पटना : बिहार की राजधानी पटना के मिलर स्कूल में गुरुवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की रैली आयोजित की गई. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल होने पहुंची. इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मंच से कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के रैली में बड़ी संख्या में महिला पहुंची हैं. हम काफी खुश है. हम आप लोगों के साथ हैं और इसी तरह हमलोग महिला को आगे बढ़ने का काम किए हैं. लगता है कि उसका ही असर यहां पर दिख रहा है.
'रैली में होगा सब समस्या का समाधान' : वैसे रैली में आई महिलाओं से जब हमने पूछा कि वह रैली में क्यों आई हैं, तो सब अपनी अपनी समस्याओं को बताना शुरू कर दी. बांका से आई अमेरिका देवी ने कहा कि हमें अनाज नहीं मिलता है. हमारे यहां पानी नहीं आता है. हम भूमिहीन हैं. हमारे पास जमीन नहीं है. हमको कहा गया कि रैली में चलिए सब समस्या का समाधान हो गया हो जाएगा. इसीलिए हम यहां पर आए हैं.
'राशन मिलने की सोच कर रैली में आए' : सहरसा से आई महिलाओं का कहना था कि सरकार की तरफ से हमें राशन नहीं मिल रहा है. हमारे पास जमीन नहीं है. सरकारी जमीन पर हम बसे हुए हैं. वहां से भी हम लोगों को हटाया जा रहा है. वहां के नेताओं ने कहा की रैली में चलिए सब कुछ हो जाएगा महिलाओं का साफ-साफ कहना था कि पटना के मिलर स्कूल तक हम लोगों को लाया गया है और यह कह कर लाया गया कि वहां जाने पर जो समस्या है उसका समाधान नेता लोग मिलकर करेंगे.
'रैली में आने पर भी कुछ नहीं मिला' : सुपौल से आई महिला का भी यही कहना है और उन्हें भी रहने की जमीन दिलवाने की बात कहकर बुलाया गया है. वहीं रैली में सुपौल से आए एक व्यक्ति ने कहा कि सरकार ने राशन बंद कर दिया है. मिट्टी तेल नहीं मिल रहा है. किसी चीज की सुविधा नहीं है. यही सोचकर रैली में आए हैं कि वहां जाएंगे तो सब कुछ मिल जाएगा. मुख्यमंत्री जी भी भाषण में कहे हैं कि सब कुछ मिलेगा. लेकिन यहां आने से हम लोगों को अभी तक कुछ मिला नहीं है.
"हमारे पास रहने के लिए जगह जमीन नहीं है. हमको लगा की रैली में जाएंगे तो सरकार की तरफ से रहने के लिए जमीन मिल जाएगी. क्योंकि यही सब कहकर यहां लाया गया है. यही सोचकर हम लोग रैली में आए हैं."- राधा देवी, सुपौल
अपने खर्चे से रैली में शामिल होने पहुंचे लोग : एक दूसरी महिला ने कहा कि अब देखिए आगे क्या होता है, लेकिन रैली में यही सोच कर आए थे कि हमारी समस्या का समाधान हो जाएगा. वहीं सुपौल से आए एक व्यक्ति ने भी बताया कि राशन बंद है. राशन बंद है काफी दिक्कत है और यही सोचकर हम आए थे कि यहां जाएंगे तुझे समस्या है नेता हमारा समाधान कर देंगे हम अपना खर्चा पानी लेकर के यहां पहुंचे हैं लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला अब देखिए आगे क्या होता है.
'रैली में आने पर भी खत्म नहीं हुई समस्या ':इस तरह से रैली में आए अधिकांश लोगों का यही कहना था कि जो लोग यहां हम लोगों को लेकर आए हैं, उनलोगों ने यही कहा है कि रैली में शामिल होने से तुमलोगों को राशन मिलना शुरू हो जाएगा. सरकार की जो भी योजना है. उसका लाभ मिलने लगेगा. लोगों ने कहा कि फिलहाल रैली में हम अपनी समस्या को रखने के लिए आए थे. हमें उम्मीद थी कि इस रैली में जो नेता हैं. वह हमारी समस्या का समाधान करेंगे. जिसके पास जमीन नहीं है. उसे जमीन मिलेगी. सरकार घर बना करके देगी.
रैली में महिलाओं की भीड़ देख खुश हुए सीएम : अब देखना है कि इन सब समस्याओं का समाधान होता है या नहीं होता है. कुल मिलाकर देखें तो रैली में बड़ी संख्या में जो महिलाएं पहुंची हुई थी. सबकी शिकायत वर्तमान सरकार से थी. सब का यही कहना था कि किसी को राशन नहीं मिल रहा है. किसी के घर में अभी तक पानी नहीं पहुंचा है. सब अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर ही आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के इस रैली में मिलर स्कूल के प्रांगण में पहुंचे थे. वैसे मुख्यमंत्री ने भी मंच से महिलाओं की बड़ी भीड़ देखकर प्रसन्नता जाहिर की.
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