पटना: रमेश कुमार शर्मा की चर्चा इन दिनों पूरे बिहार में है, क्योंकि इस बार देश में चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों में शर्मा सबसे अधिक धनवान हैं. वह पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से मैदान में उतरे हैं. अपने शपथ पत्र में इन्होंने 1 हजार 107 करोड़ संपत्ति होने की बात कही है.
रमेश का है बहुत बड़ा कारोबार
रमेश शर्मा का मुकाबला यहां बीजेपी के राम कृपाल यादव और राजद प्रत्याशी मीसा भारती से है. रमेश शर्मा तीन दशक से मुंबई में रह रहे हैं. उनके कई तरह के बिजनेस हैं. लेकिन वह अब पाटलिपुत्र के लिए कुछ करना चाहते हैं. इसलिए वह निर्दल प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं.
रमेश शर्मा से ईटीवी भारत संवाददाता ने खास बातचीत की. नीचे पढ़ें पूरा इंटरव्यू
रिपोर्टर- रमेश जी आपने शपथ पत्र में क्या दिया है संपत्ति के बारे में?
प्रत्याशी- चुनाव आयोग का शुक्रगुजार हूं कि नियम के पर्सनल जो एसेट्स हैं या पर्सनल उपलब्धियां हैं. तो उसे हमें जाहिर करना पड़ता है. अगर जाहिर नहीं करते हैं तो हम गुनाह पर आ जाते हैं. तो उन सभी समीकरण को समझते हुए हमने डीटेल दी है. चूंकि मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की कृपा हम पर रही है.
रिपोर्टर- जो आपने अपने शपथ में दिया है हम जानना चाह रहे थे कि कितनी संपत्ति का जिक्र किया है?
प्रत्याशी- संपत्ति का जिक्र शपथ पत्र में हमने 1107 करोड़ 55 लाख का दिया है.
रिपोर्टर- मेन बिजनेस आपका क्या है, आप क्या करते हैं?
प्रत्याशी- मेन बिजनेस हमारा है चूंकि मैं एनआरआई रहा हूं. और विदेश में मैं पानी के जहाज पर नौकरी करता था. इंडियन नेवी में भी था तो पानी के जहाज में ही नौकरी करता था. हमारी रोजी रोटी 1975 से आज तक पानी का जहाज ही देता रहा है. और किस्मत की बात है कि चुनाव आयोग ने मुझे जो सिंबल दिया वह पानी का जहाज ही दिया.
रिपोर्टर- बिजनेस आपका क्या है?
प्रत्याशी- बिजनेस भी मैनें उसी के संदर्भ में किया. विदेशों से पानी का जहाज खरीद कर इंडिया में बेचते हैं. इसके अलावा शिप पर जो मशीनरी सामान होते हैं उसकी सप्लाई करता हूं. 1990 से मैं बाहर आया और 1993 से यह काम कर रहा हूं.
रिपोर्टर- क्या नाम है आपकी कंपनी का कुछ नाम तो होगा ना?
प्रत्याशी- जी मेरी पहली कंपनी का नाम है मल्टी मरीन सर्विसेज लिमिटेड और दूसरी कंपनी का नाम है मर्मेड शिपिंग लिमिटेड, तीसरा है फूजी इंजिनियरिंग लिमिटेड, चौथा है नॉड स्टार इंटर प्राइजेज लिमिटेड, पांचवा है अपना इंरटेनमेंट लिमिटेड, छठा है हमारा फिल्म प्रोडक्शन्स लिमिटेड.
रिपोर्टर- शिपिंग के अलावा दूसरे क्षेत्र में भी है आपका बिजिनेस?
प्रत्याशी- जी शिपिंग के अलावे फिल्म इंडस्ट्री में भी डायवर्सिटी किया और हमारा फिल्म स्टूडियो भी है अंधेरी में. दो फिल्म स्टूडियो भी है डिजिटेक फिल्म स्टूडियो और हम जर्नलिस्ट भी हैं दो न्यूज पेपर भी हम चलाते हैं. एक हिंदी का और एक इंग्लिश का. इंग्लिश का जो न्यूजपेपर है उसका द एंटेंट नाम है. जो भी हमारा इरादा है उसको हम लिखें.
रिपोर्टर- सर जब आप सफल बिजनेसमेन हैं तो चुनाव मैदान में उतरने का कैसे सोचे?
प्रत्याशी- देखिए जब आप सफल शब्द कह दिये हैं. तो सफल होने के बाद किसी भी क्षेत्र में एक मूलभूत जिम्मेदारी बढ़ जाती है. कि हम एक सच्चे और यूं कहें कि सफल सपूत भी हम रहें. सफल हम वहां के नागरिक भी हों या पाटलीपुत्र का नागरिक हो. कि इस पाटलीपुत्र का एक पुत्र भी हो और खासकर के जब यहां पर पाटलीपुत्र और बिहार डूब रहा है और वहां डूबते हुए को तिनके का सहारा भी काफी होता है. इस डूबते हुए पाटलीपुत्र को और जादुगिरी से परेशान होकर त्राहिमाम त्राहिमाम में है. पूरे बिहार के हालात बिगड़ते जा रहे हैं. इस पूरे पाटलीपुत्र पूरे बिहार के लिए तिनके का सहारा के साथ-साथ हम पानी का पूरा जहाज लेकर आ गए हैं. कि हम आप सबको बचाना भी चाहते हैं आपकते सामान की भी रक्षा करना चाहते हैं और आपके स्वाभिमान की भी रक्षा करना चाहते हैं.
रिपोर्टर- पहला कि इसके पहले भी चुनाव लड़े हैं कहीं से और दूसरा कि पार्टी से भी कभी आपका कोई संबंध रहा है?
प्रत्याशी- जी मैं पहले चुनाव लड़ा था 2015 में निर्दिलय से ही लड़ा था इंडिपेंडेंट लड़ा था. विधानसभा का ब्रिक्रमचक से. एक्चुवली उस समय लोकसभा क्षेत्र के बीजारोपण का काम शुरू हुआ था. तो वहां पर बीज रोपते हैं और देखते हैं सच्चाई में कितना ताकत है. ईमानदारी में कितना ताकत है. जनता को जागृत करने के लिए हमने एकजूट भेजा था. हम तो चाहते थे कि आप लोग भी आगे आएं. 2015 से प्लेटफॉर्म बनाना शुरू किया.
रिपोर्टर- किसी पार्टी से भी आपका कनेक्शन रहा?
प्रत्याशी- नहीं किसी पार्टी से मेरा कनेक्शन नहीं रहा.
रिपोर्टर- आप निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं आखिर क्या जनता को उम्मीद दिला रहे हैं उनको क्या जाकर बता रहे हैं?
प्रत्याशी- जनता को उम्मीद हम यह दिला रहे हैं कि जितने जो सुशासन के नाम पर कुशासन हो रहे हैं. जितने जो जुमले दिये जा रहे हैं. जितना झूठ फरेब की खेती की जा रही है. वह उजागर हो और बिहार में जो डूबने के हालात हैं उससे आगे बढ़ें. हर सपूत से मेरा निवेदन है कि...
रिपोर्टर- क्या करना चाहते हैं जनता अगर चुनती है?
प्रत्याशी- जनता अगर हमें चुनती है तो सबसे पहले मैं यहां पर इंप्लायमेंट की परेशानी को दूर करके हर साल मैं पांच सौ लोगों को नौकरी दूंगा.
रिपोर्टर- लेकिन आपके जो लड़ाई में यहां हैं बीजेपी के तरफ से राम कृपाल यादव हैं उनका बड़ा कैडर है बीजेपी का और आरजेडी की तरफ से मीसा भारती भी चुनाव लड़ रही हैं उनका भी कैडर है वोट बैंक है. तो ऐसे में आप कहां पाते हैं दोनों के बीच में ?
प्रत्याशी- जहां कैडर की बात तो रामकृपाल यादव का कैडर यह है कि वह आरजेडी में थे जब आरजेडी से टिकट नहीं मिला तो कुद्दी मारकर जंप करके बीजेपी में गये और बीजेपी उस समय खुद ही डूब रही थी तो इनको तिनका का सहारा पाकर खुद ही पकड़ लिया.
रिपोर्टर- .....और मोदी लहर में जीत गये?
प्रत्याशी- और जीत गये.. वह झूठ का फरेब का बोलबाल हो जाता है तो वह जीत गये लेकिन जीतने के बाद क्या किया. पांच साल में उन्होंने कुछ नहीं किया और सिर्फ पार्टी का आवाज उठाने का हर हर मोदी घर घर मोदी का वह ढोल बजाने का.
रिपोर्टर- लगातार बड़े नेता उनके प्रचार में आ रहे हैं और आप अकेले प्रचार कर रहे हैं. क्या लगता है परेशानियां है आपके लिए?
प्रत्याशी- नहीं हमारे लिए परेशानियां हैं या नहीं है पहले इसपर हम ना डिस्कस करें. सबसे पहले जरूरी यह है कि नरेंद्र मोदी या अमित शाह यहां आकर रैली कर रहे हैं. वह किसके लिए कर रहे हैं. मीसा भारती के अगेंस्ट रैली कर रहे हैं. या आपके शर्मा के अंगेस्ट कर रहे हैं. आप गहराई में जाएंगे तो एकमात्र एजेंडा यह मिलेगा कि सभी लोग आरके शर्मा को दबाने के लिए यह अभियान चलाए हुए हैं.
रिपोर्टर- लेकिन चर्चा तो यह है कि रमेश शर्मा जो खड़ें हैं वह वोट काटने के लिए खड़े हैं. इसमे कितनी सच्चाई है?
प्रत्याशी- देखिए वोट काटने के लिए खड़ा हेनी की बात जो भी इंसान कहता है वह सिर्फ काटने का काम जानता होगा जोड़ने का काम नहीं जानता होगा.
रिपोर्टर- प्रधानमंत्री हैं पांच साल से आप उनके कामकाज को किस तरह से देखते हैं ?
प्रत्याशी- वह ...कौन कहता है कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं. क्योंकि वह इलेक्शन लड़ने के पहले ही कह चुके हैं कि अबकी बार मोदी सरकार. तो यह देश का प्रधानमंत्री नहीं यह तो मोदी सरकार है. इतना विकृत मानसिकता किसी का हो वहीं कह सकता है.
रिपोर्टर- नीतीश कुमार बिहार में हैं उनके कामकाज को किस तरह से देखते हैं. कहना है कि सुशासन की सरकार है और 2005 से बिहार में बहुत कुछ बदला. 2005 से पहले जो स्थिती थी वह पूरी तरह बदल गई?
प्रत्याशी- 2005 से पहले जो मुजफ्फरपुर कांड हुआ और पटना का जो कांड हुआ और आश्रित गृहों में जो कांड हो रहे हैं वह नहीं होता था पहले. यह भी सुशासन के नाम पर कुशासन का एक सर्टिफिकेट है.
रिपोर्टर- बिहार से बाहर आप रह रहे हैं लगातार बिजनेस कर रहे हैं लेकिन 2005 से पहले कहा जाता था कि बिहारी शब्द कहना ही अपमान था. क्या उस स्थिती से सामना किये हैं कि नहीं?
प्रत्याशी- यह जो कह रहे हैं हैं वह कोई एंजेंट कह रहा होगा. पहले लालू जी और नीतीश जी का अगर समय देख लीजिए तो यह हुआ करता है करीब 30 या 31 साल. इसके पहले कहा जाता था कि एक बिहारी 100 पर भारी.
रिपोर्टर- कुछ करना चाहते हैं पाटलिपुत्र के लिए?
प्रत्याशी- हम कुछ पाटलिपुत्र के लिए जरूरी करना चाहते हैं इसलिए यहां आए हैं. हम पूरे बिहार के लिए भी करना चाहते हैं हम पूरे हिंदुस्तान के लिए भी करना चाहते हैं. और हम जितना कहते हैं उससे कम से कम एक प्रतिशत ज्यादा करके दिखाते हैं.
पांच सबसे अमीर उम्मीदवारों में शर्मा एकमात्र निर्दलीय हैं, बाकी चारों कांग्रेस से हैं.
- तेलंगाना में चेवेल्ला से कांग्रेस उम्मीदवार कोंडा विशेश्वर रेड्डी दूसरे सबसे अमीर उम्मीदवार हैं, उनकी संपत्ति 895 करोड़ रुपये है.
- मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ रहे नकुल नाथ तीसरे नंबर पर हैं. उनकी कुल संपत्ति 660 करोड़ रुपये है.
- तमिलनाडु में कन्याकुमारी से कांग्रेस उम्मीदवार वसंत कुमार एच चौथे सबसे धनी हैं. उनकी संपत्ति 417 करोड़ रुपये है.
- मध्य प्रदेश के गुना से चुनाव लड़ रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया 374 करोड़ रुपये के साथ पांचवें सबसे धनी उम्मीदवार हैं.