पटना: बिहार सरकार ने आदेश जारी किया है. इसके अनुसार धरना-प्रदर्शन के दौरान आपराधिक कृत्य में शामिल होने वालों को सरकारी नौकरी या सरकारी ठेका नहीं मिला. राज्य सरकार के इस फैसले पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की तुलना तानाशाह हिटलर और मुसोलिनी से की है. अपने ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा " मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते हैं अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो नौकरी नहीं मिलेगी. मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे. बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे हैं?
-
मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 2, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
बेचारे 40सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है? pic.twitter.com/h0TDkuR5vP
">मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 2, 2021
बेचारे 40सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है? pic.twitter.com/h0TDkuR5vPमुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 2, 2021
बेचारे 40सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है? pic.twitter.com/h0TDkuR5vP
तेजस्वी की कथनी करनी में है अंतर
तेजस्वी यादव के ट्वीट पर जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि लाठी-डंडे से बंद कराना तानाशाही होता है. सरकार ने तो सभी स्थितियों को देखकर फैसला लिया है. तेजस्वी यादव की कथनी करनी में बहुत अंतर है. सरकार तथ्य, साक्ष्य और परिस्थिती देखकर फैसला लेती है.
यह भी पढ़ें- जारी पत्र पर मुख्यालय की सफाई, 'लोकतंत्र में सभी को विरोध-प्रदर्शन करने का हक, पुलिस नहीं लगा सकती रोक'
"जिस तरह की भाषा का प्रयोग तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के लिए करते हैं असल में यह सब उनकी जिंदगी में ही होता दिख रहा है. लाठी डंडे से बंद कराना हो या जबरदस्ती जमीन लिखवा लेना यह सब काम वही लोग करवाते रहे हैं. सरकार डरी नहीं है. लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन उसके लिए नियत स्थान है. सरकार ने बहुत सोच समझकर फैसला लिया है."- निखिल मंडल, जदयू प्रवक्ता
गौरतलब है कि पिछले दिनों धरना-प्रदर्शन को लेकर तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार से शिक्षक अभ्यर्थियों का साथ दिया था माना जा रहा है उसके बाद ही सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया. अब इस पर सियासत हो रही है. पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.