तक लागू हुए तीन कृषि रोड मैप कि अगर तारीफ किए होंगे तो उनसे मेरी सोच इस मामले में डिफर है. दरअसल बिहार में कृषि विभाग राजद के मंत्री के पास ही है और यह भी एक बड़ा कारण है कि सुधाकर सिंह फिलहाल चौथे कृषि रोड मैप को लेकर किसी तरह की टिप्पणी करने से बच रहे हैं.
किसानों के हित में उठाते रहे हैं आवाजः आपको बता दें कि मंडी कानून सहित कई मुद्दों को लेकर सुधाकर सिंह किसानों के हित में आवाज उठाते रहे हैं किसान नेता राकेश सिंह टिकेट के साथ लगातार सम्मेलन भी करते रहे हैं, राकेश सिंह टिकेट ने तो आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है, लेकिन चौथे कृषि रोड मैप को लेकर सुधाकर सिंह अभी खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. इनका साफ कहना है कि जब तक अध्ययन नहीं कर लेंगे उस पर बोलना सही नहीं होगा.