पटना: सनातन धर्म को अपमानित करने के बीजेपी नेताओं के आरोपों पर आरजेडी लीडर और मंत्री आलोक मेहता ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि हम लोग राजनीति को धर्म से कभी नहीं जोड़ते हैं. धर्म को लेकर हमारी आस्था है. हमलोग भी ईश्वर को पूजते हैं लेकिन राजनीति में धर्म को नहीं लाते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान धर्म निरपेक्ष है. ऐसे में धर्म और राजनीति को एक-दूसरे से जोड़ना ठीक नहीं है.
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"हम हृदय में ईश्वर को बसाते हैं, उनको हम याद रखते हैं. राजनीति में रखने से इसलिए परहेज करते हैं, क्योंकि संविधान धर्मनिरपेक्ष है. मेरे हिसाब से सियासत और राजनीति में धर्म का स्थान नहीं होना चाहिए, इसलिए हम नहीं करते हैं. धर्म अलग है, राजनीति अलग है"- आलोक मेहता, मंत्री, बिहार सरकार
बाबा पर क्या बोले आलोक मेहता?: आलोक मेहता से जब पूछा गया कि बाबा बागेश्वर पटना में हैं. वहां प्रशासन एक्टिव नहीं है. जिस वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि ये प्रशासन का मामला है. अगर सरकार के सामने किसी तरह की कोई शिकायत आएगी तो देखा जाएगा. हमने पहले भी कहा कि राजनीति में धर्म को नहीं लाना चाहिए.
सीबीआई छापे पर मंत्री की प्रतिक्रिया: वहीं, लैंड फॉर जॉब स्कैम केस में आरजेडी विधायक किरण देवी और पूर्व विधायक अरुण यादव के घर पर सीबीआई की छापेमारी को लेकर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जिसका जो काम है, वह कर रहे हैं. जहां तक घोटाले की बात है तो रेलवे ने सर्टिफिकेट जारी कर स्पष्ट कर दिया था कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं. इसके बाद भी अगर जांच और छापेमारी की जा रही है तो होने दीजिए.