पटना: कोरोना पूरी दुनिया के लिए अब तक एक पहेली बना हुआ है. प्रदेश में आए दिन कोरोना के हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि बिहार का रिकवरी रेट 94.24% है जो कि भारत में सबसे बेहतर है. कोरोना को कंट्रोल करने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग जांच पर विशेष ध्यान दे रहे हैं.
रैपिड एंटीबॉडी किट से हो जांच
पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह ने कहा कि कहा कि ये अच्छी बात है कि सरकार आरटी-पीसीआर के माध्यम से जांच करा रही है लेकिन कोरोना को प्रभावी तरीके से कंट्रोल करने के लिए सरकार को रैपिड एंटीबॉडी किट से एंटीबॉडी जांच कराना होगा.
कोरोना के जांच के लिए चार विधि
डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह ने कहा कि कोरोना के जांच के लिए चार विधि हैं. दो विधि एंटीजन बेस्ड है जिसमें रैपिड और आरटी पीसीआर आती है. इसके अलावा दो विधि एंटीबॉडी बेस्ड है जिसमें रैपिड और एलाइजा आती है. डॉक्टर सत्येंद्र नारायण सिंह ने बताया कि दुनिया की सारी बीमारियां रैपिड और एलाइजा विधि से ही डायग्नोसिस होती हैं.
बहुत महंगी है आरटी पीसीआर विधि
डॉ. एस एन सिंह ने कहा कि आरटी पीसीआर जांच की बहुत महंगी विधि है. उन्होंने कहा कि एक आरटी पीसीआर लैब सेट अप करने में करोड़ों का खर्च आता हैं. उन्होंने कहा कि अगर सारे मरीजों को स्क्रीनिंग के लिए हम आरटी पीसीआर शुरू कर देंगे तो हमारा देश दिवालिया हो जाएगा. चीन, साउथ कोरिया और ताइवान जैसे देशों ने रैपिड एंटीबॉडी किट का इस्तेमाल कर कोरोना संक्रमण को कंट्रोल किया. हमें भी इन देशों से सीख लेनी चाहिए.