पटना: 23 मार्च को बिहार विधानसभा (Bihar Legislative Assembly) में पुलिस द्वारा विपक्षी विधायकों से मारपीट मामले में दो पुलिसकर्मी को सस्पेंड किए जाने पर राजद (RJD) ने आपत्ति व्यक्त की है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि सिपाहियों को बलि का बकरा बनाया गया. इस मामले में डीएम और एसपी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
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चितरंजन गगन ने कहा, "घटना के समय पटना के डीएम और एसपी भी मौजूद थे. उनके बिना निर्देश के पुलिसकर्मी माननीय विधायकों से मारपीट नहीं कर सकते. घटना के बाद विपक्ष के विधायक काफी भयभीत थे. इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को पत्र लिखा था. घटना के 121 दिन बाद दो सिपाही के खिलाफ कार्रवाई की गई है. दो सिपाही को बलि का बकरा बना दिया गया है."
"अब सोचने वाली बात है कि विधानसभा के अंदर दो सिपाही ने एक दर्जन से अधिक विधायकों को इस तरह पीटा कि उनमें से कई को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. सिर्फ दो सिपाहियों पर गाज गिरा दिया गया, जबकि वहां एसपी, डीएम से लेकर कई उच्च पदाधिकारी मौजूद थे. क्या यह संभव है कि बिना अधिकारियों की अनुमति के सिपाहियों ने ऐसी हरकत की? कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई है."- चितरंजन गगन, प्रदेश प्रवक्ता, राजद
बता दें कि 23 मार्च को विधानसभा में पुलिसकर्मियों द्वारा विपक्षी दलों के दर्जनों विधायकों से मारपीट की गई थी. इस दौरान कई विधायकों को काफी चोट आई थी. उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की थी.
उन्होंने कहा था कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद ही विपक्ष के विधायक सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे. बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू होने वाला है. माना जा रहा है यह सत्र काफी हंगामेदार होगा.
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