पटनाः बिहार में जातीय गणना पर रोक के अंतरिम आदेश आने के बाद से सियासत गरमा गई है. इस पर आरजेडी नेता उदय नारायण चौधरी (RJD leader Uday Narayan Chaudhary) ने कहा है कि जातीय गणना को लेकर जो लोग हम लोग से सवाल पूछ रहे हैं उनका चाल और चरित्र दोनों उजागर करने के लिए हम बैठे हैं. जब हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई तो भाजपा कार्यालय में मिठाई बांटी गई. इससे उसका चाल-चरित्र उजागर हो गया.
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मंडल कमीशन को भी दबाने की हुई थी कोशिशः आरजेडी नेता ने कहा कि जब हमारे नेता लालू यादव, शरद यादव, रामविलास पासवान तत्कालीन समय में, मुलायम सिंह यादव ने 1990 में मंडल कमीशन लागू कराया, तो उसको दबाने के लिए कमंडल लेकर निकले थे. उस कमंडल को देश की जनता ने खारिज कर दिया था. मनु वादियों की विचारधारा को रखने वाले वह नहीं चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो वो समझते है की अगर सब कुछ उजागर हो जाएगा तो बहुजन समाज के लोग जागरूक हो जाएंगे.
"मनुवादी विचारधारा को मानने वाले लोग नहीं चाहते हैं कि जातीय गणना हो. इससे उनकी असलियत उजागर हो जाएगी और बहुजन समाज के लोग अपना हक मांगने लगेंगे. जातीय गणना को लेकर जो लोग हम लोग से सवाल पूछ रहे हैं उनका चाल और चरित्र दोनों उजागर करने के लिए हम बैठे हैं. जब हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई तो भाजपा कार्यालय में मिठाई बांटी गई. इससे उसका चाल-चरित्र उजागर हो गया" - उदय नारायण चौधरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राजद
बीजेपी ने बांटी मिठाईः उदय नारायण चौधरी ने कहा कि देखिए अब क्या हो रहा है जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में तेजस्वी यादव के आग्रह पर और लालू जी की सलाह पर सीएम ने राजकीय खजाने के पैसों से जातीय जनगणना कराना शुरू किया, तो कुछ लोग कोर्ट में चले गए. अब इस पर अंतरिम आदेश जारी कर रोक लगा दी गई है. हम लोग कानून को मानने वाले लोग हैं. इसलिए कोर्ट के संबंध में कुछ कहना नहीं चाहते हैं, लेकिन जो लोग इसका विरोध करते हैं उन्होंने मिठाई बांटी. भाजपा की ऑफिस में मिठाई बांटी जाती है.
'बीजेपी के चाल-चरित्र में फर्क': उदय नारायण चौधरी ने कहा कि लोग हम लोग पर आरोप लगाते हैं कि बढ़िया से अपनी बात को कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किया. अगर बढ़िया से प्रस्तुत नहीं किया गया तो आपको किसने रोका है. कर दीजिए बढ़िया से प्रस्तुत. हिम्मत है तो दिखाओ, लेकिन नहीं. यूपीए-2 में लालू जी के प्रयास से जो हुआ उसका रिपोर्ट तो बता ही नहीं रहे हो. उस डाटा को कहते हो कि नष्ट हो गया. इसीलिए हम लोग कहते हैं कि भाजपा के चाल और चरित्र में फर्क है. जो बोलते हैं वह करते नहीं, जो नहीं करते हैं वह बोलते नहीं