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CM नीतीश ने बनाया गरीबों का मजाक, केवल वोट की कर रहे फिक्र- रंजीता रंजन

रंजीता रंजन ने कहा कि बिहार में चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों को पीटा जा रहा है. उनकी सुरक्षा के इंतजाम भी नीतीश सरकार ने नहीं किए हैं.

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Published : May 5, 2020, 2:55 PM IST

Updated : May 5, 2020, 3:07 PM IST

नई दिल्ली/पटना: बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. 530 से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में हैं. जबकि 4 लोगों की मौत हो चुकी है. 32 जिले इस वायरस से प्रभावित हैं. कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रंजीता रंजन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर करारा तंज कसा है.

उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने बिहार को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. नीतीश कुमार को समझ में नहीं आ रहा है कि इस वायरस से कैसे लड़ना है. केन्द्र और बिहार दोनों जगह एनडीए की सरकार है. लेकिन इस संकट के दौर में भी बिहार को उसका वाजिब हक नीतीश कुमार नहीं दिलवा पा रहे हैं.

'जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे कर्मी'
रंजीता रंजन ने कहा कि बिहार में चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों को पीटा जा रहा है. उनकी सुरक्षा के इंतजाम भी नीतीश सरकार ने नहीं किए हैं. इन लोगों को पीपीई किट और मास्क तक बिहार सरकार ने नहीं दिया है. ये लोग जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं. बिहार सरकार लगातार लापरवाही बरत रही है. भारी संख्या में बाहर से मजदूर- छात्र बिहार लौट रहे हैं. बिहार सरकार उनकी अच्छे से जांच कराये वरना बाहर से आए लोगों के कारण बिहार में और तेजी से इस वायरस का संक्रमण फैलने लगेगा.

'मजाक बना गया है क्वरंटीन सेंटर'
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बताया कि बिहार में कोरोना जांच व्यवस्था भी चरमाराई हुई है. इसलिए इन लोगों का अच्छे से जांच हो पाएगा भी या नहीं इसमें भी संदेह है. जो क्वरंटीन सेंटर बनाये गए हैं. उनकी क्या स्थिति है, इसका जायजा नीतीश कुमार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लेना चाहिए. क्वरंटीन सेंटर में जिसको मन कर रहा है आता है, सोता है, खाना खाता है और चला जाता है. यह तो मजाक बन गया है.

बिहार में ट्रैक और टेस्ट का दायरा बहुत सीमित
उन्होंने कहा कि बिहार में अस्पतालों की स्थिति बदतर है. नीतीश कुमार को तुरंत केंद्र सरकार से भारी संख्या में पीपीई किट, टेस्टिंग किट, रैपिड टेस्टिंग किट की मांग करनी चाहिए. बिहार में ट्रैक और टेस्ट का दायरा बहुत ही सीमित है. नीतीश कभी कहते हैं बाहर जो मजदूर फंसे है, उनको वापस नहीं बुलायेंगे. वे कभी कहते हैं कि बिहार वापस बुलायेंगे. लेकिन मजदूरों को आने का खर्च खुद देना होगा. जब कांग्रेस ने कहा कि देशभर के मजदूरों को उनके राज्य भेजने का खर्च कांग्रेस उठायेगी. तब नीतीश बोलते हैं कि 500 रुपया मजदूरों को देंगे. नीतीश कुमार ने गरीबों का मजाक बनाकर रख दिया है. सिर्फ उनका वोट लेने से उनको मतलब है.

नई दिल्ली/पटना: बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. 530 से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में हैं. जबकि 4 लोगों की मौत हो चुकी है. 32 जिले इस वायरस से प्रभावित हैं. कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रंजीता रंजन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर करारा तंज कसा है.

उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने बिहार को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. नीतीश कुमार को समझ में नहीं आ रहा है कि इस वायरस से कैसे लड़ना है. केन्द्र और बिहार दोनों जगह एनडीए की सरकार है. लेकिन इस संकट के दौर में भी बिहार को उसका वाजिब हक नीतीश कुमार नहीं दिलवा पा रहे हैं.

'जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे कर्मी'
रंजीता रंजन ने कहा कि बिहार में चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों को पीटा जा रहा है. उनकी सुरक्षा के इंतजाम भी नीतीश सरकार ने नहीं किए हैं. इन लोगों को पीपीई किट और मास्क तक बिहार सरकार ने नहीं दिया है. ये लोग जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं. बिहार सरकार लगातार लापरवाही बरत रही है. भारी संख्या में बाहर से मजदूर- छात्र बिहार लौट रहे हैं. बिहार सरकार उनकी अच्छे से जांच कराये वरना बाहर से आए लोगों के कारण बिहार में और तेजी से इस वायरस का संक्रमण फैलने लगेगा.

'मजाक बना गया है क्वरंटीन सेंटर'
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बताया कि बिहार में कोरोना जांच व्यवस्था भी चरमाराई हुई है. इसलिए इन लोगों का अच्छे से जांच हो पाएगा भी या नहीं इसमें भी संदेह है. जो क्वरंटीन सेंटर बनाये गए हैं. उनकी क्या स्थिति है, इसका जायजा नीतीश कुमार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लेना चाहिए. क्वरंटीन सेंटर में जिसको मन कर रहा है आता है, सोता है, खाना खाता है और चला जाता है. यह तो मजाक बन गया है.

बिहार में ट्रैक और टेस्ट का दायरा बहुत सीमित
उन्होंने कहा कि बिहार में अस्पतालों की स्थिति बदतर है. नीतीश कुमार को तुरंत केंद्र सरकार से भारी संख्या में पीपीई किट, टेस्टिंग किट, रैपिड टेस्टिंग किट की मांग करनी चाहिए. बिहार में ट्रैक और टेस्ट का दायरा बहुत ही सीमित है. नीतीश कभी कहते हैं बाहर जो मजदूर फंसे है, उनको वापस नहीं बुलायेंगे. वे कभी कहते हैं कि बिहार वापस बुलायेंगे. लेकिन मजदूरों को आने का खर्च खुद देना होगा. जब कांग्रेस ने कहा कि देशभर के मजदूरों को उनके राज्य भेजने का खर्च कांग्रेस उठायेगी. तब नीतीश बोलते हैं कि 500 रुपया मजदूरों को देंगे. नीतीश कुमार ने गरीबों का मजाक बनाकर रख दिया है. सिर्फ उनका वोट लेने से उनको मतलब है.

Last Updated : May 5, 2020, 3:07 PM IST
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