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बिहार चुनाव: आरजेडी-कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा, लेकिन सीटें घट गई, LJP के कारण JDU को भारी नुकसान

विधानसभा चुनाव में लोजपा बहुत बड़ा फैक्टर बनकर सामने आया और इसके कारण जदयू को बड़ा नुकसान हुआ है. एनडीए का सीट भी घटकर काफी कम हो गया. लेकिन लोजपा को भी कोई फायदा नहीं हुआ.

bihar poll
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Published : Nov 22, 2020, 9:51 PM IST

Updated : Nov 22, 2020, 11:53 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को बहुमत आया और सरकार भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में बन चुकी है. लेकिन वोट प्रतिशत की बात करें तो इस बार 2015 के मुकाबले कांग्रेस और आरजेडी का वोट प्रतिशत बढ़ा है. लेकिन सीटें घट गई है. वहीं, बीजेपी का वोट प्रतिशत घटा है. लेकिन सीट बढ़ गई हैं. जहां तक जदयू की बात है तो वोट प्रतिशत भी घटा और सीट भी घट गई.

भाजपा का स्ट्राइक रेट 2015 से बेहतर

  • भाजपा को 2005 में 15% वोट आया था.
  • 2010 में बढ़कर 16.49 % हो गया.
  • 2015 में बढ़कर 24.42 % तक पहुंच गया. लेकिन 2020 में इस साल घटकर 19.46 % हो गया.
  • 2015 में भाजपा को 53 सीटें मिली थी लेकिन इस साल 74 सीट मिला है यानी 21 सीटों का फायदा हुआ है.
    देखें रिपोर्ट...

वहीं, आरजेडी और कांग्रेस की बात करें तो दोनों महागठबंधन की बड़ी पार्टियां है. 2015 के मुकाबले 2020 में दोनों पार्टियों का वोट प्रतिशत बढ़ा है. लेकिन दोनों का सीट घट गया है. आरजेडी को 2005 में 23.45% वोट मिला था, 2010 में बढ़कर 27.31% हो गया, 2015 में 18.35 % घट कर हो गया और 2020 में यानी इस साल 23.1% हो गया है. आरजेडी का जब-जब वोट प्रतिशत बढ़ा है. सीटें घट गई है. 2015 में आरजेडी को 81 सीटें आई थी. लेकिन इस साल घटकर 75 हो गया.

महागठबंधन की सहयोगी पार्टी कांग्रेस की बात करें तो 2005 में 06.09%, 2010 में 8.37%, 2015 में 6.66% और 2020 में 9.48% हो गया. 2015 में 29 सीटें थी. लेकिन इस साल 2020 में 19 सीट रह गया. इस बार विधानसभा चुनाव में राजद को 9736242 वोट मिला, तो वही बीजेपी को 82 लाख 1408 वोट मिला. वोटों के हिसाब से आरजेडी और बीजेपी के बीच अच्छा खासा अंतर है. लेकिन सीटों की बात करें तो 1 सीट का दोनों के बीच फासला रह गया.

आरजेडी और बीजेपी के बीच 3.64% वोटों का फासला
दिलचस्प वोट प्रतिशत आरजेडी और भाजपा के बीच देखने से मिलता है. दोनों के बीच वोट प्रतिशत में अंतर 3.64% का है. लेकिन सीटों का अंतर केवल एक है. यानी केवल एक सीट से आरजेडी बड़ी पार्टी बन गई है, जबकि बीजेपी दूसरी बड़ी पार्टी है और जदयू तीसरी बड़ी पार्टी.

लोजपा के कारण जेडीयू को नुकसान
विधानसभा चुनाव में लोजपा बहुत बड़ा फैक्टर बनकर सामने आया और इसके कारण जदयू को बड़ा नुकसान हुआ है. एनडीए का सीट भी घटकर काफी कम हो गया. लेकिन लोजपा को भी कोई फायदा नहीं हुआ. 2005 में लोजपा को 11.10% वोट मिला था, जो 2010 में बढ़कर 21.78% हो गया, 2015 में 4.83% था, 2020 में 5.6% हो गया. 2015 में लोजपा के पास 2 सीटें थी. लेकिन इस साल घटकर केवल 1 सीट हो गई है. लोजपा की प्रदर्शन की बात करें तो 2005 में 203 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 10 उम्मीदवार जीते थे. 2010 में 75 उम्मीदवार चुनाव में थे और 3 को जीत मिली थी. 2015 में भी लोजपा को 2 सीट पर जीत मिली थी. लेकिन इस साल घटकर 1 हो गया है.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को बहुमत आया और सरकार भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में बन चुकी है. लेकिन वोट प्रतिशत की बात करें तो इस बार 2015 के मुकाबले कांग्रेस और आरजेडी का वोट प्रतिशत बढ़ा है. लेकिन सीटें घट गई है. वहीं, बीजेपी का वोट प्रतिशत घटा है. लेकिन सीट बढ़ गई हैं. जहां तक जदयू की बात है तो वोट प्रतिशत भी घटा और सीट भी घट गई.

भाजपा का स्ट्राइक रेट 2015 से बेहतर

  • भाजपा को 2005 में 15% वोट आया था.
  • 2010 में बढ़कर 16.49 % हो गया.
  • 2015 में बढ़कर 24.42 % तक पहुंच गया. लेकिन 2020 में इस साल घटकर 19.46 % हो गया.
  • 2015 में भाजपा को 53 सीटें मिली थी लेकिन इस साल 74 सीट मिला है यानी 21 सीटों का फायदा हुआ है.
    देखें रिपोर्ट...

वहीं, आरजेडी और कांग्रेस की बात करें तो दोनों महागठबंधन की बड़ी पार्टियां है. 2015 के मुकाबले 2020 में दोनों पार्टियों का वोट प्रतिशत बढ़ा है. लेकिन दोनों का सीट घट गया है. आरजेडी को 2005 में 23.45% वोट मिला था, 2010 में बढ़कर 27.31% हो गया, 2015 में 18.35 % घट कर हो गया और 2020 में यानी इस साल 23.1% हो गया है. आरजेडी का जब-जब वोट प्रतिशत बढ़ा है. सीटें घट गई है. 2015 में आरजेडी को 81 सीटें आई थी. लेकिन इस साल घटकर 75 हो गया.

महागठबंधन की सहयोगी पार्टी कांग्रेस की बात करें तो 2005 में 06.09%, 2010 में 8.37%, 2015 में 6.66% और 2020 में 9.48% हो गया. 2015 में 29 सीटें थी. लेकिन इस साल 2020 में 19 सीट रह गया. इस बार विधानसभा चुनाव में राजद को 9736242 वोट मिला, तो वही बीजेपी को 82 लाख 1408 वोट मिला. वोटों के हिसाब से आरजेडी और बीजेपी के बीच अच्छा खासा अंतर है. लेकिन सीटों की बात करें तो 1 सीट का दोनों के बीच फासला रह गया.

आरजेडी और बीजेपी के बीच 3.64% वोटों का फासला
दिलचस्प वोट प्रतिशत आरजेडी और भाजपा के बीच देखने से मिलता है. दोनों के बीच वोट प्रतिशत में अंतर 3.64% का है. लेकिन सीटों का अंतर केवल एक है. यानी केवल एक सीट से आरजेडी बड़ी पार्टी बन गई है, जबकि बीजेपी दूसरी बड़ी पार्टी है और जदयू तीसरी बड़ी पार्टी.

लोजपा के कारण जेडीयू को नुकसान
विधानसभा चुनाव में लोजपा बहुत बड़ा फैक्टर बनकर सामने आया और इसके कारण जदयू को बड़ा नुकसान हुआ है. एनडीए का सीट भी घटकर काफी कम हो गया. लेकिन लोजपा को भी कोई फायदा नहीं हुआ. 2005 में लोजपा को 11.10% वोट मिला था, जो 2010 में बढ़कर 21.78% हो गया, 2015 में 4.83% था, 2020 में 5.6% हो गया. 2015 में लोजपा के पास 2 सीटें थी. लेकिन इस साल घटकर केवल 1 सीट हो गई है. लोजपा की प्रदर्शन की बात करें तो 2005 में 203 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 10 उम्मीदवार जीते थे. 2010 में 75 उम्मीदवार चुनाव में थे और 3 को जीत मिली थी. 2015 में भी लोजपा को 2 सीट पर जीत मिली थी. लेकिन इस साल घटकर 1 हो गया है.

Last Updated : Nov 22, 2020, 11:53 PM IST
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