पटना: जदयू से निकाले जाने के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पहली बार पटना पहुंचे, तो उन्होंने दबी जुबान से नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. उसके बाद नीतीश कुमार के सहयोगी और उनके पार्टी के कई लोगों ने प्रशांत किशोर को जवाब भी दिया. ग्रामीण विकास मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने प्रशांत किशोर पर तंज कसते हुए कहा कि पीके बहुत बड़े राजनीतिज्ञ हैं.
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि कभी भी नीतीश सरकार ने लालू के शासनकाल को नहीं गिनाया है. बल्कि आजादी के बाद से हम विकास के कामों की तुलना करते हैं. आजादी के 72 सालों बाद बिहार में बड़ा बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर पर तंज कसते हुए कहा कि वो तो बहुत अनुभवी नेता हैं. उन्हें बिहार ही नहीं देश-विदेश के बारे में मालूम है. लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि बिहार में नीतीश कुमार ने जो काम किया है उसका जोड़ कोई अन्य राज्य नहीं लगा सकता.
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जनता हमारा आगे भी करेगी समर्थन- जदयू मंत्री
प्रशांत किशोर के युवाओं के जोड़ने के आह्वान पर जदयू नेता ने कहा कि बिहार की सरकार ने युवाओं के लिए बहुत काम किए हैं. यह जरूर है कि सभी को रोजगार नहीं मिल पाया है. लेकिन हमेशा बिहार सरकार नौकरियों के लिए बहाली निकालते रहती है. जिस तरह से बिहार की जनता विकास के कामों के लिए पिछले 15 वर्षों से हमें समर्थन कर रही है. आगे भी करती रहेगी.
'गांधी-गोडसे' पर बोले श्रवण कुमार
नीतीश के करीबी श्रवन कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर अपनी सहजता से बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पीके 2014 में भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रहे थे. तो उन्हें पार्टी के सिद्धांतों और मूल्यों के बारे में जानकारी नहीं थी? श्रवण कुमार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और जदयू के अपने-अपने सिद्धांत और विचारधारा है. उन्होंने यह भी कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर कहां थे, हमारे लिए काम कर रहे थे. कहने का मतलब यह है कि इंसान को जो अच्छा लगता है, वो करता है. उन्हें जो अच्छा लग रहा है, पीके वही कर रहे हैं. ये ह्यूमन नेचर है.