नई दिल्ली/पटना: देश में इस वक्त कई राज्य कोरोना और बाढ़ का डबल अटैक झेल रहे हैं. बिहार, असम, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में हालात ठीक नहीं हैं. स्थिति बदतर होते जा रही है. इस संकट के दौर में कोई भूखा न रहे व अनाज की कमी न हो इसके लिए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने बड़ा ऐलान किया है.
'राशन की डिलीवरी की करें व्यवस्था'
राम विलास ने कहा कि कई राज्यों में भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है. लोग गांव छोड़ कर के दूसरी जगह शरण ले रहे हैं एवं लोगों को राशन की दुकान से अनाज लेना संभव नहीं हो रहा है. मैं राज्य सरकारों से आग्रह करता हूं कि जो बाढ़ पीड़ित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजन के तहत राशन दुकान से राशन नहीं ले पा रहे हैं, उन लोगों के लिए राशन की डोर टू डोर डिलीवरी की व्यवस्था करें.
'हर महीने 5 किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराती है सरकार'
बता दें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 81 करोड़ लोगों को सरकार 5 किलो खाद्यान्न हर महीने उपलब्ध कराती है. यह अनाज काफी सस्ती दर पर दिया जाता है. 3 रुपये किलो चावल व 2 रुपया किलो गेहूं दिया जाता है. वहीं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 81 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त में अलग से भी अनाज दिया जा रहा है.
'अनाज का समय पर वितरण करें सुनिश्चित'
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 81 करोड़ लाभार्थियों को PMGKAY के तहत अलग से मुफ्त में 5 किलो चावल या गेहूं तथा 1 किलो चना दिया जा रहा है. कोरोना संकट में यह योजना 1 अप्रैल से शुरू हुई थी. यह योजना 31 नवंबर तक जारी रहेगी. राम विलास पासवान ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि विपदा काल में गरीबों की मदद के लिए केन्द्र सरकार द्वारा आवंटित अनाज का समय पर वितरण सुनिश्चित करें.