पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में दलित वोट बैंक साधने की हो रही है. जेडीयू और आरजेडी अपने दलित विधायकों के साथ बैठकर कर रहे हैं. शुक्रवार को अशोक चौधरी के नेतृत्व में उनके आवास पर दलित विधायकों की बैठक हुई. जिस पर आरजेडी ने तंज कंसा है और कहा है कि नीतीश कुमार के शासनकाल में ही सबसे अधिक दलित नेताओं की हत्या हुई है.
आरजेडी विधायक पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा कि जो लोग सत्ता में बैठकर और न्याय दिलाने की बात कह रहे हैं. वह सरासर बेईमानी है. विधानसभा में सत्ता में बैठे विधायक ही आरक्षण की मांग कर रहे हैं. यह नया प्रचलन कब से शुरू हुआ. उन लोगों को दिग्भ्रमित करने के लिए यह लोग सिर्फ न्याय दिलाने की बात कर रहे हैं. शिवचंद्र राम ने कहा कि हमारे नेता तेजस्वी प्रसाद यादव दलितों को न्याय दिलाने के लिए राज्यपाल से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक सभी लोगों को पत्र दिया है और उनकी मांग को उनके सामने रखा है.
'लालू के शासनकाल में दलितों को मिला न्याय'
शिवचंद्र राम ने मंत्री अशोक चौधरी पर हमला करते हुए कहा कि जब विधानसभा में दलित विधायकों की बैठक हुई. आरक्षण बचाने के लिए उन बैठक में 1 दिन भी अशोक चौधरी शामिल नहीं हुए. लालू प्रसाद के शासनकाल में सबसे ज्यादा दलितों को न्याय मिला है.
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आरजेडी नेता ने कहा कि जेडीयू दावा करती आ रही है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही सबसे ज्यादा दलित विधायक और मंत्री हुए हैं, जिसको लेकर शिवचंद्र राम ने कहा कि सरकार बताए विधायकों के लिए कितना आरक्षण किए हैं. यह तो पहले से जो आरक्षण हमें मिला है. वहीं, हमें अभी तक मिलते आ रहा है. हम चाहते हैं कि सरकार जाति जनगणना को भी ओपन करवाएं.