पटना: बिहार के अररिया में होमगार्ड जवान को कृषि पदाधिकारी की तलाशी लेनी महंगी पड़ गई. भड़के कृषि पदाधिकारी ने फरमान सुनाते हुए मौके पर ही होमगार्ड को कान पकड़कर उठक-बैठक करवाई. साथ ही उसे आगे से ध्यान रखने की धमकी भी दे डाली. इसके बाद वायरल हुए वीडियो को लेकर सियासत गर्म हो गई है. आरजेडी ने अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग की है, तो वहीं जदयू ने मामले को जांच का विषय बताया है.
वीडियो वायरल होने के बाद आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिहार में अफसरशाही शुरू से ही चरम पर है. यहां पर अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं. लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए पुलिस दिन-रात सड़कों पर ड्यूटी कर रही है, लेकिन अधिकारी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं.
'पुलिस का मनोबल तोड़ रहे हैं अधिकारी'
आरजेडी नेता ने कहा कि हमने भी वो वीडियो देखा है, जिसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि कृषि पदाधिकारी जवान के साथ अमर्यादित व्यवहार कर रहे हैं. अपने व्यवहार से अधिकारी पुलिस कर्मियों के मनोबल को तोड़ रहे हैं. जब ऐसे ही अधिकारी सुरक्षाकर्मियों के मनोबल तोड़ेंगे, तो फिर ड्यूटी कौन करेगा. इसलिए हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि उस अधिकारी पर तत्काल कार्रवाई की जाए.
मामले की होगी जांच
वहीं, इस मामले को लेकर जब सरकार के मंत्री से बात की गई, तो उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ये जांच का विषय है. सूचना और जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने अररिया वीडियो वायरल को लेकर कहा कि कोरोना एक ऐसा रोग है जिसकी अभी तक कोई दवा बनी नहीं है. तो स्वभाविक है कि लॉकडाउन का पालन करना सबके लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि विभागीय प्रक्रिया के अनुसार ही सब कुछ चलेगा.
बता दें कि सरकार के आदेश पर 20 अप्रैल को राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों को खोला गया है और सभी अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वो ऑफिस जाएं, लेकिन कृषि अधिकारी का जो वीडियो वायरल हुआ है. उसमें साफ तौर पर पता चल रहा है कि वो जवान के साथ किस तरह का व्यवहार कर रहे हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि इस वीडियो पर सरकार या प्रशासनिक पदाधिकारी क्या एक्शन लेते हैं.