पटना: जिले में सोमवार से रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से कोरोना वायरस की जांच शुरू हो रही है. इसी के मद्देनजर रविवार देर शाम पटना के कुछ अस्पतालों में यह किट पहुंच चुका है. वहीं, पटना में अब महामारी की तीन प्रकार से जांच करने की सुविधा उपलब्ध हो गई है. फिलहाल 2 हजार रैपिड एंटीजन किट उपलब्ध कराए गए हैं. खास बात यह है कि इस किट से सिर्फ सिंप्टोमेटिक और हाई कांटेक्ट रिस्क वाले लोगों की ही जांच होगी.
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि पटना में तीन प्रकार से कोरोना की जांच हो रही है. पहले से ही आईएमआरआई, आईजीआईएमएस, पीएमसीएच और एम्स में आरटी पीसीआर के माध्यम से टेस्ट हो रहे हैं. साथ ही चार निजी पैथोलॉजी में भी आरटी पीसीआर के माध्यम से कोरोना वायरस की जांच चल रही है. इसके साथ ही शनिवार से एनएमसीएच, राजवंशी नगर हॉस्पिटल और इनकम टैक्स गोलंबर स्थित न्यू गार्डन रोड हॉस्पिटल में में ट्रूनेट मशीन के जरिए कोरोना की जांच शुरू हुई. उन्होंने बताया कि इस जांच प्रक्रिया में 5 से 6 घंटे के अंदर रिपोर्ट आ जाती है. इस प्रक्रिया में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आरटी पीसीआर के माध्यम से कंफर्मेटरी जांच होती है. इसमें पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद ही व्यक्ति पॉजिटिव माना जाता है.
'आरटी पीसीआर जांच ही फाइनल रिपोर्ट'
डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि आज से पटना में रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से कोरोना संक्रमण की जांच शुरू हो रही है. फिलहाल रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए राजवंशी नगर हॉस्पिटल और न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल को चिह्नित किया गया है. एंटीजन किट में आधे घंटे में रिपोर्ट आ जाती है. साथ ही उन्होंने इसकी खामी बताते हुए कहा कि इसमें एक यही गड़बड़ी है कि पेशेंट में वायरल लोड ज्यादा होने पर ही रिपोर्ट पॉजिटिव शो करता है. वहीं, वायरल लोड कम होने पर इसमें रिपोर्ट निगेटिव शो करेगा. इसलिए निगेटिव शो करने पर भी इसे निगेटिव नहीं माना जाता है. वहीं, आरटी पीसीआर जांच को ही फाइनल रिपोर्ट माना जाता है.
- सिविल सर्जन डॉक्टर राजकिशोर चौधरी के मुताबिक पटना में हो रही तीन प्रकार की कोरोना जांच में सबसे पुख्ता आरटी पीसीआर टेस्ट ही है. इसके बाद क्रमश: ट्रूनेट टेस्टिंग और रैपिड एंटीजन टेस्ट हैं.