पटनाः बिहार सहित पूरे देश में कोरोना महामारी के कारण प्रवासी मजदूरों के रोजगार पर बुरा प्रभाव (Laborers Job Affected During Covid Pandemic In Bihar) पड़ा था. एक बार फिर से देश में कोरोना की चौथी लहड़ की संभावना है. इस कारण मजदूरों के रोजगार पर फिर से प्रभाव पड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है. वहीं कोविड के बाद बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों के हालात पर जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल रिसर्च पटना की ओर से एक शोध (Research In Patna on Laborers Job) किया जा रहा है.
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"कोविड महामारी के बाद बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों की वर्तमान स्थिति पर जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल रिसर्च पटना की ओर से शोध किया जा रहा है. इसमें हमारी टीम चिह्नित गांवों में डोर-टू-डोर सर्वेक्षण कर डाटा संग्रह कर रही है. टीम की ओर मजदूरों की स्थिति के बारे में अध्ययन किया जा रहा है."- सिस्टर स्कोला, सर्वेक्षण टीम लीडर
मसौढ़ी के 17 पंचायत में हो रहा है शोधः जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल रिसर्च की सर्वेक्षण टीम लीडर सिस्टर स्कोला ने बताया कि मसौढ़ी प्रखंड के 17 पंचायत में टीम अध्ययन कर रही है. सर्वेक्षण के लिए 40 टीमें काम कर रही हैं. प्रश्नों की सूची के आधार पर परिवार से जानकारी एकत्रित की जा रही है. टीम की ओर फाइंडिंग में जो भी समस्याएं और सुझाव मिलेंगे, उसकी रिपोर्ट तैयार की जायेगी. अध्ययन के आधार पर मजदूरों की समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए अनुशंसा और शोध के दौरान मिले सुझावों के साथ विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपी जायेगी.
15 बिंदु पर फोकस है सर्वेक्षणः जेवियर इंस्टीट्यूट की ओर से किये जा रहे शोध में 15 बिंदु पर फोकस किया गया है. कोरोना से पहले एक परिवार से कितने लोग बाहर काम कर रहे थे. कितने वापस आये. कोरोना संकट में कितने लोगों की मौतें हुई. कोरोना के समय कितने लोग वापस बिहार लौटे. वर्तमान में वे कहां मजदूरी कर रहे हैं. वर्तमान में परिवार के आय का श्रोत क्या है. प्रवासी मजदूरों के परिवारों के लिए चलायी गई सरकारी योजनाओं का कितना लाभ उन्हें मिला. मजदूरों की वर्तमान आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति क्या है.