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पारिवारिक और न्यायिक मामलों में फंसी RJD विपक्ष की भूमिका में दिख रही कमजोर

बिहार में मुख्य विपक्षी दल राजद का हो, लेकिन लोकसभा चुनाव में हार के बाद राजद परिवारिक कलह और न्यायिक मामलों में उलझकर रह गयी है. एक तरफ मीसा भारती तो दूसरी ओर तेजप्रताव यादव बड़े भाई होने के नाते पार्टी की कमान चाहते हैं. लेकिन लालू प्रसाद यादव ने तेजस्वी यादव को अपनी पार्टी की कमान दे रखी है.

बिहार विधानसभा
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Published : Aug 1, 2019, 9:53 AM IST

पटना: बिहार में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में सभी दल इसकी तैयारियों में जुट गए हैं. मुख्य विपक्षी दल भले ही आरजेडी हो, लेकिन विपक्षी दल की अहम भूमिका निभाने में वह असफल साबित हो रही है. जहां तक जन मुद्दों का सवाल है, इसे सबसे ज्यादा बार सदन में वाम पार्टियों ने ही उठाया है. वाम पार्टी सदन में भले ही संख्या बल में कम हो लेकिन माना जा सकता है, सरकार पर सदन में सबसे ज्यादा हमला उसने ही किया है.

विपक्षी दल की भूमिका निभाने में आरजेडी फेल
राज्य में विपक्षी दल की भूमिका की बात करें तो बिहार में सृजन घोटाला हो या फिर चमकी बुखार का मुद्दा, या राज्य के दर्जनों जिलों में बाढ़ से हुई तबाही का मुद्दा, आरजेडी हर मोर्चे पर सरकार को घेरने में कमजोर ही दिखाई देती है. तो वहीं इन मुद्दों को लेकर लेफ्ट पार्टियां नीतीश सरकार को सदन से लेकर सड़क तक घेरती नजर आ रही हैं.

आरजेडी विपक्षी दल की भूमिका में कमजोर

जन मुद्दों के सवालों को लेकर राजद के नरम रुख पर बेगूसराय से बेलछी विधायक उपेंद्र पासवान का कहना है कि हमारी पार्टी हमेशा से जन मुद्दों को लेकर सड़क से सदन तक सरकार के नीतियों का विरोध करती आ रही है. हमने हमेशा से उन्हीं मुद्दों पर सरकार से बात की जो जनता से जुड़ी हुई है और आगे भी हम जन समस्याओं को लेकर सरकार से सवाल पूछते रहेंगे.

सदन में कम संख्या वाले विधायक फिर भी मजबूत
सबसे कम विधायक वाली पार्टी भाकपा माले की है. सदन में सिर्फ इनके तीन ही विधायक हैं. लेकिन फिर भी सरकार की नीतियों के विरोध में सबसे ज्यादा मजबूती से लड़ाई लड़ती दिख रही है. वाम विधायकों ने चमकी बुखार के मुद्दे से बिहार में आयी बाढ़ के मुद्दे तक हर सवाल पर सरकार को घेरने का काम किया है. तो वहीं पार्टी स्तर से भी जन समस्याओं को दूर करने के लिए इन्होंने कदम उठाए हैं. उपेंद्र पासवान ने कहा कि पार्टी के तीनों विधायक बाढ़ पीड़ितों के लिए अपना एक महीने का वेतन भी दे देंगे और हमारी पार्टी के कार्यकर्ता बाढ़ पीड़ितों के लिए हर जिलें में मदद भी कर रही है.

'परिवारिक मामलों में फंसी है राजद'
वहीं, बिहार में विपक्ष की भूमिका पर पूछे गए सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार संतोष ने कहा कि भले ही राज्य में मुख्य विपक्षी दल राजद हो, लेकिन लोकसभा चुनाव में हार के बाद राजद परिवारिक कलह और न्यायिक मामलों में उलझकर रह गयी है. उन्होंने कहा कि, वहीं दूसरी ओर पार्टी में बड़े पद के लिए परिवार में विवाद चल रहा है. एक तरफ मीसा भारती तो दूसरी ओर तेजप्रताव यादव बड़े भाई होने के नाते पार्टी की कमान चाहते हैं. लेकिन लालू प्रसाद यादव ने तेजस्वी यादव को अपनी पार्टी की कमान दे रखी है. इस कारण राजद कई भागों में टूट चुकी है. अगर आने वाले समय में पार्टी में बड़ी टूट हो भी जाती है तो कोई बड़ी बात नहीं होगी.

पटना: बिहार में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में सभी दल इसकी तैयारियों में जुट गए हैं. मुख्य विपक्षी दल भले ही आरजेडी हो, लेकिन विपक्षी दल की अहम भूमिका निभाने में वह असफल साबित हो रही है. जहां तक जन मुद्दों का सवाल है, इसे सबसे ज्यादा बार सदन में वाम पार्टियों ने ही उठाया है. वाम पार्टी सदन में भले ही संख्या बल में कम हो लेकिन माना जा सकता है, सरकार पर सदन में सबसे ज्यादा हमला उसने ही किया है.

विपक्षी दल की भूमिका निभाने में आरजेडी फेल
राज्य में विपक्षी दल की भूमिका की बात करें तो बिहार में सृजन घोटाला हो या फिर चमकी बुखार का मुद्दा, या राज्य के दर्जनों जिलों में बाढ़ से हुई तबाही का मुद्दा, आरजेडी हर मोर्चे पर सरकार को घेरने में कमजोर ही दिखाई देती है. तो वहीं इन मुद्दों को लेकर लेफ्ट पार्टियां नीतीश सरकार को सदन से लेकर सड़क तक घेरती नजर आ रही हैं.

आरजेडी विपक्षी दल की भूमिका में कमजोर

जन मुद्दों के सवालों को लेकर राजद के नरम रुख पर बेगूसराय से बेलछी विधायक उपेंद्र पासवान का कहना है कि हमारी पार्टी हमेशा से जन मुद्दों को लेकर सड़क से सदन तक सरकार के नीतियों का विरोध करती आ रही है. हमने हमेशा से उन्हीं मुद्दों पर सरकार से बात की जो जनता से जुड़ी हुई है और आगे भी हम जन समस्याओं को लेकर सरकार से सवाल पूछते रहेंगे.

सदन में कम संख्या वाले विधायक फिर भी मजबूत
सबसे कम विधायक वाली पार्टी भाकपा माले की है. सदन में सिर्फ इनके तीन ही विधायक हैं. लेकिन फिर भी सरकार की नीतियों के विरोध में सबसे ज्यादा मजबूती से लड़ाई लड़ती दिख रही है. वाम विधायकों ने चमकी बुखार के मुद्दे से बिहार में आयी बाढ़ के मुद्दे तक हर सवाल पर सरकार को घेरने का काम किया है. तो वहीं पार्टी स्तर से भी जन समस्याओं को दूर करने के लिए इन्होंने कदम उठाए हैं. उपेंद्र पासवान ने कहा कि पार्टी के तीनों विधायक बाढ़ पीड़ितों के लिए अपना एक महीने का वेतन भी दे देंगे और हमारी पार्टी के कार्यकर्ता बाढ़ पीड़ितों के लिए हर जिलें में मदद भी कर रही है.

'परिवारिक मामलों में फंसी है राजद'
वहीं, बिहार में विपक्ष की भूमिका पर पूछे गए सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार संतोष ने कहा कि भले ही राज्य में मुख्य विपक्षी दल राजद हो, लेकिन लोकसभा चुनाव में हार के बाद राजद परिवारिक कलह और न्यायिक मामलों में उलझकर रह गयी है. उन्होंने कहा कि, वहीं दूसरी ओर पार्टी में बड़े पद के लिए परिवार में विवाद चल रहा है. एक तरफ मीसा भारती तो दूसरी ओर तेजप्रताव यादव बड़े भाई होने के नाते पार्टी की कमान चाहते हैं. लेकिन लालू प्रसाद यादव ने तेजस्वी यादव को अपनी पार्टी की कमान दे रखी है. इस कारण राजद कई भागों में टूट चुकी है. अगर आने वाले समय में पार्टी में बड़ी टूट हो भी जाती है तो कोई बड़ी बात नहीं होगी.

Intro:बिहार में मुख्य विपक्षी दल भले ही राजद हो..लेकिन सदन से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ने में फिसड्डी साबित हो रही है...तो वही वाम पार्टीयां सदन में संख्या बल कम होने बाद भी जन मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर है।


Body:बिहार में सृजन घोटाला हो या फिर चमकी बुखार से सैकड़ो बच्चो की मौत से जुड़ा मामला कहे या राज्य के दर्जनों जिलों में बाढ़ से हुई तबाही से लाखों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा हो..राजद हर मोर्चे पर सरकार को घेरने में कमजोर दिखी..तो वही इन मुद्दों को लेकर लेफ्ट पार्टियां नीतीश सरकार पर सदन और सड़क तक घेरते नजर आ रहे है।

वही जन मुद्दों के सवालों लेकर राजद के नरम रुख पर बेगुसराय से बेलछी विधायक उपेंद्र पासवान ने दावा करते हुए कहा हमारी पार्टी जन मुद्दों को लेकर सड़क से सदन तक सरकार के नीतियों का विरोध करते रहे है..और आगे भी जन समस्याओं को लेकर विरोध करते रहेंगे।

वही सदन में तीन विधायकों वाली पार्टी सीपीआई माले सरकार के नीति के विरोध में मजबूत लड़ाई लड़ने का दावा करते हुए कहा कि चमकी बुखार का मामला हो या बिहार में आये बाढ़ को लेकर हमारी पार्टी ने हर सवाल पर सरकार को घेरने का काम किया है..तो वही पार्टी स्तर से भी जन समस्याओं को दूर करने के लिए कदम उठाए जा रहे है..उन्होंने कहा पार्टी के तीनों विधायक बाढ़ पीड़ितों को लिए एक माह वेतन देने और पार्टी कार्यकर्त्ताओ पर प्रभावित लोगों की लगातार मदद की जा रही है।

बिहार में विपक्ष की भूमिका पर पूछे गए सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार संतोष जी कहा भले ही राज्य में मुख्य विपक्षी दल राजद हो..लेकिन लोकसभा चुनाव में हर के बाद परिवारिक कलह और न्यायिक मामलों में उलझकर रह गया है...उन्होंने कहा दूसरी ओर पार्टी में शिर्ष पद के लिए परिवार में संग्राम चल रहा है..एक तरह मीसा भारती तो दूसरी ओर तेजप्रताव यादव बड़े भाई होने के नाते पार्टी में वर्चव बनाना चाहते है..लेकिन लालू प्रसाद यादव ने तेजस्वी यादव को पार्टी की कमान दे रखी है।

वही उन्होंने कहा जो हालात है..उससे आने वाले समय मे पार्टी में बड़ी टूट हो सकती है और दर्जनों विधायक राजद को छोड़ जदयू में शामिल हो सकते है..उन्होंने कहा राजद के लगभग 28 विधायक नीतीश कुमार के संपर्क में है।

उपेंद्र पासवान(राजद विधायक)
सुदामा प्रसाद(माले विधायक)
संतोष कुमार(वरिष्ठ पत्रकार)


Conclusion:
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