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लालू के खिलाफ फिर केस ओपन करने पर भड़की RJD, कहा- 'ये बदले की भावना की राजनीति है' - RJD Attack on BJP

सीबीआई ने राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक केस को दोबारा खोलने का फैसला (cbi reopens file in railway projects case) किया है. जिसपर आरजेडी ने सवाल उठाए और कहा कि केंद्र उन्हें ऐसे समय में टार्गेट कर रहा है जब उनकी किडनी ट्रांसप्लांट की गई है. पढ़ें Bihar Politics News -

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Published : Dec 26, 2022, 3:53 PM IST

CBI ने लालू यादव के खिलाफ केस किया ओपन तो भड़की आरजेडी

पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav ) पर सीबीआई द्वारा फिर से केस ओपन करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. सीबीआई के इस कदम पर राजद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. RJD के पार्टी प्रवक्ता एजाज अहमद (RJD Spokesperson Ajaz Ahmad) ने कहा कि सब जानते हैं कि लालू प्रसाद की किडनी का प्रत्यारोपण हुआ है. ऐसे वक्त में बीजेपी जो राजनीति कर रही है, उसे सब देख रहे हैं कि कैसे बदले की भावना से पार्टी कार्य कर रही है.

ये भी पढ़ें- लालू यादव की फिर बढ़ेंगी मुश्किलें, IRCTC घोटाले में फिर जांच शुरू

''इस केस को 2021 में बंद कर दिया गया था. उसे फिर से शुरू करना यह साफ करता है कि जब सीबीआई को लगा कि इस मामले में दम नहीं है तो केस बंद हो गया. लेकिन इस केस को फिर शुरू किया जा रहा है. यह बदले की भावना की राजनीति है.'' - एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

'लालू ही नहीं देश के अन्य विपक्षी नेता टार्गेट पर': आरजेडी ने एनडीए नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा (RJD Attack on BJP) कि बदले की राजनीति ना केवल बिहार बल्कि देश में दूसरे विपक्षी दल के जितने भी नेता हैं उन्हें टारगेट किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने इन एजेंसियों की कार्यशैली को लेकर बातें कहीं थी. बिहार में बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई है इसलिए वह इस तरह की कार्रवाई कर रही है.

क्या है पूरा मामला : बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में साल 2018 में जांच शुरू की थी और मई 2021 में जांच को बंद कर दिया गया था. बताया जाता है कि सीबीआई को लालू के खिलाफ आरोपों पर पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. इस मामले में लालू प्रसाद यादव के अलावा उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उनकी बेटी चंदा यादव और रागिनी यादव को भी अभियुक्त बनाया.


क्या है रेलवे परियोजनाओं से जुड़ा मामला: बताया जाता है कि इस मामले में कहा गया था कि लालू यादव ने रेलवे के प्रोजेक्ट्स निजी कंपनी को देने के एवज में दक्षिणी दिल्ली की एक प्रॉपर्टी रिश्वत के तौर पर हासिल की थी. आरोप था कि इस निजी कंपनी ने एक शेल कंपनी के जरिए प्रॉपर्टी काफी कम दाम में खरीदी और फिर इस शेल कंपनी को तेजस्वी यादव और लालू यादव (Lalu Yadav Corruption Case) के संबंधियों ने खरीद लिया. शेल कंपनी को खरीदने के लिए महज चार लाख रुपये की राशि शेयर ट्रांसफर के जरिए चुकाई गई.

IRCTC घोटाले में फिर जांच शुरू : रेलवे की परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू होने से लालू परिवार पर संकट के बादल (Lalu Family in Trouble) मंडरा रहे हैं. इससे पहले उन्‍हें अन्‍य मामलों में सजा हो चुकी है और लालू लंबे समय तक जेल में भी रहे. हाल ही में लालू का सिंगापुर में ऑपरेशन किया गया था, जिसमें उनकी बेटी ने किडनी डोनेट की थी. लालू का नाम चारा घोटाले में बतौर मुख्‍य आरोपी रहा. फिलहाल, लालू के खिलाफ केस दोबारा खुलने की खबरों से राज्य में एक बार फिर सियासत गर्म होने की आशंका है.

CBI ने लालू यादव के खिलाफ केस किया ओपन तो भड़की आरजेडी

पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav ) पर सीबीआई द्वारा फिर से केस ओपन करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. सीबीआई के इस कदम पर राजद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. RJD के पार्टी प्रवक्ता एजाज अहमद (RJD Spokesperson Ajaz Ahmad) ने कहा कि सब जानते हैं कि लालू प्रसाद की किडनी का प्रत्यारोपण हुआ है. ऐसे वक्त में बीजेपी जो राजनीति कर रही है, उसे सब देख रहे हैं कि कैसे बदले की भावना से पार्टी कार्य कर रही है.

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''इस केस को 2021 में बंद कर दिया गया था. उसे फिर से शुरू करना यह साफ करता है कि जब सीबीआई को लगा कि इस मामले में दम नहीं है तो केस बंद हो गया. लेकिन इस केस को फिर शुरू किया जा रहा है. यह बदले की भावना की राजनीति है.'' - एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

'लालू ही नहीं देश के अन्य विपक्षी नेता टार्गेट पर': आरजेडी ने एनडीए नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा (RJD Attack on BJP) कि बदले की राजनीति ना केवल बिहार बल्कि देश में दूसरे विपक्षी दल के जितने भी नेता हैं उन्हें टारगेट किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने इन एजेंसियों की कार्यशैली को लेकर बातें कहीं थी. बिहार में बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई है इसलिए वह इस तरह की कार्रवाई कर रही है.

क्या है पूरा मामला : बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में साल 2018 में जांच शुरू की थी और मई 2021 में जांच को बंद कर दिया गया था. बताया जाता है कि सीबीआई को लालू के खिलाफ आरोपों पर पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. इस मामले में लालू प्रसाद यादव के अलावा उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उनकी बेटी चंदा यादव और रागिनी यादव को भी अभियुक्त बनाया.


क्या है रेलवे परियोजनाओं से जुड़ा मामला: बताया जाता है कि इस मामले में कहा गया था कि लालू यादव ने रेलवे के प्रोजेक्ट्स निजी कंपनी को देने के एवज में दक्षिणी दिल्ली की एक प्रॉपर्टी रिश्वत के तौर पर हासिल की थी. आरोप था कि इस निजी कंपनी ने एक शेल कंपनी के जरिए प्रॉपर्टी काफी कम दाम में खरीदी और फिर इस शेल कंपनी को तेजस्वी यादव और लालू यादव (Lalu Yadav Corruption Case) के संबंधियों ने खरीद लिया. शेल कंपनी को खरीदने के लिए महज चार लाख रुपये की राशि शेयर ट्रांसफर के जरिए चुकाई गई.

IRCTC घोटाले में फिर जांच शुरू : रेलवे की परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू होने से लालू परिवार पर संकट के बादल (Lalu Family in Trouble) मंडरा रहे हैं. इससे पहले उन्‍हें अन्‍य मामलों में सजा हो चुकी है और लालू लंबे समय तक जेल में भी रहे. हाल ही में लालू का सिंगापुर में ऑपरेशन किया गया था, जिसमें उनकी बेटी ने किडनी डोनेट की थी. लालू का नाम चारा घोटाले में बतौर मुख्‍य आरोपी रहा. फिलहाल, लालू के खिलाफ केस दोबारा खुलने की खबरों से राज्य में एक बार फिर सियासत गर्म होने की आशंका है.

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