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बिहार : 15 दिनों में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 14 फीसदी बढ़ी

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 15 अगस्त को राज्य में कोरोना संक्रमितों का रिकवरी रेट 67. 39 प्रतिशत था, जबकि 17 अगस्त को यह बढ़कर 71.94 फीसदी और 19 अगस्त को करीब 75 प्रतिशत तक जा पहुंचा.

पटना
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Published : Aug 22, 2020, 4:52 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या में भले ही इजाफा हो रहा है, लेकिन राहत की बात है कि राज्य में संक्रमितों के ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) भी लगातार बढ़ रही है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस महीने में रिकवरी रेट में लगातार वृद्धि हो रही है.

एक अगस्त को रिकवरी रेट जहां 65.08 था, वहीं 21 अगस्त को यह बढ़कर 78.05 प्रतिशत हो गया है. इस तरह इसमें करीब 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह राष्ट्रीय औसत से अधिक बताया जा रहा है.

विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 15 अगस्त को राज्य में कोरोना संक्रमितों का रिकवरी रेट 67. 39 प्रतिशत था, जबकि 17 अगस्त को यह बढ़कर 71.94 फीसदी और 19 अगस्त को करीब 75 प्रतिशत तक जा पहुंचा.

22 लाख 28 हजार 516 सैंपलों की जांच
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ शुक्रवार को हुई बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने भी कहा है कि सात अगस्त तक कोरोना के 8 लाख 70 हजार 852 नमूनों की जांच हुई थी, जो आज की तिथि में बढ़कर 22 लाख 28 हजार 516 तक पहुंच गई है.

रिकवरी रेट 64. 44% से बढ़कर 78. 05%
उन्होंने बताया कि इस अवधि में राज्य का रिकवरी रेट 64. 44 प्रतिशत से बढ़कर अब 78. 05 प्रतिशत हो गया है जो कि राष्ट्रीय औसत 74. 30 प्रतिशत से लगभग 4 प्रतिशत अधिक है.

प्रतिदिन 1 लाख 15 हजार से अधिक नमूनों की जांच
उन्होंने बताया कि राज्य के 13 जिलों में 10 प्रतिशत से ज्यादा 'पॉजिटिव रेशियो' है. इसे नियंत्रित करने के लिए प्रभावी रूप से कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि आरटीपीसीआर, ट्रनेट और रैपिड एंटीजन टेस्ट को मिलाकर प्रतिदिन 1 लाख 15 हजार से अधिक नमूनों की जांच की जा रही है.

जांच की संख्या और बढ़ाने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आरटीपीसीआर जांच की संख्या और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि कोरोना एक्टिव के ज्यादा मरीज वाले जिलों में जांच की संख्या और बढ़ाने की जरूरत है.

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या में भले ही इजाफा हो रहा है, लेकिन राहत की बात है कि राज्य में संक्रमितों के ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) भी लगातार बढ़ रही है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस महीने में रिकवरी रेट में लगातार वृद्धि हो रही है.

एक अगस्त को रिकवरी रेट जहां 65.08 था, वहीं 21 अगस्त को यह बढ़कर 78.05 प्रतिशत हो गया है. इस तरह इसमें करीब 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह राष्ट्रीय औसत से अधिक बताया जा रहा है.

विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 15 अगस्त को राज्य में कोरोना संक्रमितों का रिकवरी रेट 67. 39 प्रतिशत था, जबकि 17 अगस्त को यह बढ़कर 71.94 फीसदी और 19 अगस्त को करीब 75 प्रतिशत तक जा पहुंचा.

22 लाख 28 हजार 516 सैंपलों की जांच
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ शुक्रवार को हुई बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने भी कहा है कि सात अगस्त तक कोरोना के 8 लाख 70 हजार 852 नमूनों की जांच हुई थी, जो आज की तिथि में बढ़कर 22 लाख 28 हजार 516 तक पहुंच गई है.

रिकवरी रेट 64. 44% से बढ़कर 78. 05%
उन्होंने बताया कि इस अवधि में राज्य का रिकवरी रेट 64. 44 प्रतिशत से बढ़कर अब 78. 05 प्रतिशत हो गया है जो कि राष्ट्रीय औसत 74. 30 प्रतिशत से लगभग 4 प्रतिशत अधिक है.

प्रतिदिन 1 लाख 15 हजार से अधिक नमूनों की जांच
उन्होंने बताया कि राज्य के 13 जिलों में 10 प्रतिशत से ज्यादा 'पॉजिटिव रेशियो' है. इसे नियंत्रित करने के लिए प्रभावी रूप से कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि आरटीपीसीआर, ट्रनेट और रैपिड एंटीजन टेस्ट को मिलाकर प्रतिदिन 1 लाख 15 हजार से अधिक नमूनों की जांच की जा रही है.

जांच की संख्या और बढ़ाने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आरटीपीसीआर जांच की संख्या और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि कोरोना एक्टिव के ज्यादा मरीज वाले जिलों में जांच की संख्या और बढ़ाने की जरूरत है.

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