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30 दिनों में 3 बंद से परेशान हुई बिहार की जनता, JDU ने कहा- खफा हो रहे हैं लोग

ट्रेड यूनियन ने भारत बंद का आह्वान करते हुए दावा किया था कि केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक और जन विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है. इसके अलावा ट्रेड यूनियन ने सरकार के लेबर लॉ का भी विरोध किया

भारत बंद
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Published : Jan 8, 2020, 9:09 PM IST

पटना: केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ देशभर की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भारत बंद का ऐलान किया. इस हड़ताल में कई बैंक यूनियन भी शामिल हुए. इस भारत बंद को लेकर राजनीतिक पार्टियों की ओर से मिली जुली प्रतिक्रिया दी गई. जदयू ने कहा है कि बंद से कई तरह की गतिविधियों पर असर पड़ता है. खासकर लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.

जदयू प्रवक्ता
जदयू प्रवक्ता

ट्रेड यूनियन के बंद को लेकर जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि पिछले 1 महीने के दौरान तीन बार लोगों को बंद से परेशानी झेलनी पड़ी है. बंद का कारोबार पर भी असर पड़ता है और अन्य गतिविधियों पर भी, बार-बार बंद से अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचता है. बुधवार को भारत बंद का बिहार के कई विपक्षी दलों ने समर्थन दिया. बावजूद इसके पटना में भारत बंद का व्यापक असर नहीं दिखाई दिया. यातायात सामान्य दिनों की तरह ही रहा. हालांकि, कई जगह बंद समर्थकों ने जबरदस्ती बंद को सफल बनाने की कोशिश की.

पटना से अविनाश की रिपोर्ट

इन मांगों को लेकर हुआ भारत बंद
ट्रेड यूनियन ने भारत बंद का आह्वान करते हुए दावा किया था कि केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक और जन विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है. इसके अलावा ट्रेड यूनियन ने सरकार के लेबर लॉ का भी विरोध किया. बात करें स्टूडेंट यूनियन की, तो यूनियन ने शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध किया है. यूनियन ने मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को कर्मचारियों से बातकर नीतियां बनानी चाहिए. यूनियन की तरफ से 13 प्वाइंट की मांग रखी गई हैं, जिनमें आम लोगों की जरूरत वाली चीजों के बढ़ते दाम को काबू करना भी शामिल है.

पटना: केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ देशभर की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भारत बंद का ऐलान किया. इस हड़ताल में कई बैंक यूनियन भी शामिल हुए. इस भारत बंद को लेकर राजनीतिक पार्टियों की ओर से मिली जुली प्रतिक्रिया दी गई. जदयू ने कहा है कि बंद से कई तरह की गतिविधियों पर असर पड़ता है. खासकर लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.

जदयू प्रवक्ता
जदयू प्रवक्ता

ट्रेड यूनियन के बंद को लेकर जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि पिछले 1 महीने के दौरान तीन बार लोगों को बंद से परेशानी झेलनी पड़ी है. बंद का कारोबार पर भी असर पड़ता है और अन्य गतिविधियों पर भी, बार-बार बंद से अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचता है. बुधवार को भारत बंद का बिहार के कई विपक्षी दलों ने समर्थन दिया. बावजूद इसके पटना में भारत बंद का व्यापक असर नहीं दिखाई दिया. यातायात सामान्य दिनों की तरह ही रहा. हालांकि, कई जगह बंद समर्थकों ने जबरदस्ती बंद को सफल बनाने की कोशिश की.

पटना से अविनाश की रिपोर्ट

इन मांगों को लेकर हुआ भारत बंद
ट्रेड यूनियन ने भारत बंद का आह्वान करते हुए दावा किया था कि केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक और जन विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है. इसके अलावा ट्रेड यूनियन ने सरकार के लेबर लॉ का भी विरोध किया. बात करें स्टूडेंट यूनियन की, तो यूनियन ने शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध किया है. यूनियन ने मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को कर्मचारियों से बातकर नीतियां बनानी चाहिए. यूनियन की तरफ से 13 प्वाइंट की मांग रखी गई हैं, जिनमें आम लोगों की जरूरत वाली चीजों के बढ़ते दाम को काबू करना भी शामिल है.

Intro:पटना-- ट्रेड यूनियन के बंद पर पार्टियों की ओर से मिली जुली प्रतिक्रिया दी गई है जदयू ने कहा है कि बंद से कई तरह की गतिविधियों पर असर पड़ता है खासकर लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।


Body:ट्रेड यूनियन के बंद को लेकर जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि पिछले 1 महीने के दौरान तीन बार लोगों को बंद से परेशानी झेलनी पड़ी है बंद का कारोबार पर भी असर पड़ता है और अन्य गतिविधियों पर भी । बार-बार बंद से अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचता है।
बाईट--अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता।


Conclusion:बंद का बिहार के कई विपक्षी दलों ने समर्थन दिया था लेकिन बावजूद बहुत ज्यादा असर सड़कों पर नहीं दिखा । यातायात सामान्य दिनों की तरह ही रहा। कई जगह बंद समर्थकों ने जबरदस्ती बंद को सफल बनाने की कोशिश भी की।
अविनाश, पटना।
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