पटना: हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी वर्तमान सरकार में है. उन्होंने एक विधान पार्षद और एक मंत्री पद की मांग के साथ-साथ प्राइवेट नौकरी में आरक्षण और न्यायपालिका में आरक्षण जैसे मुद्दों को भी उठाया है. इसे लेकर विपक्ष ने चुटकी ली है.
'जीतन राम मांझी विधान पार्षद या मंत्री पद की मांग कर रहे हैं, वो वाजिब है. जब एनडीए में चार विधायक वाले मुकेश साहनी को मिला है तो जीतन राम मांझी को क्यों नहीं.'- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, राजद
जीतन राम मांझी सरकार में रहकर आज प्राइवेट नौकरी में आरक्षण और न्यायपालिका में आरक्षण की बात करते हैं. इसको लेकर आंदोलन करने की बात करते हैं, जो कि समझ से परे है. उन्हें इस मांग को मजबूती से रखना चाहिए. अगर सरकार नहीं माने तब सरकार से बाहर होकर आंदोलन करना चाहिए, क्योंकि जीतन राम मांझी जब मुख्यमंत्री थे तो इस मुद्दे पर बात करते थे.
'जीतन राम मांझी की जो मांग है उस पर चर्चा होगी. एनडीए के सारे घटक दल उस पर विचार करेंगे. प्राइवेट नौकरी में आरक्षण का मामला संवैधानिक है. उस पर केंद्र ही विचार कर सकती है. जीतन राम मांझी एनडीए घटक दल के एक शीर्ष नेता है. निश्चित तौर पर सभी बड़े नेता उनकी बातों पर विचार करने का काम करेंगे'- विवेकानंद पासवान, प्रवक्ता, बीजेपी
वहीं, राजद के इस प्रतिक्रिया पर बीजेपी प्रवक्ता विवेकानंद पासवान ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहा है और एनडीए में फूट डालने की कोशिश कर रहा है, लेकिन एनडीए मजबूत है. विपक्ष ऐसे ही ख्याली पुलाव पकाते रहेगा.