पटनाः बिहार में जातीय गणना को लेकर घमासान मचा हुआ है. हाई कोर्ट ने जब से रोक लगाई है. महागठबंधन दल के नेता लगातार इसको लेकर बीजेपी को दोषी मान बयानबाजी कर रहे हैं. अब राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव (RJD leader Shakti Yadav) ने कहा है कि जातीय गणना कराने की मांग शुरू से राजद की थी. हमारे नेता तेजस्वी जी जिस समय विपक्ष में थे, उस समय हमलोगों ने सरकार को जातीय गणना करने की घोषणा करने पर मजबूर किया था. सरकार ने जातीय गणना कराना शुरू किया तो कुछ लोगों की छाती फटने लगी. क्योंकि उन्हें अपना पोल खुलने का डर था.
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समावेशी विकास के लिए सर्वे जरूरीः शक्ति यादव ने कहा कि जिस तरह बीजेपी के लोग सिर्फ जुमलेबाजी करते हैं. जातीय गणना और आर्थिक सर्वे जब सामने आता तो पता चल जाता की, इन्होंने समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों के लिए कुछ नहीं किया. राजद पहले से कहती रही है कि समावेशी विकास तबतक नहीं हो सकता, जब तक इस तरह का सर्वे नहीं हो जाता है. जब इस तरह के सर्वे करने की बात सामने आई थी तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने सदन में कहा था की केंद्र सरकार जातीय गणना नहीं करा सकती है, लेकिन राज्य अगर चाहेतो अपने खर्चे पर इसे करा सकती है. अब बिहार में यह हो रहा है तो बीजेपी के लोग हाय हाय कर रहे हैं. पता नहीं ये लोग क्या चाहते हैं? देश को किस ओर ले जाना चाहते है.
"जातीय गणना कराने की मांग शुरू से राजद की थी. हमारे नेता तेजस्वी जी जिस समय विपक्ष में थे, उस समय हमलोगों ने सरकार को जातीय गणना करने की घोषणा करने पर मजबूर किया था. सरकार ने जातीय गणना कराना शुरू किया तो कुछ लोगों की छाती फटने लगी. क्योंकि उन्हें अपना पोल खुलने का डर था. राजद पहले से कहती रही है कि समावेशी विकास तबतक नहीं हो सकता, जब तक इस तरह का सर्वे नहीं हो जाता है"- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, राजद
जातीय गणना को जानबूझकर रुकवाया गया: शक्ति सिंह यादव ने कहा कि भाजपा के लोग की जो सोच है. वो बदल नहीं सकती है. यही कारण है कि जातीय गणना के साथ आर्थिक सर्वे का जो काम हो रहा था. उसे जानबूझकर रोकवाने का काम किया गया, लेकिन जिन लोगों ने इस तरह की साजिश रची है, वो इसमें कामयाब नहीं होंगे, कोर्ट में अर्जी राज्य सरकार ने