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Patna High Court : बिहार बीजेपी के एमएलसी देवेश कुमार को राहत.. हाई कोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब, कार्रवाई पर लगाई रोक

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 31, 2023, 7:09 PM IST

बिहार के बीजेपी एमएलसी को पटना हाईकोर्ट से राहत मिली है. पटना हाईकोर्ट ने उनकी तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है साथ ही कोर्ट ने इस केस से जुड़ी पूरी कार्यवाही पर रोक लगा दी है.

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Patna High Court

पटना : बिहार की पटना हाई कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेता सह एमएलसी देवेश कुमार के विरुद्ध बिहार मद्य निषेध कानून (प्रोहिबिशन ऑफ अल्कोहल) समेत अन्य धाराओं में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दायर अर्जी पर सुनवाई की. पटना हाई कोर्ट के जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने देवेश कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया. साथ ही साथ कोर्ट ने इस केस से जुड़े पूरी कार्रवाई पर रोक भी लगा दिया है.

ये भी पढ़ें- Bihar Legislature Monsoon Session: 'मुर्दाबाद' शब्द के इस्तेमाल पर सभापति और नेता प्रतिपक्ष में बहस, BJP बोली- रूल बुक दिखाएं

बीजेपी एमएलसी देवेश कुमार को पटना हाईकोर्ट से राहत : याचिकाकर्ता के विरुद्ध राजधानी पटना के पाटलिपुत्र थाना में आईपीसी की धारा 279, बिहार प्रोहिबिशन व एक्साइज एक्ट की धारा 37 तथा मोटर वाहन एक्ट की धारा 185 तहत 7 जुलाई, 2022 को पाटलिपुत्र थाना कांड संख्या- 402/ 2022 दर्ज किया गया था. 7 जुलाई, 2022 को सूचक को सूचना मिली थी कि अटल पथ के उत्तरी लेन में एक स्कोर्पियो गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गयी है.

अदालत में रखा गया तर्क : सूचक का कहना था कि देवेश कुमार और एक अन्य ने शराब पी रखी थी. आरोप लगाया गया कि आरोपी ने ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट से इनकार किया, तब इन्हें पीएमसीएच ले जाकर ब्लड और यूरिन का नमूना लेकर प्रोविजनल बांड पर छोड़ दिया गया. रेकॉर्ड किया गया की आगे की कार्रवाई रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी.

मामले में आगे भी होगी सुनवाई : आवेदक के अधिवक्ता अंशुल ने कोर्ट को बताया कि आवेदक का एक मेधावी शैक्षणिक कैरियर रहा है, एक राजनीतिक दल भाजपा में जाने से पहले एक विख्यात पत्रकार भी थे. अंशुल ने यह भी कहा कि बगैर अभियुक्त बनाये ही आवेदक का जबरन ब्लड जांच किया गया. इतना ही नहीं, भाजपा गठबंधन की बिहार में तत्कालीन सरकार के टूटने के बाद आवेदक को अभियुक्त बनाया गया था. इस मामले पर आगे भी सुनवाई की जाएगी.

पटना : बिहार की पटना हाई कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेता सह एमएलसी देवेश कुमार के विरुद्ध बिहार मद्य निषेध कानून (प्रोहिबिशन ऑफ अल्कोहल) समेत अन्य धाराओं में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दायर अर्जी पर सुनवाई की. पटना हाई कोर्ट के जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने देवेश कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया. साथ ही साथ कोर्ट ने इस केस से जुड़े पूरी कार्रवाई पर रोक भी लगा दिया है.

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बीजेपी एमएलसी देवेश कुमार को पटना हाईकोर्ट से राहत : याचिकाकर्ता के विरुद्ध राजधानी पटना के पाटलिपुत्र थाना में आईपीसी की धारा 279, बिहार प्रोहिबिशन व एक्साइज एक्ट की धारा 37 तथा मोटर वाहन एक्ट की धारा 185 तहत 7 जुलाई, 2022 को पाटलिपुत्र थाना कांड संख्या- 402/ 2022 दर्ज किया गया था. 7 जुलाई, 2022 को सूचक को सूचना मिली थी कि अटल पथ के उत्तरी लेन में एक स्कोर्पियो गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गयी है.

अदालत में रखा गया तर्क : सूचक का कहना था कि देवेश कुमार और एक अन्य ने शराब पी रखी थी. आरोप लगाया गया कि आरोपी ने ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट से इनकार किया, तब इन्हें पीएमसीएच ले जाकर ब्लड और यूरिन का नमूना लेकर प्रोविजनल बांड पर छोड़ दिया गया. रेकॉर्ड किया गया की आगे की कार्रवाई रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी.

मामले में आगे भी होगी सुनवाई : आवेदक के अधिवक्ता अंशुल ने कोर्ट को बताया कि आवेदक का एक मेधावी शैक्षणिक कैरियर रहा है, एक राजनीतिक दल भाजपा में जाने से पहले एक विख्यात पत्रकार भी थे. अंशुल ने यह भी कहा कि बगैर अभियुक्त बनाये ही आवेदक का जबरन ब्लड जांच किया गया. इतना ही नहीं, भाजपा गठबंधन की बिहार में तत्कालीन सरकार के टूटने के बाद आवेदक को अभियुक्त बनाया गया था. इस मामले पर आगे भी सुनवाई की जाएगी.

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