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कांग्रेस के बागियों ने नेतृत्व पर खड़े किए सवाल, स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों पर कार्रवाई की मांग

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के परिणामों की घोषणा होने के बाद सियासत गरमाई हुई है. महागठबंधन की हार के बाद कांग्रेस के नेताओं ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.

पटना
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Published : Nov 11, 2020, 4:20 PM IST

पटना: कोरोनाकाल में बिहार में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम आ चुके हैं. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जिसमें से पार्टी ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस की हार के बाद बागियों के सुर तीखे हो गए हैं.

कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह के प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसके बाद बागी नेता और कार्यकर्ताओं ने नेतृत्व पर सवाल दागने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने बिहार चुनाव के स्क्रीनिंग कमेटी की जांच की मांग की है.

हार के बाद उठ रहे सवाल
बागी नेताओं का आरोप है कि बिहार चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी के सभी सदस्यों पर कार्रवाई होनी चाहिए. टिकट बंटवारे में कई सारी गड़बड़ियां की गई है. जिसके कारण परिणाम खराब आया. बहुमत से चंद कदम दूर रहने वाले महागठबंधन का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस बन गया है.

प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की मांग
कांग्रेस मुख्यालय में कई नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की जरूरत है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि 3 साल में राज्य में कांग्रेस की कमेटी तक नहीं बन पाई है. एक ओर जहां तेजस्वी यादव लगातार अकेले पूरा कमान संभाले हुए थे तो वहीं कांग्रेस का खराब परफॉर्मेंस उन्हें मुख्यमंत्री बनने से वंचित कर दिया.

पटना: कोरोनाकाल में बिहार में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम आ चुके हैं. महागठबंधन में शामिल कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जिसमें से पार्टी ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस की हार के बाद बागियों के सुर तीखे हो गए हैं.

कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह के प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसके बाद बागी नेता और कार्यकर्ताओं ने नेतृत्व पर सवाल दागने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने बिहार चुनाव के स्क्रीनिंग कमेटी की जांच की मांग की है.

हार के बाद उठ रहे सवाल
बागी नेताओं का आरोप है कि बिहार चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी के सभी सदस्यों पर कार्रवाई होनी चाहिए. टिकट बंटवारे में कई सारी गड़बड़ियां की गई है. जिसके कारण परिणाम खराब आया. बहुमत से चंद कदम दूर रहने वाले महागठबंधन का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस बन गया है.

प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की मांग
कांग्रेस मुख्यालय में कई नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की जरूरत है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि 3 साल में राज्य में कांग्रेस की कमेटी तक नहीं बन पाई है. एक ओर जहां तेजस्वी यादव लगातार अकेले पूरा कमान संभाले हुए थे तो वहीं कांग्रेस का खराब परफॉर्मेंस उन्हें मुख्यमंत्री बनने से वंचित कर दिया.

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