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निबंधन कार्यालय का रिकार्ड रूम हुआ डिजिटल, जमीन रिकार्ड देखने के लिए महज 10 मिनट का दिया जा रहा समय - रिकॉर्ड रूम पूरी तरह से डिजिटल

कलेक्ट्रेट स्थित निबंधन कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में कार्य करने वाले लेखपाल ने बताया कि निबंधन कार्यालय का रिकॉर्ड रूम पूरी तरह से डिजिटल तौर पर कार्य कर रही है. रिकार्ड रूम में अपने जमीन संबंधित रिकार्ड चेक करने के लिए लोगों को पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेनी होगी

पटना
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Published : Jun 11, 2020, 7:35 PM IST

पटना: राजधानी के कलेक्ट्री स्थित निबंधन कार्यालय में जमीन रिकार्ड को देखने के लेकर बड़ा बदलाव किया गया है. इस बदलाव के बाद अब आप अपने जमीन से संबंधित रिकार्ड को पूरे 1 दिन के मात्र एक बार ही देख पाएंगे. वहीं, जमीन संबंधित रिकार्ड भी मात्र 1 साल तक का ही उपलब्ध रहेगा और इस प्रक्रिया को पटना के कलेक्ट्री स्थित निबंधन कार्यालय के रिकार्ड रूम में शुरू भी कर दिया गया है.

'पूरी तरह से डिजिटल हुआ रिकार्ड रूम'
कलेक्ट्रेट स्थित निबंधन कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में कार्य करने वाले लेखपाल हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि निबंधन कार्यालय का रिकॉर्ड रूम पूरी तरह से डिजिटल तौर पर कार्य कर रही है. रिकार्ड रूम में अपने जमीन संबंधित रिकार्ड चेक करने के लिए लोगों को पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेनी होगी. जिसके बाद लोगों को एक निश्चित अंतराल के लिए जिला निबंधन कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में जाने दिया जा रहा है. रिकॉर्ड रूम पहुंचने वाले लोगों को उनके जमीन संबंधित रिकॉर्ड देखने के लिए मात्र 10 मिनट का समय दिया जा रहा है. यह नियम बिहार सरकार की ओर से जारी किया गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'समय सीमा में हो बढ़ोतरी'
निबंधन कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में कार्यरत मुंशी विजय तिवारी बताते हैं कि जब कोई व्यक्ति अपॉइंटमेंट लेने के बाद रिकॉर्ड रूम में अपना रिकॉर्ड चेक करवाने पहुंचता है. तो उसे महज 10 मिनट का समय दिया जा रहा है. 1 साल के जमीन रिकार्ड को चेक करने के लिए मात्र 10 मिनट का समय सीमा काफी नहीं है. कम समय सीमा के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. निबंधन विभाग की ओर से जारी किए गए समय सीमा को 10 मिनट से बढ़ाना चाहिए. जिससे लोग अपने जमीन संबंधित रिकॉर्ड को ठीक से चेक कर सकें.

पटना: राजधानी के कलेक्ट्री स्थित निबंधन कार्यालय में जमीन रिकार्ड को देखने के लेकर बड़ा बदलाव किया गया है. इस बदलाव के बाद अब आप अपने जमीन से संबंधित रिकार्ड को पूरे 1 दिन के मात्र एक बार ही देख पाएंगे. वहीं, जमीन संबंधित रिकार्ड भी मात्र 1 साल तक का ही उपलब्ध रहेगा और इस प्रक्रिया को पटना के कलेक्ट्री स्थित निबंधन कार्यालय के रिकार्ड रूम में शुरू भी कर दिया गया है.

'पूरी तरह से डिजिटल हुआ रिकार्ड रूम'
कलेक्ट्रेट स्थित निबंधन कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में कार्य करने वाले लेखपाल हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि निबंधन कार्यालय का रिकॉर्ड रूम पूरी तरह से डिजिटल तौर पर कार्य कर रही है. रिकार्ड रूम में अपने जमीन संबंधित रिकार्ड चेक करने के लिए लोगों को पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेनी होगी. जिसके बाद लोगों को एक निश्चित अंतराल के लिए जिला निबंधन कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में जाने दिया जा रहा है. रिकॉर्ड रूम पहुंचने वाले लोगों को उनके जमीन संबंधित रिकॉर्ड देखने के लिए मात्र 10 मिनट का समय दिया जा रहा है. यह नियम बिहार सरकार की ओर से जारी किया गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'समय सीमा में हो बढ़ोतरी'
निबंधन कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में कार्यरत मुंशी विजय तिवारी बताते हैं कि जब कोई व्यक्ति अपॉइंटमेंट लेने के बाद रिकॉर्ड रूम में अपना रिकॉर्ड चेक करवाने पहुंचता है. तो उसे महज 10 मिनट का समय दिया जा रहा है. 1 साल के जमीन रिकार्ड को चेक करने के लिए मात्र 10 मिनट का समय सीमा काफी नहीं है. कम समय सीमा के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. निबंधन विभाग की ओर से जारी किए गए समय सीमा को 10 मिनट से बढ़ाना चाहिए. जिससे लोग अपने जमीन संबंधित रिकॉर्ड को ठीक से चेक कर सकें.

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