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Supreme Court Verdict on EC : चुनाव आयोग पर SC के फैसले का RJD ने किया स्वागत- कहा बढ़ेगी विश्वसनीयता

आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने चुनाव आयोग सदस्यों के चयन प्रक्रिया मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे आमलोगों और राजनैतिक पार्टियों का भी चुनाव आयोग पर विश्वास बढ़ेगा. पढ़ें पूरी खबर...

आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी का चुनाव आयोग मामले पर बयान
आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी का चुनाव आयोग मामले पर बयान
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Published : Mar 3, 2023, 8:38 AM IST

Updated : Mar 3, 2023, 10:05 AM IST

पटना: आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (RJD Leader Shivanand Tiwari) ने चुनाव आयोग के सदस्यों के चयन प्रक्रिया में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे राजनैतिक पार्टियों और आमलोगों की विश्वसनीयता बढ़ जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के नए बदलाव के अनुसार अब प्रधानमंत्री, लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश की कमिटी इस बात पर चर्चा करेगी. उसके बाद चुनाव आयोग नियुक्त किया जाएगा.

यह भी पढे़ं- Ramcharitmanas Controversy: 'शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को इलाज की जरूरत..उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है'

"चुनाव आयोग के सदस्यों के चयन प्रक्रिया पर बदलाव का फैसला सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने तीन सदस्यों की कमिटी बनाने का निर्णय लिया है. जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विरोधी दल या सबसे बड़े विरोधी दल के नेता और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस कमिटी के सदस्य होंगे. इन तीनों के द्वारा ही चुनाव आयोग की नियुक्ति की जाएगी."- शिवानंद तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आरजेडी

आरजेडी ने फैसले का किया स्वागत: पटना स्थित आरजेडी कार्यालय में वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग के सदस्यों के चयन प्रक्रिया पर बदलाव सही कदम है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने तीन सदस्यों की कमिटी बनाने का निर्णय लिया है. जिसमें प्रधानमंत्री, लोक सभा में विरोधी दल या सबसे बड़े विरोधी दल के नेता और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सदस्य होंगे. इन तीनों के द्वारा ही चुनाव आयोग की नियुक्ति की जाएगी. आगे बताया कि अभी तक चुनाव आयोग सदस्य भारत सरकार द्वारा नामित होते थे.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बढ़ेगा विश्वास:आरजेडी उपाध्यक्ष ने कहा कि आयोग की अविश्वसनियता से चुनावों की निष्पक्षता पर भी संदेह होने लगता है. यह लोकतंत्र के लिए घातक स्थिति पैदा करती है. उनके मुताबिक कई सालों से चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया को बदलने की मांग की जा रही थी. हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आयोग की विश्वसनीयता बढ़ेगी. इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ संदेश दिया है कि वह सरकार के दबाव में आने वाली नहीं है.

उच्चतम न्यायालय का फैसला: ज्ञात हो कि गुरुवार को चुनाव आयोग के कामकाज में विश्वसनीयता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति अब सीधे केंद्र सरकार नहीं कर सकेगी. इन पदों पर नियुक्ति की सिफारिश प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की कमेटी करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर लोकसभा में नेता विपक्ष का पद खाली भी है. तब सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता इस कमेटी के सदस्य होंगे.


पटना: आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (RJD Leader Shivanand Tiwari) ने चुनाव आयोग के सदस्यों के चयन प्रक्रिया में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे राजनैतिक पार्टियों और आमलोगों की विश्वसनीयता बढ़ जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के नए बदलाव के अनुसार अब प्रधानमंत्री, लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश की कमिटी इस बात पर चर्चा करेगी. उसके बाद चुनाव आयोग नियुक्त किया जाएगा.

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"चुनाव आयोग के सदस्यों के चयन प्रक्रिया पर बदलाव का फैसला सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने तीन सदस्यों की कमिटी बनाने का निर्णय लिया है. जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विरोधी दल या सबसे बड़े विरोधी दल के नेता और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस कमिटी के सदस्य होंगे. इन तीनों के द्वारा ही चुनाव आयोग की नियुक्ति की जाएगी."- शिवानंद तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आरजेडी

आरजेडी ने फैसले का किया स्वागत: पटना स्थित आरजेडी कार्यालय में वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग के सदस्यों के चयन प्रक्रिया पर बदलाव सही कदम है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने तीन सदस्यों की कमिटी बनाने का निर्णय लिया है. जिसमें प्रधानमंत्री, लोक सभा में विरोधी दल या सबसे बड़े विरोधी दल के नेता और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सदस्य होंगे. इन तीनों के द्वारा ही चुनाव आयोग की नियुक्ति की जाएगी. आगे बताया कि अभी तक चुनाव आयोग सदस्य भारत सरकार द्वारा नामित होते थे.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बढ़ेगा विश्वास:आरजेडी उपाध्यक्ष ने कहा कि आयोग की अविश्वसनियता से चुनावों की निष्पक्षता पर भी संदेह होने लगता है. यह लोकतंत्र के लिए घातक स्थिति पैदा करती है. उनके मुताबिक कई सालों से चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया को बदलने की मांग की जा रही थी. हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आयोग की विश्वसनीयता बढ़ेगी. इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ संदेश दिया है कि वह सरकार के दबाव में आने वाली नहीं है.

उच्चतम न्यायालय का फैसला: ज्ञात हो कि गुरुवार को चुनाव आयोग के कामकाज में विश्वसनीयता लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति अब सीधे केंद्र सरकार नहीं कर सकेगी. इन पदों पर नियुक्ति की सिफारिश प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की कमेटी करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर लोकसभा में नेता विपक्ष का पद खाली भी है. तब सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता इस कमेटी के सदस्य होंगे.


Last Updated : Mar 3, 2023, 10:05 AM IST
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