पटना: करीब एक महीने से राजद (RJD) में बगावत की आवाज बुलंद करने वाले तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) अब कहीं ना कहीं अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं. तेजस्वी से उनकी मुलाकात हो नहीं पा रही है और छात्र राजद की कमान जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) के जरिए तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपने हाथ में ले ली है.
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ऐसे में कहीं न कहीं अलग-थलग पड़ने की छटपटाहट तेज प्रताप के चेहरे पर साफ नजर आ रही है और यही वजह है कि वो लगातार ना सिर्फ सोशल मीडिया पर, बल्कि जनता दरबार और अन्य कार्यों के जरिए बिहार में पहले की अपेक्षा ज्यादा एक्टिव नजर आ रहे हैं.
तेज प्रताप यादव ना सिर्फ सोशल मीडिया पर बल्कि लोगों से भी लगातार मिल रहे हैं. वो सामाजिक कार्यों में हिस्सा ले रहे हैं. अपने आवास पर जनता दरबार लगा रहे हैं. हालांकि, पहले उन्होंने पार्टी कार्यालय में ही जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में वो अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव की तरह सरकारी आवास पर ही जनता दरबार लगाते नजर आए.
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हाल के दिनों में तेज प्रताप यादव की गतिविधियों पर ध्यान दें तो वो अपने विधानसभा क्षेत्र हसनपुर गए. वहां बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए समस्तीपुर जिला प्रशासन को भी पत्र लिखा. राजद प्रदेश कार्यालय के पीछे की बस्ती में रहने वाले लोग अपनी परेशानी बयां करने जब उनके घर पहुंचे तो वह उनका हाल जानने खुद उस बस्ती में पहुंच गए. देर शाम उस बस्ती में पहुंच कर उन्होंने लोगों का हालचाल जाना और उनकी बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया.
इसके पहले वो पटना विश्वविद्यालय भी गए और वहां छात्रों से कहा कि अब लगातार यहां आते रहेंगे. एक दिन पहले गर्दनीबाग में हजारों शिक्षक अभ्यर्थियों के आंदोलन में शामिल होने भी तेज प्रताप यादव पहुंचे और उन्हें मजबूती के साथ अपनी बात रखने की सलाह दी. सबसे ताजा घटनाक्रम पर नजर डालें तो उन्होंने छात्र जनशक्ति परिषद का गठन किया है. जिसके जरिए वो शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दे उठाएंगे. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया है कि ये राजद के बैनर तले ही काम करेगा.
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जब से उन्होंने जगदानंद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला है, तब से तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के बीच दूरियां भी नजर आई हैं. करीब 1 महीने से दोनों भाई साथ-साथ नजर नहीं आए हैं. छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष पद से आकाश यादव की छुट्टी के बाद तेज प्रताप यादव ने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जताई थी और जगदानंद सिंह के इस्तीफे की मांग की थी.
जिसके बाद तेजस्वी यादव ने उन्हें बड़ों का सम्मान करने की सलाह भी दी थी. इसके बाद दोनों भाई दिल्ली गए, लेकिन दोनों की मुलाकात की कोई तस्वीर सामने नजर नहीं आई. इसी दौरान तेज प्रताप यादव ने गीता की कुछ पंक्तियां सोशल मीडिया पर डाल कर अपने मन की बात बयां की. उन्होंने लिखा कि भले ही मुझे पूरा साम्राज्य मत दो, लेकिन 5 गांव तो दे दो, नहीं तो महाभारत तय है.
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पटना लौटने के बाद दो बार तेजस्वी से तेज प्रताप ने मिलने की कोशिश की, लेकिन दोनों भाइयों की मुलाकात नहीं हो पाई. इसे लेकर उन्होंने संजय यादव पर निशाना भी साधा था. लेकिन, पिछले कुछ समय से उन्होंने जगदानंद सिंह और संजय यादव से जुड़े विवाद को लेकर चुप्पी साध रखी है.
इधर, तेज प्रताप और तेजस्वी के मामले को लेकर बीजेपी ने लालू यादव पर भी निशाना साधा है. बीजेपी नेता और बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि 'राजद में दरकिनार किए जाने के बाद तेज प्रताप यादव ने अपना संगठन बनाया है. हमारी ओर से उन्हें शुभकामनाएं हैं.'
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''बीजेपी नेताओं को राजद के मामले में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी हो रही है. उन्हें पहले अपना घर देखना चाहिए. दोनों भाइयों के बीच कोई विवाद नहीं है. मैं भी एक खेल संगठन चलाता हूं, ऐसे में अगर तेज प्रताप यादव ने छात्र और युवाओं के लिए कोई संगठन बनाया है तो यह उनकी समस्याओं को उजागर करेगा और पार्टी के लिए एक मजबूत संगठन के रूप में काम करेगा.''- मृत्युंजय तिवारी, राजद नेता