पटना: 'चुनाव नजदीक आते ही नेताओं को भगवान याद आने लगते हैं' यह वक्तव्य राजधानी की जनता का है. बिहार में इन दिनों भगवान पर सियासत तेज है. एक के बाद एक नेता इसपर बयान दे रहे हैं. जब पटनाइट्स से 'शिव की जाति' पर राय पूछी गई तो उन्होंने साफ कहा कि भगवान की कोई जाति नहीं है. यह सब बयानबाजी केवल राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए हो रही हैं.
दरअसल, बिहार के एक मंत्री ब्रजकिशोर बिंद ने भगवान शंकर को बिंद जाति का बता दिया. इसी बात को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है. आम लोग गाहे-बगाहे इस बात की चर्चा करते दिख रहे हैं. नेता भी लगातार इसपर प्रतिक्रिया दिए जा रहे हैं.
लोगों ने कहा- यह पब्लिक है सब जानती है
पटना के लोगों ने कहा कि इन दिनों राजनेता भगवान पर भी राजनीति करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. भगवान की भी कोई जात होती है? पूछने पर लोगों ने साफ तौर से कहा कि चुनाव नजदीक आते हैं तो नेता जनता को बेवकूफ बनाने में लग जाते हैं. लेकिन, यह पब्लिक है सब जानती है.
'यूपी में हुनमान थे तो बिहार में शिव हैं'
बता दें कि बीते दिनों राज्यपाल के अभिनंदन समारोह में मंत्री ब्रजकिशोर बिंद ने कहा था कि भगवान शिव बिंद जाति के थे. इस बयान के बाद प्रदेश में सियासत तेज हो गई. पटना के कुछ लोगों ने यहां तक भी कहा कि यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक समय भगवान हनुमान के नाम पर राजनीति की थी. उसी तरह अब बिहार के एक मंत्री भगवान शंकर के नाम पर राजनीति कर रहे हैं.
'नेता अपनी प्राथमिकता भूल गए हैं'
लोगों ने कहा कि नेताओं को सबसे पहले राज्य के स्वास्थ्य और शैक्षणिक माहौल को सही करना चाहिए. उसके बाद किसी तरह की राजनीति करनी चाहिए. आम लोगों ने साफ तौर से नेताओं के इस बयान को नकारते हुए कहा है कि अब जनता को नेताओं के ऐसे बयानों से कोई फर्क नहीं पड़ता है. आज की जनता को रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा चाहिए.