नई दिल्ली: 2014 के लोकसभा चुनाव में NDA में लोजपा 7 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ी, जबकि 2019 में लोजपा ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा. 2014 के मुकाबले 2019 में लोजपा को एक सीट कम मिली थी. इसके बदले में BJP ने वादा किया था वो लोजपा को राज्यसभा कोटे की अपनी एक सीट देगी. बीजेपी ने अपने वादे अनुसार ऐसा किया भी.
पहले रविशंकर प्रसाद बिहार से BJP के राज्यसभा सांसद थे. 2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने पटना साहिब से लड़ा और जीत गये. इसके बाद राज्यसभा की सीट उन्होंने छोड़ दी. यह सीट लोजपा को दे दी गई और इस सीट से लोजपा संस्थापक राम विलास पासवान को राज्यसभा भेजा गया. कुछ समय पहले ही रामविलास पासवान का निधन हुआ. उसके बाद सीट खाली हो गयी. 14 दिसंबर को इस सीट पर उपचुनाव होना.
सुशील मोदी और शाहनवाज हुसैन
इस सीट पर एनडीए का हक है तथा बीजेपी की तरफ से इस सीट को भरा जाना है. BJP सामाजिक और राजनैतिक पहलुओं पर विचार कर रही है. सूत्रों के अनुसार बिहार के पूर्व डिप्टी CM सुशील मोदी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का नाम सबसे आगे चल रहा है. पार्टी इनमें से किसी एक को BJP राज्यसभा में भेज सकती है.
सुशील मोदी को इस बार बिहार में फिर से NDA सरकार बनने पर उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है. BJP के कद्दावर नेता हैं. उनको केंद्र में भेजने पर विचार चल रहा है. जानकारी के अनुसार उनको केंद्र सरकार में मंत्री भी बनाया जा सकता. वित्त मामलों के बहुत जानकार हैं. GST काउंसिल के चेयरमैन भी रहे हैं. वहीं, वो बिहार में लगातार वित्त मंत्री भी रहे.
शाहनवाज हुसैन को लेकर बीजेपी की रणनीति
दूसरी ओर शाहनवाज हुसैन की बात करें तो 2014 में भागलपुर से बहुत ही कम ही वोट से लोकसभा चुनाव हार गए थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर की सीट जदयू के कोटे में चली गयी इसलिये चुनाव नहीं लड़े थे. BJP इनको राज्यसभा भेज सकती है. केंद्र सरकार में मंत्री भी बन सकते हैं. शाहनवाज अगर केंद्र में जाते हैं तो आने वाले समय में पश्चिम बंगाल एवं उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा हो सकता है. बिहार के सीमांचल में भी BJP अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है.
चिराग मां को भेजना चाहते हैं राज्यसभा
वहीं सूत्रों के अनुसार इस राज्यसभा सीट को लेकर लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान भी दावा कर रहे हैं. उनके पिता के निधन के बाद ही यह सीट खाली हुई है. वह अपनी मां रीना पासवान को राज्यसभा भेजना चाहते हैं लेकिन BJP ने अपने कोटे से यह सीट लोजपा को दी थी एवं मौजूदा समय में लोजपा बिहार NDA का हिस्सा भी नहीं है. बिहार विधानसभा का चुनाव वह बिहार NDA से अलग होकर लड़ी और JDU के खिलाफ उम्मीदवार दी थी. यही कारण रहा कि जदयू को भारी नुकसान हुआ. 33 सीटों पर लोजपा के कारण जदयू को हार का सामना करना पड़ा.
- लोजपा की ओर से पीएम मोदी को खत भी लिखा जा चुका है.
- पार्टी कार्यकर्ता रीना पासवान को उम्मीदवार बनाए जाने की मांग कर रहे हैं.
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वैसे राजनीति में कुछ भी संभव है. अगर BJP लोजपा के किसी प्रत्याशी को राज्यसभा भेजने का ऐलान करती है तो ऐसी परिस्थिति में जदयू उसका समर्थन नहीं करेगी. जदयू के समर्थन के बगैर लोजपा प्रत्याशी की जीत संभव नहीं हो पाएगी. इसलिए यह तय माना जा रहा है कि यह सीट भाजपा के खाते में ही जाएगी.