नई दिल्ली/पटना : आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि लगातार एहसास हो रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं चाहते कि दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर बिहार आएं. बिहार सरकार की क्या मजबूरियां हैं. यह नीतीश जी को जनता को बताना चाहिए. प्रवासी मजदूरों के प्रति बिहार सरकार की संवेदना शून्य है.
बिहार सरकार हमारा सहयोग करें- मनोज झा
राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि संकट के दौर में भी बिहार के खगड़िया से ट्रेन चलाकर मजदूरों को तेलंगाना भेज दिया गया है. बिहारी मजदूरों की बिहार सरकार को कोई चिंता नहीं है. सीएम नीतीश से आग्रह करते हैं कि अगर संसाधनों की कमी है, तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 50 ट्रेनें देने को तैयार हैं. उन 50 ट्रेनों को दिल्ली से लेकर अलग-अलग इलाकों में चलाना चाहिए और बिहारी मजदूरों को बिहार लेकर वापस आना चाहिये. इसके लिए बिहार सरकार हमारा सहयोग करें.
'प्रवासी मजदूरों को न बनाया जाए फुटबॉल'
सांसद मनोज झा ने कहा कि हम सबको सामूहिक रूप से मिलकर तय करना होगा कि बिहारी मजदूर वापस बिहार आ सकें. बिहार सरकार से आग्रह है कि प्रवासी मजदूरों को फुटबॉल न बनाया जाए. उनकी सरोकारों को तार-तार न किया जाए. कोरोना महामारी से हम सब को मिलकर लड़ना है और उबरना है. इसमें अहम का टकराव नहीं होना चाहिए. अभी भी कोशिश कीजिए कि देश के अलग-अलग हिस्सों से ट्रेन चलाकर बिहारी लोगों को वापस लाया जाए.
लोगों को ट्रेनों से लाने का काम जारी
बता दें केंद्रीय गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइन के बाद से दूसरे राज्यों में फंसे बिहारी मजदूरों और छात्रों को ट्रेनों से बिहार लाने का काम जारी है. लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों में लाखों बिहारी फंसे हुए हैं. लेकिन क्या संसाधन इतना है कि सभी को बिहार सरकार वापस ले आए? यह अपने आप में बड़ा सवाल है.