नई दिल्ली/ पटना: बिहार में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से फसलों की नुकसान को लेकर केंद्र सरकार का ध्यान रामकृपाल यादव ने संसद में आकृष्ट कराया. उन्होंने कहा कि बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़कर रख दिया है. क्षेत्र में हजारों एकड़ में लगी रबी की फसलें बारिश की कहर से बर्बाद हो गई है. इसको लेकर किसानों के बीच हाहाकार मचा हुआ है.
रामकृपाल यादव ने कहा कि फरवरी के अंतिम सप्ताह में हुई बारिश की वजह से किसानों को पहले ही आर्थिक रूप से भारी क्षति झेलनी पड़ी थी. मार्च की दूसरी बारिश ने बची-खुची फसलों को पूरी तरह से चौपट कर दिया है. मेरे संसदीय क्षेत्र पाटलीपुत्र सहित अन्य इलाकों में गेहूं, मटर मसूर, चना, खेसारी, राई, सरसों, धनिया, टमाटर, प्याज़ आदि फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. बारिश से धनरुआ प्रखंड के कररूआ और भुतही नदी का जलस्तर भी बढ़ गया. जिससे कई एकड़ फसलों को काफी नुकसान हुआ है.
'पेड़ों पर लगे आम के मंजर झड़ गए हैं'
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि बारिश से आम की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है. पेड़ों पर लगे आम के मंजर झड़ गए हैं. वहीं, पटना जिला के फतुहा और मोकामा में मसूर और चना की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. प्याज के पौधे पानी में डुबकर बर्बाद हो गए हैं.
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'किसानों को मिले क्षतिपूर्ति की राशि'
रामकृपाल यादव ने कहा कि बिहार के मगध और पटना के इलाकों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि किसानों को भारी क्षति हुई है. इसके लिए केन्द्र सरकार एक केन्द्रीय टीम भेजकर किसानों को हुई भारी क्षति का आकलन करवाए. कृषि मंत्रालय और गृह मंत्रालय के आपदा विभाग क्षतिपूर्ति की पर्याप्त राशि बिहार और पाटलीपुत्र संसदीय क्षेत्र के किसानों के लिए जारी करे.