पटना: 5 जुलाई को राष्ट्रीय जनता दल के 27वां स्थापना दिवस को लेकर पार्टी कार्यालय को दुल्हन की तरह सजाया गया है. कार्यालय को पार्टी के रंग यानी कि हरे रंग के बल्ब से सजाया गया है. जिलेभर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेता पटना पहुंचेंगे.
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RJD का स्थापना दिवस कल: लालू यादव पटना में है और इस स्थापना दिवस पर वो भी पार्टी कार्यालय पहुंचेंगे. वैसे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी बाहर हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार वो भी कल राजद कार्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर हो रहे कार्यक्रम में पहुंचेंगे. राजद पार्टी की तरफ से सभी जिलों में भी स्थापना दिवस मनाने की तैयारी की गई है.
दुल्हन की तरह कार्यालय को सजाया गया: पार्टी कार्यालय से इसको लेकर आदेश भी जारी की गई है. फिर भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेता पार्टी कार्यालय पहुंचेंगे. इस बार पार्टी कार्यालय में खुद लालू यादव मौजूद रहेंगे. प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ साथ शिवानंद तिवारी, श्याम रजक, वृषण पटेल, कांति सिंह जैसे नेता भी स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यालय के मौजूद रहेंगे.
कुल मिलाकर देखें तो राजद ने स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाने की तैयारी की गई है. पटना के कई जगहों पर सड़क पर तोरण द्वार भी लगाए गए हैं.
1997 में हुई थी RJD की स्थापना: बता दें कि लालू यादव ने अपने बलबूते पर 1997 में आरजेडी को खड़ा किया था. स्थापना के वक्त उनके साथ रघुवंश प्रसाद सिंह, कांति सिंह समेत 17 लोकसभा सांसद और 8 राज्यसभा सांसदों की मौजूदगी में बड़ी तादाद में कार्यकर्ता और समर्थक जुटे थे.
स्थापना के साथ ही लालू यादव को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था. लालू उस समय से लेकर आजतक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर हैं. हालांकि अब पार्टी का पूरा दारोमदार उनके छोटे बेटे व बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर है. तेजस्वी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं.
स्थापना के पीछे था यह कारण: दरअसल आरजेडी की स्थापना के पीछे एक बड़ी राजनीतिक घटना थी. 4 जुलाई 1997 की शाम पूर्व पीएम इंद्र कुमार गुजराल ने दिल्ली में अपने आवास पर नेताओं की एक बैठक बुलाई थी, इसमें लालू यादव भी शामिल हुए थे.
इस बैठक में लालू प्रसाद से कहा गया कि वह सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे, लेकिन उनको जनता दल का ही अध्यक्ष रहने दिया जाए. तब लालू सीबीआई की गिरफ्त में घिर चुके थे. लेकिन लालू की एक बात नहीं सुनी गई. जिसके बाद अगले ही दिन यानी कि 5 जुलाई को लालू ने अपनी अलग राष्ट्रीय जनता दल के नाम से पार्टी बना ली.
इसके बाद लालू ने एक और दांव चलते हुए 25 जुलाई को अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बनाकर सबको चौंका दिया था. इस तरह लालू ने अपनी अलग पार्टी भी खड़ी कर ली और सत्ता भी बचा ली थी.